
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
राजस्थान के डीग जिले के बाढ़ग्रस्त नगला दांदू गांव में संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत बाढ़ राहत सामग्री पहुंचाई गई, जिससे 66 वर्षों से डूबी हुई जमीन को सूखाने का असरदार कार्य तेजी से शुरू हो सकेगा। इस मुहिम ने किसानों और ग्रामवासियों के लिए एक नई आशा जगाई है।
संत रामपाल जी महाराज का बड़ा सहयोग
संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की टीम ने नगला दांदू गांव में 20 HP की दो मोटरें, एक जेनरेटर, डीजल, 8 इंची के 13,000 फुट पाइप और 40 फुट का तार गांववासियों को उपलब्ध कराया। यह सामग्री गांव के खेतों से पानी निकालने और जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
गांववालों का आभार और पगड़ी भेंट कर सम्मान
ग्रामीणों ने संत रामपाल जी महाराज को माला पहनाकर और पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया। एक ग्रामीण ने कहा, “कई बार प्रशासन के दरवाजे खटखटाए लेकिन कोई समाधान नहीं मिला, परंतु संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम ने वास्तव में असली राहत दी है।”
66 वर्षों से बनी बाढ़ की समस्या का समाधान
यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है कि पिछले 66 वर्षों से डूबी हुई जमीन का पानी निकालना अब संभव हो पा रहा है। ये राहत सामग्री उसी समस्या के समाधान के लिए भेजी गई है ताकि वर्षा के कारण बर्बाद हुई फसल और खेतों की पुनः सिंचाई संभव हो सके।
संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम का विस्तार
यह मुहिम राजस्थान के अलावा हरियाणा जैसे कई राज्यों के बाढ़ प्रभावित गांवों में भी सक्रिय है। सतलोक आश्रम के माध्यम से Sant Rampal Ji महाराज ने हजारों फुट पाइप, मोटरें और अन्य सामग्री प्रदान की हैं, जिससे किसानों को स्थायी समाधान मिला है और वो अगली फसल बोने की तैयारी कर सके हैं।
स्थानीय प्रशासन के असमर्थ होने पर राहत कार्य
गांव के लोगों ने कहा कि कई बार स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली, लेकिन संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम ने तुरंत सहायता प्रदान कर गांव में खुशियां लौटाईं।
ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव
राहत सामग्री के मिलने से खेतों में जल निकासी शुरू हो गई है, जिससे किसानों की फसल बचाने की उम्मीद जगी है। यह मदद ग्रामीणों के लिए दिवाली जैसा तोहफा साबित हुई है, जिससे उनके जीवन में बदलाव और समृद्धि के द्वार खुलेंगे।
सतत विकास और जिम्मेदारी का आह्वान
संत रामपाल जी महाराज ने ग्रामीणों को यह सलाह भी दी कि वे प्रदान की गई सामग्री का सही और प्रभावी उपयोग करें ताकि आने वाली बाढ़ों से स्थायी सुरक्षा मिल सके और वे निरंतर खेती कर सकें। उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार वे आगे भी मदद प्रदान करने के लिए तैयार हैं।









