Wednesday, August 6, 2025
spot_img

मेरा कसूर क्या था अब्बा? दो प्रेमियों की Love Story का ऐसा खौफनाक अंत कि UP सरकार तक हिल गई

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पालड़ी गांव के दो प्रेमियों सानिया और सागर की क्रूर हत्या ने न सिर्फ समाज, बल्कि परिवार और व्यवस्था की चुप्पी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जानिए इस सनसनीखेज मामले की पूरी सच्चाई।

जहां इश्क़ की उड़ान को मिली मौत की ज़मीन

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक ऐसी खौफ़नाक प्रेम कहानी सामने आई है, जो समाज के कठोर नियमों और जाति-मजहब की बंदिशों का बेनकाब चेहरा दिखाती है। 17 वर्षीय सानिया और 19 वर्षीय सागर की मोहब्बत ने जब जात-पात और इज़्ज़त के दायरों को लांघने की कोशिश की, तो उन्हें प्यार की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी।

इसे भी पढें  सपा कार्यकर्ताओं की हिंसा पर मौलाना रशीदी का फूटा ग़ुस्सा, मुस्लिम संगठनों की चुप्पी पर उठे सवाल

प्रेम की शुरुआत और भागने का फैसला

सानिया और सागर, दोनों बागपत के पालड़ी गांव के निवासी थे। एक मुस्लिम लड़की, दूसरा हिंदू लड़का—लेकिन दोनों के दिल एक हो चुके थे। समाज की दीवारें उनके बीच थीं, मगर मोहब्बत ने उन्हें हिम्मत दी। अंततः, 16 जुलाई 2025 को दोनों ने परिवार की मर्ज़ी के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के ऊना भागने का फैसला किया। यह वही स्थान था जहां सागर का परिवार पहले से काम कर रहा था। उनका सपना था एक नई ज़िंदगी की शुरुआत करना, लेकिन यह सपना जल्द ही टूटने वाला था।

पीछा, पकड़ और जबरन वापसी

हालांकि, सानिया के परिजनों ने उन्हें जल्द ही ट्रैक कर लिया। उनके ताऊ और चचेरे भाई हिमाचल प्रदेश तक पीछा करते हुए पहुंच गए और दोनों को जबरदस्ती गांव वापस ले आए। रास्ते भर उन्हें प्रताड़ना और अपमान का सामना करना पड़ा। न कहीं कोई सहारा था, न कोई सहानुभूति।

गांव लौटते ही बर्बरता की इंतहा

गांव पहुंचने के बाद सानिया के साथ लगातार मारपीट की गई। सागर और उसके परिवार को भी बंधक बनाकर रखा गया। कोशिश की गई कि सानिया की जबरन शादी कहीं और कर दी जाए, लेकिन उसने दृढ़ता से इंकार कर दिया। इस इंकार की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

इसे भी पढें  ट्यूबवेल पर रात में सोया था मज़दूर, सुबह मिली खून से लथपथ लाश — सिर कूंच कर की गई बेरहम हत्या

वो रात जब सानिया की सांसें छीन ली गईं

23 जुलाई की रात को सानिया को फिर से बेरहमी से पीटा गया। आरोप है कि उसके ताऊ मतलूब और अन्य रिश्तेदारों ने मिलकर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। सानिया के माता-पिता ने उसे बचाने की कोशिश की, मगर उनकी बात किसी ने नहीं सुनी। हत्या के बाद यह कहकर गांव वालों को बहलाने की कोशिश की गई कि सानिया की मौत टीबी से हुई है, और उसे उसी रात चुपचाप दफना दिया गया।

गांव की रहस्यमयी चुप्पी और राजनीतिक दबदबा

जब सानिया को दफनाया जा रहा था, तब कुछ गांववालों ने उसके शरीर पर चोट के निशान देखे। बावजूद इसके, डर और स्थानीय राजनीतिक प्रभाव के चलते किसी ने भी पुलिस से संपर्क नहीं किया। सानिया के दादा एक प्रमुख राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं और इलाके में खासा प्रभाव रखते हैं। इस दबदबे ने सच्चाई को लंबे समय तक दबाए रखा।

इसे भी पढें  'मिशन सौगंध', आकाश में खड़े हाथ और शपथ लेते ये लोग कोई आम नहीं, बल्कि अपराधी हैं

जब सागर के परिवार ने तोड़ी चुप्पी

इस भयावह घटनाक्रम के बीच, सागर का परिवार विशेष रूप से उसके पिता रामपाल निरंतर धमकियों और प्रताड़नाओं का सामना करते रहे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 24 जुलाई को रामपाल ने पुलिस को कॉल कर सारी घटना बताई, लेकिन शुरुआती तौर पर पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

इसे भी पढें  पिता का सपना, बेटी का संकल्प—तनिष्का बनना चाहती है भारत की न्याय योद्धा

सोशल मीडिया से जागा प्रशासन

रामपाल ने 25 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन को संबोधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने पूरी आपबीती सुनाई। यह वीडियो वायरल हुआ और राज्य भर में हड़कंप मच गया। मीडिया के दबाव और जनभावना के चलते प्रशासन को हरकत में आना पड़ा।

कब्र से निकली क्रूरता की सच्चाई

26 जुलाई को बागपत के जिलाधिकारी (DM) के आदेश पर कब्रिस्तान में खुदाई करवाई गई। पुलिस और एसडीएम की निगरानी में कब्र से निकली सानिया की लाश ने सारी सच्चाई उजागर कर दी। शरीर पर गला घोंटने और मारपीट के स्पष्ट निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इन तथ्यों की पुष्टि हुई।

इसे भी पढें  मानिकपुर में पत्रकारिता की आड़ में सट्टा साम्राज्य! पुलिस की चुप्पी या मिलीभगत? बड़ा खुलासा...

कार्रवाई की शुरुआत, मगर अधूरी इंसाफ़ की राह

इस रिपोर्ट के आधार पर सानिया के ताऊ मतलूब और पांच अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। कुछ अन्य आरोपी अब भी फरार हैं जिनकी तलाश जारी है। प्रशासन ने जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अभी भी डर और दबाव का माहौल बना हुआ है।

क्या अब भी ज़िंदा है न्याय?

इस पूरी घटना ने कई बड़े सवाल खड़े किए हैं—क्या आज भी जाति और मजहब के नाम पर प्यार की हत्या जायज़ मानी जाती है? क्या इज़्ज़त की आड़ में किसी की जान लेना समाज को मंजूर है? क्या राजनीति का प्रभाव इंसानियत को कुचल सकता है?

इसे भी पढें  शब्द बेजान हो गए जब व्यवस्था बहरी हो गई...

सागर और सानिया की कहानी सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है, यह एक आईना है जिसमें समाज, व्यवस्था और परिवार के वो चेहरे नज़र आते हैं, जो इश्क़ को सज़ा और चुप्पी को सुरक्षा समझते हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,500SubscribersSubscribe

“अक्षरों की आरती से रोशन हुआ देशप्रेम, कवितायन में उठी राष्ट्रगान की लहर”

संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट गोरखपुर। देश की विविध भाषाई और सांस्कृतिक परंपराओं को एक मंच पर समेटते हुए शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश ने...

‘कामचोरी का थाना’, वर्दी पहन ली, मगर जिम्मेदारी छोड़ दी, 15 वर्दीधारी गायब, SP ने दिखाई असली वर्दी की ताकत

अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट देवरिया, उत्तर प्रदेश – जिले के पुलिस विभाग में उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस अधीक्षक (SP) विक्रांत वीर ने...
- Advertisement -spot_img
spot_img

“राजनीतिक साजिश है, मऊ उपचुनाव के लिए रास्ता साफ करना चाहते हैं” उमर अंसारी की गिरफ्तारी पर गरजे अफजाल अंसारी

जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट मऊ। मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी की गिरफ्तारी को लेकर उनके चाचा और सपा सांसद अफजाल अंसारी ने बड़ा...

हाईवे पर शव फेंककर जाम कराने का प्रयास: सपा जिला उपाध्यक्ष सहित 34 लोगों पर केस दर्ज, वीडियो वायरल

अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट गोंडा, उत्तर प्रदेश – देहात कोतवाली क्षेत्र के बालपुर बाजार के पास सोमवार की शाम एक सनसनीखेज घटना सामने आई,...