हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में प्रतिबंधित खांसी की दवा डेक्सट्रोमेथोरफन का सेवन एक 22 वर्षीया युवती के लिए भारी पड़ गया। देर रात घर में रखे पुराने कफ सिरप को पीने के कुछ ही घंटों बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। चक्कर, उल्टियां और पूरे शरीर में तेज दर्द की शिकायत के बाद परिजन उसे आनन–फानन में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे गंभीर हालत में आरबीएम अस्पताल में भर्ती कर लिया। फिलहाल डॉक्टर उसके स्वास्थ्य पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं।
दही वाली गली की रहने वाली अनुष्का, तीन दिन से परेशान थी खांसी से
जानकारी के अनुसार, शहर की दही वाली गली में रहने वाली 22 वर्षीय अनुष्का पिछले करीब तीन दिनों से तेज खांसी से जूझ रही थी। परिजनों ने शुरुआत में घर पर ही सामान्य देसी नुस्खों से आराम मिलने की उम्मीद की, लेकिन खांसी में खास राहत नहीं मिली। इसी बीच घर में उन्हें सरकारी अस्पताल से पहले मंगवाई गई एक पुरानी खांसी की दवा की बोतल मिली, जिसमें डेक्सट्रोमेथोरफन युक्त कफ सिरप भरा हुआ था।
परिजनों का मानना था कि पहले भी इसी दवा के इस्तेमाल से खांसी में आराम मिला था, इसलिए उन्होंने इसे सुरक्षित समझते हुए घर में रख छोड़ा था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि दवा की बोतल की एक्सपायरी डेट पार हो चुकी थी या नहीं, लेकिन प्रतिबंधित प्रकृति की इस दवा का बिना चिकित्सकीय परामर्श सेवन करना ही आगे चलकर बेहद खतरनाक साबित हुआ।
रात 3 बजे पी खांसी की दवा, सुबह होते-होते बिगड़ने लगी तबीयत
परिवार के सदस्य बताते हैं कि बीती रात करीब 3 बजे अनुष्का ने घर में रखी वही खांसी की दवा पी और इसके बाद सोने चली गई। शुरुआती कुछ घंटों तक सब कुछ सामान्य लग रहा था और परिवार वाले भी गहरी नींद में थे। लेकिन सुबह होते-होते स्थिति अचानक बदल गई। बताया जाता है कि नींद खुलने पर अनुष्का को पहले हल्का चक्कर आने लगा, फिर धीरे–धीरे चक्कर बढ़ते गए और उसे अत्यधिक कमजोरी महसूस होने लगी।
थोड़ी ही देर में उसे लगातार उल्टियां होने लगीं और पूरे शरीर में तेज दर्द की शिकायत सामने आई। घरवालों ने पहले इसे सामान्य रिएक्शन या थकान समझकर अनदेखा करने की कोशिश की, लेकिन हालत लगातार बिगड़ती देख सब घबरा गए। ऐसे हालात में परिवार ने तुरंत पास के एक निजी डॉक्टर से संपर्क किया।
निजी डॉक्टर ने स्थिति देख दी चेतावनी, तुरंत आरबीएम अस्पताल रेफर
परिजन अनुष्का को नजदीकी डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने युवती की स्थिति देखने के बाद प्राथमिक जांच की और उसके लक्षणों को गंभीर मानते हुए परिजनों को समय गंवाए बिना आरबीएम अस्पताल ले जाने की सलाह दी। डॉक्टर के अनुसार चक्कर, उल्टी, शरीर में दर्द और सामान्य से अधिक सुस्ती जैसे लक्षण खांसी की दवा के दुष्प्रभाव या ओवरडोज का संकेत हो सकते हैं, जो गंभीर स्तर तक भी पहुंच सकते हैं।
डॉक्टर की सलाह पर परिजन तुरंत अनुष्का को लेकर आरबीएम अस्पताल पहुंचे, जहां इमरजेंसी वार्ड में उसका उपचार शुरू किया गया। अस्पताल के चिकित्सा सूत्रों के मुताबिक, अनुष्का को संदिग्ध दवा सेवन के मामले के रूप में भर्ती किया गया है और उसकी हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।
डॉक्टरों की निगरानी में चल रहा इलाज, दवा के सैंपल की भी जांच की तैयारी
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि फिलहाल अनुष्का को आवश्यक दवाओं और फ्लूइड्स के माध्यम से स्थिर करने की कोशिश की जा रही है। डॉक्टरों की एक टीम उसकी पल-पल बदलती स्थिति पर नजर रखे हुए है। शुरुआती आशंका यही जताई जा रही है कि प्रतिबंधित खांसी की दवा डेक्सट्रोमेथोरफन का सेवन मामले की मूल वजह हो सकती है।
परिजनों से घर में रखी दवा की बोतल भी अस्पताल लाने को कहा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उसके सैंपल की जांच कराई जा सके। जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो सकेगा कि दवा एक्सपायर थी या नहीं, उसमें निर्धारित से अधिक मात्रा में सक्रिय तत्व मौजूद था या उसकी गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं थी।
प्रतिबंधित खांसी की दवा और खुद से दवा लेने की आदत, दोनों ही बन रहे खतरा
चिकित्सा विशेषज्ञ लगातार चेतावनी देते रहे हैं कि डेक्सट्रोमेथोरफन जैसे घटक वाली कुछ खांसी की दवाओं का बेवजह या बिना चिकित्सकीय पर्चे के सेवन, स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। कई बार यह दवाएं नींद लाने, चक्कर, रक्तचाप में उतार–चढ़ाव, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ और कुछ मामलों में बेहोशी तक की स्थिति पैदा कर सकती हैं।
बावजूद इसके, आम लोगों में खुद से दवा लेने (सेल्फ मेडिकेशन) की आदत अभी भी बहुत प्रचलित है। घर में बची हुई या पुरानी दवाओं को सुरक्षित समझकर वर्षों तक अलमारी में रख दिया जाता है और फिर अचानक किसी भी समस्या में बिना डॉक्टर की सलाह के उन्हें पी लिया जाता है। भरतपुर का यह ताज़ा मामला भी इसी लापरवाही की ओर इशारा करता है कि जागरूकता के बावजूद लोग स्वास्थ्य को लेकर जोखिम उठाने से नहीं बच रहे हैं।
परिवार और समाज के लिए सीख: दवा लेते समय बरतें ये सावधानियां
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हम दवा को खिलौना समझकर इस्तेमाल कर रहे हैं? चिकित्सकों का कहना है कि किसी भी सिरप, टैबलेट या कैप्सूल को लेने से पहले कुछ बुनियादी सावधानियां हर व्यक्ति को अनिवार्य रूप से अपनानी चाहिए:
- खांसी, बुखार या अन्य बीमारी में खुद से दवा लेने की बजाय डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- घर में रखी पुरानी दवाओं की एक्सपायरी डेट अवश्य जांचें, एक्सपायरी हो चुकी दवा कभी न लें।
- खासतौर पर बच्चों और युवाओं को कफ सिरप जैसे ड्रग्स का मनोरंजन या प्रयोग के लिए सेवन करने से सख्ती से रोकें।
- प्रतिबंधित या नियंत्रित दवाओं का बिना पर्चे के विक्रय भी कानूनन दंडनीय है, इसकी जानकारी आसपास के लोगों को दें।
- यदि किसी दवा के सेवन के बाद चक्कर, उल्टी, घबराहट या सांस फूलने
अनुष्का का मामला केवल एक परिवार की परेशानी का किस्सा नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि खुद से दवा लेने की संस्कृति हमें किस हद तक संकट में डाल सकती है। फिलहाल भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में उसका इलाज जारी है और परिजन उसकी सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं।
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प्रश्न 1: भरतपुर में क्या घटना हुई है?
भरतपुर में 22 वर्षीय युवती ने घर में रखी प्रतिबंधित खांसी की दवा डेक्सट्रोमेथोरफन पी ली, जिसके बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। चक्कर, उल्टी और शरीर में दर्द की शिकायत के बाद उसे आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।
प्रश्न 2: युवती की हालत फिलहाल कैसी बताई जा रही है?
अस्पताल के चिकित्सा सूत्रों के अनुसार, युवती आरबीएम अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में है। उसकी हालत को गंभीर मानते हुए लगातार मॉनिटर किया जा रहा है और आवश्यक उपचार दिया जा रहा है।
प्रश्न 3: इस घटना से आम लोगों को क्या सीख लेनी चाहिए?
सबसे बड़ी सीख यह है कि खुद से दवा लेना बेहद खतरनाक हो सकता है। घर में रखी पुरानी या प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। किसी भी बीमारी में योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर ही दवा का सेवन करना सुरक्षित है।
प्रश्न 4: डेक्सट्रोमेथोरफन युक्त दवाओं से क्या खतरे हो सकते हैं?
डेक्सट्रोमेथोरफन युक्त दवाओं का बेवजह या अधिक मात्रा में सेवन चक्कर आना, उल्टी, अत्यधिक सुस्ती, सांस लेने में तकलीफ, ब्लड प्रेशर में उतार–चढ़ाव और गंभीर स्थिति में बेहोशी तक का कारण बन सकता है। इसलिए इन दवाओं का उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।