
चित्रकूट जिले के तहसील मानिकपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत भौंरी में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा का मुद्दा लगातार गंभीर होता जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पंचायत की सरकारी भूमि, बंजर, नाला एवं बेलहिया पुरवा संपर्क मार्ग पर बड़े पैमाने पर कब्जा हो रहा है और प्रशासन की चुप्पी ने इस स्थिति को और भी चिंताजनक बना दिया है। आरोप है कि अवैध कब्जों के पीछे लेखपाल श्री अजय दिनकर एवं ग्राम पंचायत के प्रधान भौंरी की मिलीभगत है।
ग्रामीणों ने कई बार संबंधित अधिकारियों को लिखित शिकायतें सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की, लेकिन अभी तक किसी भी स्तर पर ठोस कार्यवाही देखने को नहीं मिली। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब भी वे शिकायत करने जाते हैं, उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता है, परंतु जमीनी स्तर पर कोई समाधान नहीं निकल रहा।
तहसील दिवस में मंडलायुक्त के आदेश के बावजूद कार्रवाई शून्य
15 नवंबर 2025 को आयोजित तहसील दिवस के दौरान ग्रामीणों ने यह मामला मंडलायुक्त के समक्ष उठाया था। गम्भीरता को देखते हुए मंडलायुक्त ने SDM मानिकपुर को तत्काल अवैध कब्जा हटवाने के निर्देश दिए थे। उपस्थित ग्रामीणों को विश्वास था कि अब अवैध कब्जों पर रोक लगेगी और ग्राम पंचायत की जमीन सुरक्षित रहेगी, किंतु इसके बावजूद लगभग दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बात यहीं खत्म नहीं हुई — इसके विपरीत कब्जाधारियों ने प्रशासन की निष्क्रियता का फायदा उठाते हुए 29 नवंबर 2025 को बेलहिया पुरवा संपर्क मार्ग पर अवैध कब्जा करते हुए शौचालय, टैंक और अन्य निर्माण शुरू कर दिया। ग्रामीणों के लिए यह स्थिति अत्यंत आक्रोशजनक है क्योंकि जिस रास्ते का उपयोग हजारों की आबादी आवागमन के लिए करती है, वह अब अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहा है।
ग्रामीणों में आक्रोश — न्याय मिले या आंदोलन की राह?
ग्रामवासियों ने स्पष्ट कहा है कि वे प्रशासन की निष्क्रियता के आगे हार नहीं मानेंगे। अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जल्द ही अनिश्चितकालीन धरना एवं आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने भरोसा जताया कि जिलाधिकारी चित्रकूट मामले का संज्ञान लेकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करेंगे।
ग्रामीणों ने मांग की है कि अवैध निर्माण करने वालों के साथ-साथ सहयोगी लेखपाल एवं प्रधान पर भी विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में सरकारी भूमि पर कब्जा करने की प्रवृत्ति समाप्त हो सके और ग्राम पंचायत की संपत्ति संरक्षण सुनिश्चित हो।
प्रशासन सक्रिय होगा तो बचेगी सरकारी जमीन
भौंरी पंचायत की स्थिति इस तथ्य की तरफ संकेत करती है कि यदि समय रहते निर्णयात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो गांव की तमाम सरकारी भूमि अतिक्रमण की भेंट चढ़ जाएगी। यह केवल जमीन का सवाल नहीं बल्कि गांव के विकास, सार्वजनिक सुविधा और सामुदायिक अधिकारों का मुद्दा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अधिकारियों की निष्क्रियता जारी रही, तो पंचायत का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
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गांव में अवैध कब्जे किन स्थानों पर हो रहे हैं?
गांव के बंजर, नाला, सरकारी भूमि और विशेष रूप से बेलहिया पुरवा संपर्क मार्ग पर अवैध कब्जे तेजी से बढ़ रहे हैं।
क्या ग्रामीणों ने अधिकारियों को शिकायत दी है?
हाँ, ग्रामीणों ने SDM मानिकपुर सहित कई अधिकारियों को लिखित पत्र दिए हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्या तहसील दिवस में इस मुद्दे पर आदेश दिए गए थे?
15 नवंबर 2025 को तहसील दिवस में मंडलायुक्त ने SDM को तत्काल कब्जा हटवाने के निर्देश दिए थे।
ग्रामीण अब क्या मांग कर रहे हैं?
ग्रामीण जिलाधिकारी चित्रकूट से पूरी जांच करवाने और कब्जाधारियों, लेखपाल तथा प्रधान के खिलाफ विधिक कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
यदि कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण क्या करेंगे?
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि न्याय न मिलने पर वे धरना-प्रदर्शन और आंदोलन की राह अपनाएंगे।