 
📰 चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बहराइच नाव हादसा उत्तर प्रदेश से आई एक बेहद दर्दनाक खबर है जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। बुधवार की रात कौड़ियाला नदी में यात्रियों से भरी एक नाव अचानक पलट गई। इस भीषण हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि आठ लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए त्वरित राहत कार्यों के निर्देश दिए हैं।
कौड़ियाला नदी में नाव पलटने से मचा हाहाकार
बहराइच जिले के भरथापुर गांव के पास यह हादसा हुआ। ग्रामीण खैरटिया से लौट रहे थे जब कौड़ियाला नदी में नाव पलट गई। नदी के तेज बहाव और नाव के अधिक भराव को हादसे का प्रमुख कारण बताया जा रहा है। बताया गया कि नाव में कुल 22 यात्री सवार थे जिनमें से 13 लोग तैरकर सुरक्षित बाहर निकल आए, एक महिला का शव बरामद हुआ और बाकी 8 लोग अब भी लापता हैं।
लापता लोगों की पहचान और स्थिति
बहराइच नाव हादसे में लापता लोगों की पहचान हो चुकी है। इनमें नाविक मिहिलाल यादव (38), शिवनंदन मौर्य (50), सुमन (28), सोहनी (5), शिवम (9), मृतका रमजैया के दो पौत्र और पंचम की पांच वर्षीय पुत्री शामिल हैं। ग्रामीणों और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए राहत कार्य तेज करने के निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बहराइच नाव हादसे का संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचने और राहत कार्य सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को हरसंभव संसाधनों के साथ राहत एवं बचाव कार्य में लगाया जाए।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ का रेस्क्यू अभियान जारी
बहराइच नाव हादसे के बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार नदी में खोजबीन कर रही हैं। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि उपजिलाधिकारी और एसएसबी जवान मौके पर डटे हुए हैं। नदी की तेज धार और अंधेरे के कारण राहत दलों को दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन सर्च ऑपरेशन पूरी रात जारी रहा।
घाघरा बैराज से छोड़े गए पानी से बढ़ा खतरा
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज के गेट खोलने से कौड़ियाला नदी में पानी का दबाव अचानक बढ़ गया था। इसी कारण नाव का संतुलन बिगड़ गया और यह दुर्घटना हुई। अब बैराज के गेट बंद कर दिए गए हैं, लेकिन नदी की तेज धार अब भी राहत कार्य में बाधा बन रही है।
इलाके में कमजोर सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
बहराइच नाव हादसे ने प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नदी पार करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम नहीं हैं और नावों की नियमित जांच भी नहीं होती। बारिश और पानी के तेज बहाव के बावजूद नाविकों को सतर्कता के निर्देश नहीं दिए गए थे।
गांव में पसरा मातम, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
भरथापुर गांव में हर तरफ शोक की लहर है। मृतका महिला के घर पर कोहराम मचा हुआ है। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी सदमे में हैं। ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि लापता लोगों की खोज तेज की जाए और मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।
मुआवजा और सरकारी सहायता पर चर्चा
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, बहराइच नाव हादसे के पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाएगी। आपदा राहत कोष से मुआवजा राशि तय की जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा है कि राहत सामग्री और मेडिकल सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जा रही है।
🟢 सवाल-जवाब (FAQ): बहराइच नाव हादसा
❓ बहराइच नाव हादसा कब और कहाँ हुआ?
यह हादसा बुधवार रात कौड़ियाला नदी में भरथापुर गांव के पास हुआ जब ग्रामीण खैरटिया से लौट रहे थे।
❓ हादसे में कितने लोग लापता हैं?
नाव में 22 यात्री सवार थे, जिनमें से 13 लोग सुरक्षित हैं, एक महिला की मौत हुई है और 8 लोग अब भी लापता हैं।
❓ सीएम योगी ने क्या निर्देश दिए?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ तत्काल राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
❓ हादसे का मुख्य कारण क्या बताया जा रहा है?
ग्रामीणों के अनुसार नदी का तेज बहाव, नाव का अधिक भराव और एक टूटे हुए पेड़ से टकराना इस त्रासदी का मुख्य कारण रहा।
❓ रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति क्या है?
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार नदी में खोजबीन कर रही हैं। रेस्क्यू अभियान रातभर जारी रहा।
© रिपोर्ट: चुन्नीलाल प्रधान | बहराइच नाव हादसा – कौड़ियाला नदी त्रासदी की पूरी कहानी








