🟠 चित्रकूट जिले में भू माफियाओं का नेटवर्क गरीब किसानों की जमीन पर कर रहा है अवैध कब्जा। भाकियू (भानु) जिलाध्यक्ष ने राजस्व परिषद को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की। जानिए पूरा मामला।
➡️ संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट जिले में इन दिनों भू माफियाओं का नेटवर्क तेजी से सक्रिय हो रहा है। ये माफिया न केवल किसानों की पैतृक भूमि पर जबरन कब्जा कर रहे हैं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता के चलते उनके हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं।
हालात ऐसे हैं कि पीड़ित किसान न्याय की आस में अधिकारियों के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता है — कार्रवाई नहीं।
➡️ भाकियू (भानु) जिलाध्यक्ष भी बने शिकार
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि खुद भारतीय किसान यूनियन (भानु) के जिलाध्यक्ष जयनारायण जायसवाल भी भू माफियाओं की चालबाजियों का शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी पैतृक भूमि पर भू माफिया कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
➡️ राजस्व परिषद को लिखा पत्र, जांच व कार्यवाही की मांग
इस संबंध में श्री जायसवाल ने अध्यक्ष, राजस्व परिषद को एक पत्र भेजा है।
उन्होंने पत्र में बताया कि दुर्गा प्रसाद प्रजापति और राजेश नामक व्यक्ति मिलकर भोली-भाली जनता व किसानों को धोखा देकर उनकी जमीनों पर अवैध कब्जा कर रहे हैं।
यदि कोई किसान उनके बहकावे में नहीं आता, तो वे जानबूझकर विवाद खड़ा कर उसकी भूमि को अपने नाम रजिस्ट्री करवा लेते हैं।
➡️ बिना बंटवारे व स्टे आदेशों की अनदेखी कर रहे कब्जा
जयनारायण जायसवाल ने आरोप लगाया कि इन लोगों का गिरोह 8–10 लोगों का है। उन्होंने कोल गदहिया स्थित गाटा संख्या 402 में पहले ही रजिस्ट्री करवा रखी है।
अब वे विवादित भूमि गाटा संख्या 395 — जो सड़क में समाहित है — को अवैध रूप से कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं।
उनका आरोप है कि यह पूरा नेटवर्क स्टे-मुक्त भूमि और बिना बंटवारे वाली संपत्तियों को फर्जी तरीके से खरीदकर गैरकानूनी मुनाफा कमा रहा है।
➡️ भू माफिया घोषित कर संपत्तियां कुर्क करने की मांग
जायसवाल ने अपने पत्र में आग्रह किया है कि इन सभी आरोपितों को भूमाफिया घोषित किया जाए और उनकी संपत्तियों को कुर्क या जब्त किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पास सभी प्रमाण और दस्तावेज मौजूद हैं, जो जांच के दौरान प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
➡️ क्या होगी प्रशासन की अगली चाल?
अब देखना यह है कि क्या राजस्व परिषद इस गंभीर मामले पर जांच बैठाकर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करेगी, या फिर दबंग भू माफिया इसी तरह गरीब किसानों को उनकी जमीन से बेदखल करते रहेंगे?
यह न केवल किसानों के अधिकारों पर हमला है, बल्कि शासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।