
सोनू करवरिया की रिपोर्ट
नरैनी किसान समस्याएँ और कृषि क्षेत्र की चिंता
नरैनी (बांदा) में किसानों की समस्याएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन (अराजनीतिक संगठन) ने आज उपजिलाधिकारी नरैनी, श्री अमित शुक्ला को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि चित्रकूट धाम मंडल में खाद आपूर्ति व्यवस्था चरमराई हुई है।
किसानों का कहना है कि समय पर खाद न मिलने के कारण खेतों में बुवाई और फसल तैयार करने में विलंब हो रहा है। विशेष रूप से धान की फसल प्रभावित हो रही है। यदि खाद आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ, तो किसानों की फसल उत्पादन क्षमता और उनकी आय पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
इसके अतिरिक्त, नरैनी किसान समस्याएँ में यह भी सामने आया कि कई किसान बेसहारा गोवंश की समस्या से जूझ रहे हैं। कई ग्राम पंचायतें गोवंशों को गौशालाओं में सुरक्षित नहीं कर रही हैं, जिससे किसान अपनी खड़ी फसलें खो रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितताएँ
नरैनी किसान समस्याएँ केवल कृषि तक सीमित नहीं हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी गंभीर समस्याएँ सामने आई हैं।
संगठन ने बताया कि नरैनी कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में कथित रूप से खुला दलाली और अनियमितताएँ व्याप्त हैं। चिकित्सक मरीजों को बाहर की महंगी दवाएँ लिखने के लिए मजबूर कर रहे हैं। जांचों के नाम पर कमीशन लिया जा रहा है।
इसके अलावा, कस्बे के निजी पैथोलॉजी और जांच केंद्र मलेरिया, टायफाइड, खून और पेशाब जैसी जांचों के लिए मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। डॉक्टर और पैथोलॉजी संचालकों के बीच कमीशन बंधा होने के कारण गरीब और किसान वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है।
बीज और मिनी किट की समय पर आपूर्ति न होना
नरैनी किसान समस्याएँ में बीज और मिनी किट की कमी भी बड़ी चिंता का विषय है। कई किसान बताते हैं कि उन्हें बीज मिनी किट समय पर नहीं मिल रही, जिससे खेती की योजना प्रभावित हो रही है।
इससे किसान मजबूर होकर महंगे निजी स्रोतों से बीज खरीदने पर मजबूर हो जाते हैं, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर और दबाव डालता है। क्रांतिकारी किसान यूनियन ने इस मामले में प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन की चेतावनी
क्रांतिकारी किसान यूनियन ने स्पष्ट कहा कि यदि नरैनी किसान समस्याएँ का समाधान शीघ्र नहीं किया गया, तो वह आंदोलन का रास्ता अपनाएगी। संगठन ने जोर देकर कहा कि उनका उद्देश्य किसी राजनीतिक लाभ के लिए संघर्ष करना नहीं है, बल्कि किसानों और आम जनता की समस्याओं का न्यायसंगत समाधान सुनिश्चित करना है।
यूनियन ने प्रशासन से अनुरोध किया कि खाद आपूर्ति, बीज मिनी किट वितरण, गोवंश संरक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
स्थानीय अर्थव्यवस्था और किसानों पर प्रभाव
नरैनी किसान समस्याएँ न केवल किसानों की रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि पूरे ग्रामीण समुदाय और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाल रही हैं।
समय पर खाद और बीज की उपलब्धता कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है।
बेसहारा गोवंशों का संरक्षण फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाएँ गरीब और किसान वर्ग के लिए आर्थिक राहत प्रदान करती हैं।
यदि प्रशासन ने इन मुद्दों को प्राथमिकता नहीं दी, तो नरैनी किसान समस्याएँ और गंभीर हो जाएँगी।
तत्काल समाधान आवश्यक
नरैनी किसान समस्याएँ का समाधान स्थानीय प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। क्रांतिकारी किसान यूनियन का ज्ञापन इस बात का संकेत है कि किसान और आमजन अब और इंतजार नहीं करेंगे।
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने तत्काल कदम नहीं उठाए, तो वह आंदोलन के माध्यम से अपनी आवाज उठाएगा।
इस प्रकार, नरैनी किसान समस्याएँ केवल कृषि या स्वास्थ्य की समस्या नहीं रह गई हैं, बल्कि यह ग्रामीण समुदाय की आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता से जुड़ी एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं।