
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
✨ तेली पिछड़ा वैश्य समाज की भक्ति का अनोखा उदाहरण
तेली पिछड़ा वैश्य समाज राजस्थान में अपनी आस्था, संस्कृति और एकजुटता के लिए हमेशा चर्चा में रहता है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए तेली पिछड़ा वैश्य महासभा राजस्थान की नई कार्यकारिणी बनने के बाद प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार साहू मंडावर ने नवरात्रों के पावन पर्व पर जयपुर जिले के रायसर स्थित बाँकी माता मंदिर में पहुंचकर माता रानी के चरणों में ढोक लगाई। उन्होंने प्रसाद अर्पित कर माँ से समाज के सभी बंधुओं की सुख-शांति और प्रगति की प्रार्थना की।
🙏 नवरात्रि का पर्व और तेली पिछड़ा वैश्य समाज की आस्था
नवरात्रि शक्ति साधना और भक्ति का पर्व है। इस दौरान तेली पिछड़ा वैश्य समाज पूरे उत्साह के साथ माता रानी की पूजा-अर्चना करता है। बाँकी माता मंदिर, जयपुर जिले का एक प्रमुख शक्तिपीठ माना जाता है, जहाँ हर वर्ष हजारों श्रद्धालु पहुँचते हैं। इस बार विशेषता यह रही कि तेली पिछड़ा वैश्य समाज की नई कार्यकारिणी बनने के बाद प्रदेश उपाध्यक्ष का यह पहला बड़ा धार्मिक आयोजन था।

🌸 मुकेश साहू का संकल्प और संदेश
प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार साहू ने माँ बाँकी माता के दरबार में पूजा करते हुए कहा कि –
“तेली पिछड़ा वैश्य समाज हमेशा धर्म, संस्कृति और सेवा के मार्ग पर अग्रसर रहा है। माता रानी की कृपा से समाज के हर वर्ग को शिक्षा, रोजगार और संगठन के क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी।”
उनका यह संकल्प समाज के युवाओं और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है।
👥 समाज के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर तेली पिछड़ा वैश्य समाज के कई प्रमुख सदस्य भी मौजूद रहे। प्रवीण साहू सिंबूगढ़, हिम्मत सिंह, बाल भारती स्कूल मंडावर के निर्देशक राजेश साहू, कैलाश साहू, छोटा साहू, सुरेन्द्र साहू, चन्दन साहू, मोनू साहू, दिल खुश साहू, रवि साहू (दौसा), तनु साहू (दौसा) और गौतम साहू (दौसा) ने मिलकर सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की और दीप प्रज्वलित किए। इन सभी ने एक स्वर में समाज की उन्नति और भाईचारे की कामना की।
🏛️ तेली पिछड़ा वैश्य समाज की संगठनात्मक शक्ति
तेली पिछड़ा वैश्य समाज राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में अपनी मेहनत, व्यापारिक कौशल और सामाजिक एकजुटता के लिए जाना जाता है। समाज की कार्यकारिणी समय-समय पर ऐसे धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। इससे न केवल धार्मिक विश्वास मज़बूत होता है, बल्कि आपसी सहयोग और संगठनात्मक शक्ति भी बढ़ती है।
प्रदेश उपाध्यक्ष ने इस अवसर पर समाज के उत्थान हेतु कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में समाज की नई पीढ़ी को शिक्षा और संस्कार की दिशा में आगे ले जाने के लिए विशेष पहल की जाएगी।
🌿 नवरात्रि परंपरा और समाज की सांस्कृतिक धरोहर
तेली पिछड़ा वैश्य समाज में नवरात्रि पर्व विशेष महत्व रखता है। घर-घर में माँ के दरबार सजाए जाते हैं, और पूरे परिवार के साथ ढोक लगाना परंपरा का हिस्सा माना जाता है। प्रसाद चढ़ाना, दीप प्रज्वलन करना और सामूहिक भजन-कीर्तन समाज की पहचान है। इस आयोजन में भी यही परंपरा देखने को मिली, जब प्रदेश उपाध्यक्ष और सभी उपस्थित सदस्य माँ के दरबार में झूम उठे।
🔑 तेली पिछड़ा वैश्य समाज का उज्ज्वल भविष्य
आज जब समाज में आधुनिकता और परंपरा का संगम देखा जा रहा है, ऐसे समय में तेली पिछड़ा वैश्य समाज अपनी जड़ों से जुड़ा रहकर भी आगे बढ़ रहा है। नवरात्रि जैसे पर्व समाज को नई ऊर्जा देते हैं और एकता का संदेश फैलाते हैं।
प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश साहू का बाँकी माता मंदिर में ढोक लगाना न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज के लिए दिशा और मार्गदर्शन का भी संदेश है।
तेली पिछड़ा वैश्य समाज के लिए नवरात्रि का पर्व सदैव विशेष महत्व रखता है। प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश साहू द्वारा बाँकी माता रायसर के दरबार में की गई पूजा-अर्चना समाज की एकता, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है।
सदस्यों की सामूहिक उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। इससे स्पष्ट है कि तेली पिछड़ा वैश्य समाज धर्म, संस्कृति और संगठन के साथ-साथ शिक्षा और सेवा की दिशा में भी निरंतर आगे बढ़ रहा है।