गजब, 6ठी पास लेता था मेडिकल छात्रों का एडमिशन : 100 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश, साइबर क्राइम सेल की बड़ी कार्रवाई

📰 रिपोर्ट : कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

लखनऊ, उत्तर प्रदेश : राजधानी लखनऊ में साइबर क्राइम सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने एक बड़े ठगी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी मेडिकल एडमिशन के नाम पर देशभर में लगभग 100 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि गिरोह का सरगना बीटेक पास है जबकि उसका साथी सिर्फ छठी तक पढ़ा है। दोनों के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में 18 मुकदमे पहले से दर्ज हैं।

छात्रों और अभिभावकों को बनाते थे शिकार

डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रेम प्रकाश विद्यार्थी (निवासी – औरंगाबाद, बिहार) और संतोष (निवासी – समस्तीपुर, बिहार) के रूप में हुई है। दोनों ने ‘स्टडी पाथवे कंसलटेंसी’ के नाम से देशभर में कई फर्जी ऑफिस खोल रखे थे। ये NEET परीक्षा देने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को फर्जी तरीके से सीट दिलाने का झांसा देते थे।

आरोपियों ने कई पीड़ितों से 45 लाख, 38 लाख, 23 लाख और 20 लाख रुपये तक की भारी रकम वसूली। छात्रों को यह विश्वास दिलाया जाता था कि उनकी OMR शीट में बदलाव कर या मैनेजमेंट कोटे से सीट दिलाकर उन्हें मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलेगा।

इसे भी पढें  दा एजूकेशन एकेडमी विवाद : ग्रामीण बच्ची के साथ बर्बर मारपीट, स्कूल प्रशासन ने शिकायतों को नजरअंदाज किया

कम मेरिट वाले NEET छात्रों का डेटा खरीदकर ठगी

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से उन छात्रों का डेटा खरीदता था जिनकी NEET में मेरिट कम आती थी। इसके बाद अखबारों, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर कंसलटेंसी के विज्ञापन चलाए जाते थे और छात्रों को टारगेट किया जाता था।

सीतापुर और बाराबंकी मेडिकल कॉलेज के नाम का दुरुपयोग

गिरोह खुद को देश के बड़े मेडिकल कॉलेजों से जुड़ा बताता था और दावा करता था कि सीतापुर व बाराबंकी के निजी मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटे से सीट दिलाई जाएगी। एडवांस फीस के नाम पर लाखों रुपये फर्जी बैंक खातों में जमा कराए जाते थे।

गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के पास से ₹5 लाख नकद, फर्जी दस्तावेज, बैंक खातों और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है।

‘डीपीएस जूनियर स्कूल’ की फर्जी फ्रेंचाइजी बेचने का भी खुलासा

गिरोह के सरगना प्रेम प्रकाश ने स्कूल फ्रेंचाइजी के नाम पर भी ठगी का बड़ा नेटवर्क चलाया। उसने चर्चित ‘DPS जूनियर स्कूल’ का नाम इस्तेमाल करते हुए पटना और बनारस में कार्यक्रम आयोजित किए। इन इवेंट्स में गोविंदा और प्रीति जिंटा जैसे सेलिब्रिटीज भी मंच पर दिखे

इसे भी पढें  🪁 जमघट की धूम : लखनऊ के आसमान में नवाबी रंग और एकता की पतंगें

उसने लगभग 70 लोगों को स्कूल की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर 3-3 लाख रुपये सिक्योरिटी ली और स्टडी मटीरियल व यूनिफॉर्म के नाम पर भी लाखों की वसूली की।

बीटेक करते समय शुरू किया ठगी का धंधा

पुलिस की जांच में पाया गया कि प्रेम प्रकाश ने मथुरा के GLA कॉलेज से बीटेक किया, यौन पढ़ाई के दौरान ही मेडिकल सीट दिलाने के नाम पर यह ठगी नेटवर्क शुरू किया था। उसका साथी संतोष महज़ छठी तक पढ़ा है और उसे रैकेट में ₹30,000 प्रतिमाह वेतन पर रखा गया था।

गिरोह पकड़ा न जाए, इसके लिए प्रेम प्रकाश कई फर्जी पहचान—अभिनव शर्मा, राजीव सिंह, सर्वेश शुक्ला आदि नामों का इस्तेमाल करता था।

देश–विदेश में करोड़ों की संपत्ति

पुलिस पड़ताल में सामने आया कि प्रेम प्रकाश ने दिल्ली, बिहार, बनारस और अन्य शहरों में करोड़ों की संपत्ति खरीदी है। उसका औरंगाबाद स्थित घर ही ₹4 करोड़ से अधिक का है। वह सऊदी अरब, वियतनाम, सिंगापुर, रूस, थाईलैंड और स्विट्जरलैंड जैसे देशों की यात्राएं भी कर चुका है।

लखनऊ में भी उसने ₹25 लाख की ज्वेलरी खरीदी थी।

इसे भी पढें  ऊर्जा विभाग ने बदले विभागीय कार्रवाई के नियम : अब 30 दिनों में पूरी होगी जांच, बिजली निगम कर्मचारियों को बड़ी राहत

डेटिंग ऐप TAGO के जरिए युवतियों से संपर्क

डीसीपी ने खुलासा किया कि प्रेम प्रकाश Tagodating ऐप के कर्मचारियों को कमीशन देकर युवतियों के संपर्क नंबर हासिल करता था। लक्जरी लाइफस्टाइल दिखाकर वह उन्हें अपने जाल में फंसाता और मुंबई, गोवा सहित कई शहरों में ले जाता था।

पुलिस अब गिरोह के बैंक खातों, संपत्तियों और बाकी सदस्यों की गहराई से जांच कर रही है और लगातार दबिश दे रही है।

🔎 क्लिक करके सवाल–जवाब पढ़ें

❓ मेडिकल एडमिशन ठगी गिरोह कितने पैसों की धोखाधड़ी कर चुका है?

गिरोह अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है।

❓ आरोपियों के नाम क्या हैं?

मुख्य आरोपी प्रेम प्रकाश विद्यार्थी और उसका साथी संतोष है।

❓ गिरोह किस तरीके से छात्रों को फंसाता था?

NEET में कम मेरिट वाले छात्रों का डेटा खरीदकर उन्हें मैनेजमेंट कोटे और OMR शीट संशोधन के नाम पर सीट दिलाने का झांसा दिया जाता था।

❓ क्या पुलिस आगे और गिरफ्तारियां करेगी?

हाँ, पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और कई ठिकानों पर दबिश जारी है।

📌 अगर आप ठगी या साइबर क्राइम का शिकार हुए हैं तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top