
ब्रिटेन में नाबालिग लड़कियों के निकाह कराने के गंभीर आरोप झेल चुका मौलाना शमसुल हुदा खान अब भारत में भी विवादों के केंद्र में है। नियमों को दरकिनार करते हुए वह न केवल मदरसा चलाता था बल्कि अवैध रूप से गर्ल्स हॉस्टल भी संचालित कर रहा था। इसको लेकर कई शिकायतें की गईं, मगर जिम्मेदार विभागों ने समय रहते मामले पर ध्यान नहीं दिया। आशंका है कि यदि हॉस्टल की जांच समय पर होती तो कई बड़े खुलासे सामने आ सकते थे।
मदरसे में 336 छात्राएं दर्ज, अधिकतर बाहरी जिलों से आती थीं
गोश्त मंडी रोड पर संचालित मदरसा कुल्लियातुल बनातिर रजविया में 336 छात्राओं का पंजीकरण दर्ज है। इसमें स्थानीय छात्राओं के अलावा नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद समेत विभिन्न जिलों की लड़कियां तालीम ले रही थीं। बाहरी छात्राओं के ठहरने के लिए हॉस्टल की व्यवस्था की गई थी, लेकिन विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। यह पूरी व्यवस्था छिपकर चलाई जा रही थी।
मोतीनगर स्थित मकान में गुपचुप तरीके से चलता था हॉस्टल
शिकायतकर्ता अब्दुल हकीम खान ने प्रशासन को बताया कि हॉस्टल मदरसे के भीतर नहीं बल्कि मौलाना के मोतीनगर स्थित निजी घर में संचालित किया जा रहा था। हॉस्टल में न तो सुरक्षा व्यवस्था थी और न ही प्रशासनिक परमिशन। जब अधिकारी जांच के लिए पहुंचे तो वे मदरसा परिसर में हॉस्टल खोजते रहे, जबकि वास्तव में हॉस्टल पूरी तरह अलग जगह पर चल रहा था। बाद में मदरसा सील किए जाने के बाद अभिभावक वहां पहुंचे और बच्चियों को लेकर गए।
2014 में ब्रिटेन में नाबालिग लड़कियों के जबरन निकाह का स्टिंग
शमसुल हुदा खान का विवाद कोई नया नहीं है। वर्ष 2014 में ब्रिटेन में हुए स्टिंग ऑपरेशन में नाबालिग लड़कियों का जबरन निकाह कराने का मामला उजागर हुआ था। यह मामला अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में छाया रहा। बाद में इस पर एक डाक्यूमेंट्री भी बनी। कट्टरपंथी विचारधारा वाले मौलाना की तकरीरें आज भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं और लगातार प्रसारित की जाती हैं।
पंजीकरण में हॉस्टल का जिक्र नहीं, अब शुरू हुई जांच
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रवीन कुमार मिश्र ने स्पष्ट किया कि मदरसे के पंजीकरण दस्तावेजों में कहीं भी हॉस्टल संचालन का उल्लेख नहीं है। यदि बिना अनुमति हॉस्टल चलाया जा रहा था तो यह गंभीर उल्लंघन है। विभाग द्वारा इसी आधार पर जांच शुरू कर दी गई है और सत्यता मिलने पर आगे कार्रवाई उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
समाज को झकझोरने वाला मामला — सवालों के घेरे में स्थानीय जिम्मेदार
सबसे बड़ा सवाल यह है कि लगातार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई में देरी क्यों हुई? अवैध हॉस्टल में ठहरी नाबालिग छात्राओं की सुरक्षा का जिम्मा किस पर था? यदि समय रहते जांच होती तो क्या यौन शोषण या अन्य आपराधिक गतिविधियों का पता चल सकता था? यह प्रकरण प्रशासन और मदरसा प्रबंधन दोनों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
🔻 क्लिकेबल सवाल–जवाब 🔻
❓ क्या मौलाना के खिलाफ पहले भी गंभीर आरोप लगे थे?
हाँ, वर्ष 2014 में ब्रिटेन में नाबालिग लड़कियों का जबरन निकाह कराने के आरोप स्टिंग ऑपरेशन के जरिए उजागर हुए थे।
❓ क्या हॉस्टल को संचालित करने की विभागीय अनुमति ली गई थी?
नहीं, पंजीकरण दस्तावेजों में हॉस्टल का कोई उल्लेख नहीं है और विभाग ने अनुमति नहीं दी थी।
❓ क्या हॉस्टल मदरसा परिसर के अंदर था?
नहीं, हॉस्टल मोतीनगर स्थित मौलाना के निजी घर में गुपचुप तरीके से संचालित किया जा रहा था।