मायावती का राघवेंद्र सिंह के ‘मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ’ बयान पर पलटवार, बोलीं- सरकार ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई करे

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर तेज बयानबाजी और विवादों के बीच गर्मा गई है। पूर्व बीजेपी विधायक राघवेंद्र सिंह के “मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ” बयान ने पूरे प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। यह विवादित बयान न केवल समाज में आक्रोश का कारण बना, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच भी जबरदस्त बहस का विषय बन गया। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने इस पूरे प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे संकीर्ण मानसिकता और विषैले एजेंडे का प्रतीक बताया और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

राघवेंद्र सिंह के बयान से मचा बवाल

पूर्व बीजेपी विधायक राघवेंद्र सिंह का यह बयान एक जनसभा के दौरान सामने आया था, जहां उन्होंने कहा कि जो “मुस्लिम लड़की लाएगा, उसे नौकरी दी जाएगी।” जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पूरे राज्य में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। समाज के हर वर्ग से इस बयान की तीखी आलोचना हो रही है। कई सामाजिक संगठनों ने इसे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश करार देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

मायावती का तीखा हमला

बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि यह बयान अत्यंत घृणित और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि “मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ” जैसी भाषा समाज में जहर घोलने का काम करती है। मायावती ने यह भी कहा कि इस तरह के बयान समाज में नफरत फैलाने की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा हैं। उन्होंने योगी सरकार से मांग की कि ऐसे लोगों पर त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे।

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सरकार की जिम्मेदारी पर उठे सवाल

मायावती ने अपने बयान में लिखा कि जब सत्ता में बैठे लोग इस तरह की बयानबाजी पर चुप रहते हैं, तो यह संदेश जाता है कि वे इन्हें अप्रत्यक्ष समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है और ऐसे मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए।

संजय सिंह ने भी साधा निशाना

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी राघवेंद्र सिंह के बयान पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे नेताओं को नफरत फैलाने का लाइसेंस दे दिया है? उन्होंने कहा कि जब बीजेपी के नेता खुले मंच से विवादित बयान देते हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती, तो यह साफ संकेत है कि नफरत की राजनीति बीजेपी की रणनीति का हिस्सा बन चुकी है।

सोशल मीडिया पर मायावती को मिला समर्थन

मायावती के पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर हजारों यूजर्स ने उनका समर्थन किया। #मायावती_का_संदेश और #राघवेंद्र_सिंह_बयान जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोग इसे समाज की एकता और सौहार्द के लिए जरूरी आवाज बता रहे हैं। उधर, बीजेपी ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

“मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ” विवाद ने खोले सियासत के कई पन्ने

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस मुद्दे ने आने वाले चुनावों से पहले प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। एक ओर बीजेपी विपक्ष के आरोपों का सामना कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस बयान को व्यापक स्तर पर मुद्दा बना रहा है। बीएसपी, सपा और आप जैसे दल इसे सरकार की नीति और विचारधारा पर सीधा हमला बताते हुए लगातार प्रेस बयान दे रहे हैं।

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बीजेपी पर दोहरी राजनीति का आरोप

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि बीजेपी एक तरफ “सबका साथ, सबका विकास” की बात करती है और दूसरी ओर ऐसे नफरत भरे बयान देने वाले नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करती। यह दोहरी राजनीति समाज में असमानता और नफरत फैलाने वाली है।

मायावती का कड़ा संदेश

मायावती ने अपने बयान के अंत में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटने की राजनीति बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को ऐसे तत्वों से किनारा करते हुए कानून व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए। अगर सरकार समय रहते सख्त कदम नहीं उठाती, तो यह प्रवृत्ति और खतरनाक रूप ले सकती है।

प्रदेश की सियासत में बढ़ी हलचल

“मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ” विवाद ने उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नई हलचल पैदा कर दी है। सभी दलों की नजर अब इस पर है कि योगी सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। देखा जा रहा है कि विपक्ष इस वीषय को बड़ा आंदोलन बनाने की तैयारी कर रहा है।

मामले के सामाजिक असर

इस बयान ने समाज में धार्मिक संवेदनशीलता को गहरा झटका दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसी बातें बिना रोकटोक जारी रहीं तो इससे सांप्रदायिक तनाव और बढ़ेगा। आम जनता उम्मीद कर रही है कि प्रशासन और सरकार मिलकर शांति और भाईचारे का माहौल बनाए रखेगी।

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राघवेंद्र सिंह का “मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ” बयान राजनीति, समाज और प्रशासन — तीनों मोर्चों पर हलचल मचा चुका है। मायावती और संजय सिंह जैसे नेताओं की प्रतिक्रियाओं ने इसे बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है। अब सबकी निगाहें सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या दोषी पर सख्त कदम उठाया जाएगा या यह मामला भी अन्य विवादों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

सवाल-जवाब (FAQ)

पूर्व बीजेपी विधायक राघवेंद्र सिंह ने क्या कहा था?

उन्होंने एक जनसभा में कहा था कि जो मुस्लिम लड़की लाएगा, उसे नौकरी दी जाएगी। इस बयान का वीडियो वायरल होते ही विवाद गहरा गया।

मायावती ने इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?

मायावती ने इसे संकीर्ण मानसिकता और समाज में जहर घोलने वाला बयान बताया। उन्होंने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

इस विवाद पर आम आदमी पार्टी की क्या राय है?

आप सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया और पूछा कि क्या ऐसे नेताओं को नफरत फैलाने की छूट दी गई है।

क्या सरकार ने इस मामले में कोई कदम उठाया है?

अब तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस बयान के खिलाफ लोगों का आक्रोश जारी है।

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