संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट (मानिकपुर): गढ़चपा गांव के दो सगे भाइयों — अर्जुन सिंह बघेल और अरुण सिंह बघेल उर्फ़ मिंटू सिंह — के जालसाजी भरे कारनामे अब जनता के सामने आने वाले हैं। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव और दबंगई के बल पर सालों से स्थानीय ग्रामीणों का शोषण किया, खनिज संपदा की चोरी की और सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
ग्राम पंचायत गढ़चपा में स्व-घोषित प्रधान प्रतिनिधि अरुण सिंह बघेल उर्फ़ मिंटू सिंह द्वारा विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के आरोप सामने आए हैं। डब्ल्यूबीएम रोड, इंटरलॉकिंग खड़ंजा, नाली निर्माण, खेल मैदान और आरआरसी सेंटर जैसे कार्यों में सरकारी खनिज सामग्री की चोरी की गई। इन कार्यों के भुगतान में एक ही फर्म का नाम बार-बार सामने आ रहा है — मेसर्स कुसमा सिंह कंट्रैक्टर एंड सप्लायर — जिसकी प्रोप्राइटर कुसमा सिंह, यानी दोनों भाइयों की मां हैं।
मेसर्स कुसमा सिंह कंट्रैक्टर एंड सप्लायर के नाम पर हुआ फर्जी भुगतान
पंचायत स्तर के निरीक्षण में यह पाया गया कि मनरेगा योजना के तहत हुए अधिकांश भुगतानों में भी मेसर्स कुसमा सिंह कंट्रैक्टर एंड सप्लायर का नाम शामिल है। अंत्येष्टि स्थल निर्माण कार्य में पहली बार बैंक द्वारा अनियमित भुगतान कटने के बाद, इन आरोपितों ने दूसरी फर्म के नाम पर भुगतान करवाया। यह दर्शाता है कि पूरा तंत्र फर्जीवाड़े पर आधारित था।
जांच से यह भी सामने आया कि विकास कार्यों में जो भी खनिज सामग्री लगाई गई, उनमें एमएम-11 (रवन्ना) नहीं मिला। इसका सीधा अर्थ है कि यह खनिज सामग्री चोरी की थी, जो स्थानीय पहाड़ों से बगैर वैध अनुमति के लाई गई थी। साथ ही, जीएसटी टैक्स तक नहीं भरा गया, जिससे सरकारी राजस्व को दोहरी क्षति पहुंची — एक खनिज चोरी से और दूसरी टैक्स चोरी से।
अर्जुन सिंह बघेल के मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के कारनामे
वहीं दूसरी ओर अर्जुन सिंह बघेल के कारनामे भी अब जांच के दायरे में हैं। मध्य प्रदेश के रीवा, सतना और पन्ना जिलों सहित कई जगहों पर उन्होंने फर्जी ठेकेदारी के जरिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। अर्जुन सिंह ने कुल चार फर्मों के जरिए काम किया:
- अर्जुन सिंह कांट्रेक्टर एण्ड सप्लायर
- अनीता सिंह कांट्रेक्टर एण्ड सप्लायर
- सत्येंद्र सिंह कॉन्ट्रेक्टर एण्ड सप्लायर
- युवराज सिंह कॉन्ट्रेक्टर एण्ड सप्लायर
इन चारों फर्मों के माध्यम से बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर सरकारी धन को ठिकाने लगाने की बात उजागर हुई है। वर्ष 2018 से 2025 के बीच में एफडीआर और ई-स्टाम्प से जुड़ी कई धांधलियों की जांच अनिवार्य हो गई है।
जांच की तैयारी और प्रशासनिक सख्ती
स्थानीय नागरिकों की शिकायतों और प्रमाणिक दस्तावेजों के आधार पर जल्द ही मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर एफडीआर और ई-स्टाम्प सत्यापन करवाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि सरकार खनिज चोरी, टैक्स चोरी, और सरकारी धन के दुरुपयोग जैसे गंभीर अपराधों में जांच के बाद सख्त कार्रवाई करेगी।
विशेष बात यह है कि जांच रिपोर्ट यदि सही साबित होती है, तो ग्रामीण स्तर के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा उदाहरण बनेगा। इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन, पंचायत विभाग, और खनिज विभाग तीनों की संयुक्त टीम जांच करेगी।
जनता में आक्रोश और चर्चा का विषय बना मामला
गढ़चपा ग्राम पंचायत में बीते कुछ हफ्तों से यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। लोग मांग कर रहे हैं कि अर्जुन सिंह बघेल और अरुण सिंह बघेल के भ्रष्टाचार की पूरी जांच जनसामने हो ताकि आने वाले समय में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो। ग्रामीणों का कहना है कि “अब पंचायत स्तर पर भी ऐसे भ्रष्टाचारियों को उजागर करना जरूरी है जो विकास की राशि को अपनी जेब में डाल लेते हैं।”
सरकारी खनिज संपदा की लूट पर निगरानी की जरूरत
मामले की गंभीरता को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि शासन को अब खनिज संपत्ति से जुड़ी नीतियों पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए। स्थानीय संसाधनों की चोरी से राज्य को न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि पर्यावरण को भी अपूरणीय क्षति पहुंचती है।
अगले अंक में खुलेंगे और राज
सूत्रों के मुताबिक, अर्जुन सिंह और मिंटू सिंह द्वारा किए गए अन्य फर्जीवाड़े — विशेष रूप से ठेकेदारी कमिशन, ई-स्टाम्प घोटाले, और सरकारी परियोजनाओं की फर्जी रिपोर्टिंग — पर अगली रिपोर्ट में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
सरकारी धन और खनिज संपदा की चोरी कर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाने वाले इन जालसाज भाइयों पर न्यायिक जांच की मांग तेज़ हो गई है। यह मामला आने वाले दिनों में जिले का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार कांड बन सकता है।
सवाल-जवाब (FAQ)
प्रश्न 1: जालसाज भाई कौन हैं?
अर्जुन सिंह बघेल और अरुण सिंह बघेल उर्फ मिंटू सिंह, गढ़चपा गांव निवासी, जिन पर भ्रष्टाचार, खनिज चोरी और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप हैं।
प्रश्न 2: फर्जीवाड़ा किन योजनाओं में हुआ?
मनरेगा, ग्राम पंचायत विकास कार्य, अंत्येष्टि स्थल निर्माण, खेल मैदान, नाली निर्माण और ठेकेदारी योजनाओं में फर्जी भुगतान और टैक्स चोरी की गई।
प्रश्न 3: प्रशासनिक कार्रवाई कब होगी?
मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर एफडीआर और ई-स्टाम्प सत्यापन की मांग की गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई तय होगी।
प्रश्न 4: मेसर्स कुसमा सिंह कंट्रैक्टर एंड सप्लायर कौन चलाता है?
मेसर्स कुसमा सिंह कंट्रैक्टर एंड सप्लायर की प्रोप्राइटर कुसमा सिंह हैं, जो आरोपित भाइयों की मां हैं।
प्रश्न 5: आगे क्या खुलासे हो सकते हैं?
अगली रिपोर्ट में फर्जी ठेकेदारी, टैक्स घोटाले और आर्थिक अनियमितताओं के और प्रमाण सार्वजनिक किए जाएंगे।








