संवाददाता जगदम्बा उपाध्याय, आजमगढ़
आजमगढ़। जिले के गरीब और वंचित परिवारों के लिए राहत की खबर है। अब हर ग्राम पंचायत से जरूरतमंद परिवारों का चयन कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। यह प्रक्रिया जिले में शुरू हो चुके जीरो पॉवर्टी मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्थायी रूप से गरीबी से बाहर लाना है।
मिली जानकारी के अनुसार, इस अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत से कम से कम 10 परिवार और बड़ी ग्राम पंचायतों से 25 गरीब परिवारों का चयन किया जा रहा है। जनपद की 1811 ग्राम पंचायतों में यह कार्य तेजी से चल रहा है। जहां पंचायत की आबादी 5,000 या उससे अधिक है वहां 25 परिवार और छोटी पंचायतों में 10 परिवार चुने जाएंगे।
पूरा चयन “एक परिवार, एक पहचान (फैमिली आईडी)” पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। चयनित परिवारों को प्रारंभिक रूप से भोजन, वस्त्र, शिक्षा, चिकित्सा और आवास जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके बाद उन्हें स्वरोजगार और सरकारी योजनाओं के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य होगा।
डीडीओ संजय सिंह के अनुसार, सरकार का लक्ष्य है कि जिले में कोई भी परिवार दोबारा निर्धनता की स्थिति में न पहुंचे। इस अभियान की लगातार निगरानी की जा रही है ताकि हर चयनित परिवार को योजनाओं का पूरा लाभ मिले।
अभियान के तहत प्रशासन का संकल्प है कि आजमगढ़ जिला देश के पहले ऐसे मंडलों में शामिल हो जहां “जीरो पॉवर्टी” का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
सवाल-जवाब (FAQ)
जीरो पॉवर्टी मिशन क्या है?
यह राज्य सरकार की पहल है जिसके तहत हर ग्राम पंचायत में गरीब परिवारों की पहचान कर उन्हें मूलभूत सुविधाएं और रोजगार प्रदान किए जाते हैं ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
कितने परिवारों को चुना जाएगा?
हर छोटी ग्राम पंचायत से 10 और बड़ी पंचायतों से 25 परिवारों को चयनित किया जाएगा।
चयन प्रक्रिया कैसे होगी?
पूरा चयन “एक परिवार, एक पहचान (फैमिली आईडी)” पोर्टल के माध्यम से होगा जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
जिला प्रशासन का उद्देश्य क्या है?
कोई भी परिवार गरीबी की स्थिति में दोबारा न पहुंचे और सभी को आत्मनिर्भर बनाया जा सके, यही अभियान का मुख्य लक्ष्य है।








