चार वर्षीय गुमशुदा बच्चा प्रियांशु सकुशल मिला, पुलिस और समाजसेवियों की सूझबूझ से खुश हुए परिजन

संवाददाता जगदंबा उपाध्याय, आजमगढ़ मंडल

IMG_COM_202512190117579550
previous arrow
next arrow

आजमगढ़ न्यूज: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ मंडल में घटित एक संवेदनशील घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। ग्राम खानपुर फत्ते थाना अतरौलिया आजमगढ़ की रहने वाली नीलम उर्फ लीला पत्नी विनोद का चार वर्षीय बेटा प्रियांशु अचानक घर से लापता हो गया था। परिवार की चिंता तब और बढ़ गई जब गुमशुदा बच्चा घंटों तक वापस नहीं लौटा। लेकिन पुलिस और समाजसेवियों के प्रयास से यह बच्चा सुरक्षित बरामद कर लिया गया।

घटना का पूरा विवरण

घटना 26 अक्टूबर 2025 की है जब नीलम उर्फ लीला अपने चार बच्चों — दिव्यांश, शिवांश, प्रियांश और छोटी बच्ची प्रियांशी (उम्र दो माह) के साथ अपने मायके मुखलिशपुर थाना कप्तानगंज आई थीं। अगले दिन 27 अक्टूबर 2025 की सुबह करीब 10 बजे वे दरवाजे पर बच्ची प्रियांशी को लेकर बैठी थीं। इसी बीच चार वर्षीय प्रियांशु खेलते-खेलते घर के सामने की सड़क पर निकल गया और फिर वापस नहीं लौटा।

इसे भी पढें  पूंछरी का होगा सुनियोजित और समग्र विकास, उत्तर भारत का प्रमुख तीर्थ केंद्र बनेगा

काफी देर बाद भी जब गुमशुदा बच्चा घर नहीं पहुंचा, तो परिजनों ने आसपास के इलाकों में खोजबीन शुरू की। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अंततः उन्होंने कप्तानगंज थाना पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मय फोर्स मौके पर पहुंचे और मुखलिशपुर गांव में परिजनों का हाल देखा — रोते-बिलखते लोग किसी अनहोनी की आशंका में थे।

सोशल मीडिया बना मददगार, तमरुआ गांव में मिला प्रियांशु

इस बीच समाजसेवी उमेश उपाध्याय के विशेष सहयोग से पूरे क्षेत्र के सोशल मीडिया ग्रुपों में गुमशुदा बच्चा प्रियांशु की जानकारी शेयर की गई। यही प्रयास आखिरकार रंग लाया। ग्राम तमरुआ में रहने वाले डॉ. बालेश्वर निषाद के घर के पास एक छोटा बच्चा भटकता हुआ मिला। उन्होंने और उनके परिजनों ने तुरंत बच्चे को सुरक्षित रखा और सोशल मीडिया के माध्यम से उसके परिजनों का पता लगाने का अभियान शुरू किया।

कुछ ही समय में सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी कप्तानगंज थाना तक पहुंची। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पुष्टि की कि यही खानपुर फत्ते निवासी नीलम उर्फ लीला का बेटा प्रियांशु है। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों की मौजूदगी में बच्चे को सकुशल परिजनों को सौंप दिया गया। कप्तानगंज थाना अध्यक्ष देवेंद्र मिश्रा उनकी पुरी टीम को बच्चे की बरामद के लिए परिजनों सहित प्रबुद्ध लोगों ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इसे भी पढें  कामा के युवा खिलाड़ीयोगेश सैनी वुशू में ऑल इंडिया स्तर पर चयनित

खुशी से झूम उठे परिजन

गुमशुदा बच्चा प्रियांशु के सुरक्षित लौटने की खबर मिलते ही पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। गांव के लोग, रिश्तेदार और पड़ोसी डॉ. बालेश्वर निषाद और उमेश उपाध्याय की सराहना करने लगे। परिजनों ने दोनों का आभार जताते हुए कहा कि अगर सोशल मीडिया और समाजसेवियों की मदद न होती, तो शायद बच्चा मिल पाना मुश्किल था।

आजमगढ़ पुलिस की तत्परता सराहनीय

आजमगढ़ पुलिस ने भी मामले में त्वरित कार्रवाई दिखाते हुए पूरे क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया और हर संभव प्रयास किया। थानाध्यक्ष कप्तानगंज ने कहा कि “बच्चे की सुरक्षित वापसी ही हमारी प्राथमिकता थी, और समाज के सहयोग से यह संभव हुआ।”

❓ क्लिक करें और जानें – सवाल जवाब

प्रश्न 1: गुमशुदा बच्चा प्रियांशु कहाँ मिला?

उत्तर: बच्चा आजमगढ़ जिले के ग्राम तमरुआ में डॉ. बालेश्वर निषाद के घर के पास मिला।

प्रश्न 2: बच्चा कब और कैसे लापता हुआ?
इसे भी पढें  आजमगढ़ का शैक्षणिक परिदृश्य : सरकारी बनाम प्राइवेट स्कूलों की नई दूरी

उत्तर: 27 अक्टूबर 2025 की सुबह लगभग 10 बजे घर के सामने खेलते समय प्रियांशु सड़क की ओर चला गया और लापता हो गया।

प्रश्न 3: बच्चे की बरामदगी में किसका सहयोग रहा?

उत्तर: समाजसेवी उमेश उपाध्याय और डॉ. बालेश्वर निषाद का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने सोशल मीडिया के जरिए बच्चे की पहचान कराई।

प्रश्न 4: पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

उत्तर: कप्तानगंज थाना की पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सर्च अभियान चलाया और अंततः बच्चे को सकुशल बरामद किया।

📍रिपोर्ट: संवाददाता जगदंबा उपाध्याय, आजमगढ़ मंडल

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top