
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट की खास पहल
27 सितंबर को पंचायत भवन बड़ी मडैयन रुखमा खुर्द, चित्रकूट में एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल देखने को मिली। बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में आयोजित निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट ने ग्रामीण अंचल के सैकड़ों मरीजों को राहत प्रदान की। इस शिविर में डॉ. बद्री विशाल सिंह (MBBS, फिजिशियन एवं सर्जन) ने मरीजों की जांच की और उन्हें जरूरी स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिया।
सबसे खास बात यह रही कि मरीजों को केवल परामर्श ही नहीं बल्कि निःशुल्क दवा वितरण भी किया गया। ग्रामीणों के लिए यह आयोजन उम्मीद की किरण बनकर सामने आया।
कार्यक्रम का आयोजन और नेतृत्व
इस निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट का आयोजन वरिष्ठ छात्र नेता एड. प्रखर पटेल ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी मुकेश कुमार ने संभाली।
स्वास्थ्य शिविर की सफलता में कई स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों का योगदान रहा। इनमें प्रमुख रूप से –
डॉ. बद्री विशाल सिंह, एड. प्रखर पटेल, मीरा भारती, समाजसेवी मुकेश कुमार, विमल सिंह, मोहित पटेल, जगनन्दन, अश्वनी, इंद्रपाल, राजेश पटेल, ललक यादव, तीरथ, अतुल, संदीप, सुरिजभान यादव, विपिन कुमार, अमित, मुकेश कुमार सिंह सहित कई सहयोगी साथियों की सक्रिय भूमिका रही।
150 से अधिक मरीजों ने लिया लाभ
इस निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट में ग्रामीण अंचल से बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। शिविर में लगभग 150 मरीजों की जांच की गई और उन्हें आवश्यक दवाइयाँ मुफ्त प्रदान की गईं।
ग्रामीण मरीजों ने कहा कि गांव में इस तरह की स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलना उनके लिए बड़ी राहत है। कई बुजुर्ग और महिलाएँ, जो आर्थिक कारणों से डॉक्टर तक नहीं पहुँच पातीं, उन्हें यहाँ नि:शुल्क इलाज मिला।
बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा की भूमिका
बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा लंबे समय से क्षेत्रीय मुद्दों और जनकल्याणकारी कार्यों में सक्रिय रहा है। यह निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट उनकी सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण है। संगठन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि भविष्य में भी ऐसे स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते रहेंगे, ताकि लोगों को समय पर उपचार मिल सके।
ग्रामीणों में जागरूकता का संदेश
इस निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट ने न केवल मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया बल्कि उन्हें स्वास्थ्य जागरूकता से भी जोड़ा।
डॉ. बद्री विशाल सिंह ने लोगों को संतुलित आहार, स्वच्छता, नियमित जांच और दवाओं के सही उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।
क्यों जरूरी हैं ऐसे स्वास्थ्य शिविर?
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित होती है। अस्पताल दूर होने और आर्थिक तंगी के कारण लोग इलाज करवाने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट जैसे आयोजन लोगों तक चिकित्सा सुविधा पहुँचाने का सशक्त माध्यम बनते हैं।
सामाजिक सरोकार का उदाहरण
यह निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट केवल दवाइयों का वितरण नहीं था, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग तक संवेदना पहुँचाने का प्रयास भी था। स्थानीय समाजसेवियों और नेताओं की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि यदि सामूहिक सहयोग हो तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहतर बनाई जा सकती है।
निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि सामुदायिक एकजुटता और सामाजिक जिम्मेदारी से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान संभव है। इस शिविर में 150 से अधिक मरीजों ने मुफ्त जांच और दवा पाकर राहत की सांस ली।
बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा और आयोजकों की यह पहल अन्य सामाजिक संगठनों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है। उम्मीद की जाती है कि भविष्य में भी ऐसे निशुल्क स्वास्थ्य शिविर चित्रकूट में नियमित रूप से आयोजित होते रहेंगे और ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलता रहेगा।
