सबसे मंहगा गांजा : 1 करोड़ रुपये किलो वाला थाईलैंड का गांजा यूपी-नेपाल बार्डर पर बरामद

सिद्धार्थनगर पुलिस स्टेशन में बैठे दो आरोपी और पीछे खड़े चार अधिकारी, डेस्क और सामान दिख रहा

अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

 

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सबसे मंहगा गांजा ; नेपाल सीमा पर ऐतिहासिक तस्करी

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के खुनवां भारत-नेपाल सीमा पर कस्टम विभाग ने सबसे मंहगा गांजा तस्करी के मामले का पर्दाफाश किया है। 

काठमांडू से दिल्ली जा रही एक नेपाली बस (नंबर लू 2 ख 6998) से 14.376 किलोग्राम थाईलैंड निर्मित गांजा बरामद हुआ, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 14 करोड़ 37 लाख 60 हजार रुपये आंकी गई है। 

तस्करी का अद्भुत और शातिर तरीका

सबसे मंहगा गांजा नेपाल सीमा पर इस बार एक आधुनिक तौर-तरीके से पकड़ा गया। नियमित कस्टम जांच के दौरान बस की डिग्गी में रखे इलेक्ट्रिक गीजरों को अधिकारियों ने संदिग्ध पाया

गीजर के आंतरिक पुर्जों को चतुराई से निकाल कर, उनकी खाली जगह में गांजे के पैकेट छुपाए गए थे। यह तस्करी का एक बेहद चालाक तरीका था, जो सुरक्षा एजेंसियों को झांसा देने के लिए अपनाया गया था। कस्टम विभाग की सतर्कता से यह तस्करी विफल हो गई और बस में सवार दो यात्रियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया।

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गिरफ्तार आरोपियों की पूरी जानकारी

इस सबसे मंहगा गांजा तस्करी में दो केरल निवासी युवकों को गिरफ्तार किया गया है। पहला आरोपी, मोहम्मद एहतेशाम (26 वर्ष) पुत्र मोईउद्दीन, मलप्पुरम, केरल का है। दूसरा, मोहम्मद राशिद (24 वर्ष) पुत्र नौशाद, मलप्पुरम, केरल का ही निवासी है। 

सिद्धार्थनगर पुलिस स्टेशन में बैठे दो आरोपी और पीछे खड़े चार अधिकारी, डेस्क और सामान दिख रहा
सिद्धार्थनगर: नेपाल सीमा पर सबसे मंहगा गांजा तस्करी में गिरफ्तार आरोपी और जांच टीम

प्रारंभिक जांच में पता चला कि दोनों आरोपी लंबे समय से थाईलैंड में कार्यरत रहे और वहीं से किसी इंटरनेशनल ड्रग नेटवर्क का हिस्सा बने‌। 

तस्करी के नए-नए तरीके

भारत-नेपाल सीमा पर सबसे मंहगा गांजा तस्करी की यह घटना बताती है कि तस्करी का पारंपरिक तरीका अब बदल रहा है। तस्कर अब घरेलू उपकरण, जैसे इलेक्ट्रिक गीजर, की मदद से मादक पदार्थ छिपाकर ला रहे हैं। इससे पता चलता है कि सुरक्षा एजेंसियों को झांसा देने वाले इन नए उपायों पर रोक थाम के लिए उच्च स्तरीय रणनीति जरूरी है।

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सीमा सुरक्षा और चौकसी

सबसे मंहगा गांजा तस्करी की घटना के बाद भारत-नेपाल सीमा पर कस्टम विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी और जांच प्रक्रिया को और तेज कर दिया है। एसएसबी, पुलिस और कस्टम चेकपॉइंट्स पर सक्रियता बढ़ाई गई है ताकि इस तरह की अवैध गतिविधियों को समय रहते रोका जा सके। 

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वास्तव में, जब नियमित जांच शुरू हुई तो अधिकारियों की नजर बस के गीजरों पर गई। इसके बाद, जब गीजर खोले गए तो तस्करी का राज खुल गया। फिर, दोनों आरोपियों को दबोच लिया गया। अंत में, प्रशासन ने तस्करी के आधुनिक तरीकों पर रणनीति सख्त करने की घोषणा की।

सबसे मंहगा गांजा तस्करी क्यों है चर्चा में?

सबसे मंहगा गांजा का बरामद होना सिर्फ एक कानूनी कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह इंटरनेशनल ड्रग नेटवर्क के गहराई से सक्रिय होने का संकेत भी है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस मामले में उच्च सतर्कता रखते हुए रिकॉर्ड कीमत का माल बरामद करना अपराधियों के नए तरीकों पर लगाम लगाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है।

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इस घटना ने न सिर्फ सिद्धार्थनगर बल्कि पूरे भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी से सुरक्षा पर चिंता बढ़ा दी है। सबसे मंहगा गांजा तस्करी की यह घटना बताती है कि अब अपराधी हाईटेक साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियों को अपनी रणनीति को लगातार आधुनिक बनाना होगा। 

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