आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम में सांसद अफजाल अंसारी ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। साथ ही 2027 की रणनीति पर ‘पप्पइयों’ को संगठित होकर जनता से जुड़ने की सलाह दी।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़: समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यकर्ता सम्मेलन में गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने वर्ष 2027 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं को रणनीति के साथ मैदान में उतरने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर पप्पई (PDA: पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग को उनका हक दिलाना है तो संगठित होकर जनता के बीच जाना होगा और भाजपा की जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश करना होगा।
भाजपा पर तीखा हमला
अपने संबोधन में अफजाल अंसारी ने केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखे शब्दों में हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और योगी सरकारें संविधान को निष्प्रभावी बनाने का षड्यंत्र रच रही हैं।
उन्होंने कहा—
> “संविधान में बार-बार संशोधन कर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए अधिकारों को धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है।”
उन्होंने खासतौर पर आरक्षण, रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा जैसे मौलिक अधिकारों की बात की, जिन्हें सरकार योजनाबद्ध तरीके से खत्म कर रही है।
गरीबों की शिक्षा को खत्म करने की साजिश
सांसद अंसारी ने आगे कहा कि सरकार की मंशा गरीब और वंचित तबके को शिक्षा से दूर करने की है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को कमजोर करके गरीबों के बच्चों को पढ़ने से रोका जा रहा है। इसके साथ ही महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार की चुप्पी को उन्होंने जनविरोधी करार दिया।
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप
अफजाल अंसारी ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के PDA फॉर्मूले से डरकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर चुनाव में जीत हासिल करने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा जानती है कि यदि जाति और वर्ग आधारित वोट एकजुट हो गए तो उनकी सत्ता चली जाएगी, इसलिए वह तकनीकी हेरफेर कर रही है।
योगी सरकार पर भी कड़ा प्रहार
उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भी आड़े हाथों लिया और कहा—
> “प्रदेश में शासन के नाम पर धर्म और जाति का शोषण हो रहा है। थानों और तहसीलों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। कानून का राज समाप्त हो चुका है।”
अध्यक्षता व संचालन
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी पार्टी के ज़िलाध्यक्ष हवलदार यादव ने की, जबकि संचालन वरिष्ठ नेता हरी प्रसाद दुबे द्वारा किया गया। दोनों ने भी अपने वक्तव्यों में भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना की और आगामी चुनावों की तैयारी को तेज़ करने की बात कही।
मंच पर जुटा समाजवादी कुनबा
इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, चंद्रदेव राम यादव
पूर्व सांसद नंदकिशोर यादव
विधायकगण: आलमबदी आजमी, नफीस अहमद, डॉ. संग्राम यादव
वरिष्ठ नेता: कमला प्रसाद यादव, राकेश कुमार गुड्डू, डॉ. रामदुलार राजभर, श्याम बहादुर सिंह यादव
जिला पंचायत अध्यक्ष: विजय यादव
अन्य प्रमुख नाम: अब्दुल्ला जयराम पटेल, अजीत कुमार राव, विवेक सिंह, दुर्गेश यादव, सुशील आनंद, जीएस प्रियदर्शी, राम बुझारत यादव, देवनाथ साहू, दुर्ग विजय राम, डॉ. हरिराम सिंह यादव, जगदीश यादव, राम आसरे चौहान, डॉ. धनराज यादव, अशोक यादव भोला, वसीमुद्दीन अहमद, शकील अहमद, गौरव यादव, प्रेमा यादव, बबीता चौहान, सिंगारी गौतम, कुणाल मौर्य, संदीप रजत सेठ, आशीष यादव, शशि कुमार आदि।
भविष्य की तैयारी
कार्यक्रम का मुख्य संदेश यह था कि अब समय आ गया है जब समाजवादी विचारधारा को गांव-गांव पहुंचाना होगा और भाजपा के झूठे वादों से जनता को सावधान करना होगा। 2027 के चुनावों में सपा की जीत तभी सुनिश्चित होगी जब पप्पई वर्ग एकजुट होकर मैदान में उतरेगा।
🔚 निष्कर्षतः, अफजाल अंसारी का यह बयान न केवल सपा की चुनावी रणनीति को सामने लाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पार्टी अब जमीनी स्तर पर जनता से जुड़ने की तैयारी में है। कार्यक्रम में सपा नेताओं की व्यापक भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि 2027 की लड़ाई भाजपा बनाम जनता की होगी, और जनता का साथ पाने के लिए संवाद व संगठन सबसे बड़ी कुंजी होगी।