✍️ संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट के करका पड़रिया गांव में जमीनी विवाद को लेकर दबंगों ने एक विधवा महिला के साथ बर्बरता की सारी सीमाएं लांघ दीं। कुल्हाड़ी से हमला कर महिला को मरणासन्न कर दिया गया, गुप्तांग में लाठी डालने जैसी हैवानियत की गई। गंभीर आरोप बहिलपुरवा थाना प्रभारी पर।
📍 चित्रकूट: जहां इंसानियत शर्मसार हुई
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद अंतर्गत बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के करका पड़रिया गांव में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने जिले की कानून व्यवस्था और पुलिस तंत्र की नीयत पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। ज़मीन के विवाद में कुछ दबंगों ने एक विधवा महिला मंजू देवी पत्नी स्वर्गीय शिवशरण यादव पर उस समय जानलेवा हमला किया, जब वह खेत में अकेली थी।
🔴 दरिंदगी की इंतिहा: कुल्हाड़ी से हमला और फिर…
प्रत्यक्षदर्शियों व पीड़िता की बेटी के अनुसार, दबंगों ने महिला को खेत में अकेला देखकर पहले लाठी-डंडों से पीटा और फिर कुल्हाड़ी से उस पर प्रहार किया। इससे भी उनका वहशीपन शांत नहीं हुआ। हैवानियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महिला के गुप्तांग में उन्होंने लाठी घुसा दी, जिससे उसे लगातार ब्लीडिंग हो रही है और वह मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकी है।
🩸 मौके पर थी बेटी, पर मां को छोड़ना नहीं चाहा
घटना के समय पीड़िता की नाबालिग बेटी भी खेत में मौजूद थी। आरोपी बंदूक और अन्य असलहों से लैस थे। उन्होंने लड़की को धमकी दी कि अगर वह भागी नहीं, तो उसे भी जान से मार देंगे। लेकिन बेटी ने साहस दिखाते हुए मां की हालत देख भागने के बजाय वहीं डटी रही।
⚫ आरोपियों की पहचान और पूर्व इतिहास
घटना के मुख्य आरोपी:
त्रियुगी नारायण त्रिपाठी उर्फ़ बुद्दा त्रिपाठी (पुत्र जगमोहन त्रिपाठी, निवासी रूखमा खुर्द), भोला पुत्र सधुवा, राम आसरे पुत्र सधुवा, राम शरण पुत्र सधुवा, पिंटू पुत्र राम शरण (निवासी करका पड़रिया)
इन दबंगों पर पहले भी महिला को परेशान करने के आरोप थे। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने कई बार पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
🟡 बहिलपुरवा थाने की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल
पीड़ित पक्ष ने बहिलपुरवा थाना प्रभारी आशुतोष तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि जब भी महिला थाने पहुंचती, दबंगों का फोन थाने में पहले पहुंच जाता, और उसकी शिकायत को दरकिनार कर दिया जाता। यही नहीं, घटना के दिन भी थाना पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। PRV टीम ने महिला को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया।
🚑 अस्पताल में भर्ती, जीवन और मौत के बीच जंग
वर्तमान में मंजू देवी जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार, उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस वीभत्स हमले ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। ग्रामीणों में रोष है और वे थाना प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
🔎 अब क्या हो? प्रशासन को क्यों जगना चाहिए?
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि यदि स्थानीय पुलिस निष्पक्षता न बरते तो दबंगों को खुली छूट मिल जाती है। बहिलपुरवा थाना प्रभारी की कार्यशैली पर गहन जांच जरूरी है।
इसके अलावा, ऐसी घटनाओं को ‘केवल जमीनी विवाद’ कहकर दबाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। यह एक महिला के शरीर और आत्मसम्मान पर हमला है, जो स्पष्ट रूप से बलात्कार और जानलेवा हमले के अंतर्गत आता है।
📣 लेकिन सवाल कायम हैं
- जब पीड़िता ने पहले शिकायत की थी, तो पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
- आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं, क्या उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है?
- एक नाबालिग बच्ची की आंखों के सामने उसकी मां के साथ बर्बरता, क्या यह समाज का नया मानक बन चुका है?
इस तरह की घटनाएं न केवल हमारी पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में दबंगों का मनोबल और बढ़ेगा।
🔴 समाचार दर्पण की अपील:
उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में जांच आयोग गठित कर बहिलपुरवा थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करना चाहिए और दबंगों के खिलाफ IPC की धारा 307, 376, 354, POCSO सहित गैंगरेप के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।