Wednesday, August 6, 2025
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श्रद्धा में लिपटी मौत: मनसा देवी मंदिर में भगदड़ ने छीने बदायूं के दंपति समेत 8 लोगों के प्राण

✍️ अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार को मची भगदड़ ने तीर्थ यात्रा को मातम में बदल दिया। बदायूं के वृद्ध दंपति समेत उत्तर प्रदेश व बिहार के 8 श्रद्धालुओं की मौत हुई, कई घायल। पढ़ें पूरी रिपोर्ट, जिसमें पीड़ित परिवारों का दर्द, प्रशासनिक प्रतिक्रिया और मुआवज़े की घोषणा शामिल है।

तीर्थ यात्रा में तब्दील हुआ मातम

उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में रविवार की सुबह हुए भयावह हादसे में 8 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। ऋषिकेश एम्स में घायलों का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि करंट फैलने की अफवाह के चलते मंदिर मार्ग पर अफरा-तफरी मच गई और देखते ही देखते हालात भगदड़ में तब्दील हो गए।

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उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु सबसे अधिक प्रभावित

हादसे में सबसे अधिक जानें उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं की गईं। इनमें बदायूं जिले के दातागंज तहसील क्षेत्र के उरैना पुख्ता गांव के वृद्ध दंपति शांति देवी और उनके पति राम भरोसे भी शामिल हैं। दोनों अपनी आखिरी तीर्थ यात्रा पर थे, यह बात खुद परिजनों ने नम आंखों से बताई।

गांव में पसरा मातम

जैसे ही घटना की सूचना गांव पहुंची, वहां मातम और शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों के अनुसार, दंपति बीते सप्ताह लगभग 20 अन्य श्रद्धालुओं के साथ हरिद्वार गए थे। मनसा देवी मंदिर के दर्शन के दौरान जब भगदड़ मची, तो दोनों उसमें बुरी तरह कुचले गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया।

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“पिता अक्सर तीर्थ पर जाते थे” – परशुराम

मृतकों के पुत्र परशुराम ने बताया कि उनके माता-पिता धार्मिक प्रवृत्ति के थे और अक्सर तीर्थ यात्राएं किया करते थे। हाल ही में उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ की यात्रा भी की थी। इस बार जब वो हरिद्वार के लिए रवाना हुए, तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि वो लौटकर नहीं आएंगे।

“चलो मेरे साथ हरिद्वार” – आखिरी आग्रह

राम भरोसे के छोटे भाई नेकसू ने बताया कि भाई ने आग्रह किया था कि “तुम भी चलो, पैसे की चिंता मत करो,” पर बीमार होने की वजह से वे नहीं जा पाए। दुखद irony यह रही कि राम भरोसे और शांति देवी की यह आखिरी तीर्थ यात्रा साबित हुई।

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प्रशासन ने जताया शोक, सहायता का आश्वासन

बदायूं के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डॉ. वैभव शर्मा ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “परिवार से लगातार संपर्क बना हुआ है। शव जैसे ही आएंगे, प्रशासन हर संभव सहायता देगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी सहायता मुहैया कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनाएं और मुआवज़े की घोषणा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को “अत्यंत पीड़ादायक” बताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा:

“हरिद्वार स्थित श्री मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में श्रद्धालुओं के निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।”

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साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तराखंड प्रशासन से समन्वय कर मृतकों के शव उनके घर तक पहुंचाए जाएं और प्रत्येक मृतक के परिजन को ₹2 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए।

मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट ने भी किया मदद का ऐलान

मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को ₹5 लाख, और घायलों को ₹1 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। यह कदम मंदिर ट्रस्ट द्वारा संवेदना और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना के तहत उठाया गया।

उत्तराखंड सरकार की ओर से भी राहत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घायलों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। उन्होंने कहा कि:

“घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मृतकों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।”

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इसके साथ ही सभी घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था की जा रही है।

मृतकों की सूची में उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मृतकों में शामिल हैं:

आरुष (12) – बरेली (उ.प्र.), विक्की (18) – रामपुर (उ.प्र.), वकील – बाराबंकी (उ.प्र.), शांति देवी – बदायूं (उ.प्र.), शकल देव (18) – अररिया (बिहार), विपिन सैनी (18) – काशीपुर (उत्तराखंड)

सवाल बाकी हैं…

इस पूरे हादसे ने प्रशासनिक तैयारियों और तीर्थ स्थलों की भीड़ प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या करंट फैलने की अफवाह का सत्यापन हुआ? क्या मंदिर परिसर में आपातकालीन निकास व्यवस्था पर्याप्त थी? और क्या श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल भगवान के भरोसे छोड़ी जा सकती है?

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🕯️हरिद्वार में हुई इस भगदड़ ने कई घरों को उजाड़ दिया है। यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि तीर्थ यात्रा की पवित्रता तभी सुरक्षित रह सकती है जब व्यवस्था भी श्रद्धा जितनी ही मजबूत हो।

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