केशवजी गौड़िया मठ मथुरा से कामवन पहुंचे हजारों कृष्णभक्त, तीर्थराज विमलकुण्ड पर किया पूजन व परिक्रमा

हिमांशु मोदी की रिपोर्ट

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मथुरा, उत्तर प्रदेश। ब्रजभूमि की पवित्र धरा पर एक बार फिर श्रद्धा और भक्ति की धारा बह निकली। केशवजी गौड़िया मठ मथुरा से आए हजारों कृष्णभक्तों ने ब्रज चौरासी कोस यात्रा के अंतर्गत कामवन स्थित तीर्थराज विमलकुण्ड पर दर्शन, पूजन, आचमन और परिक्रमा कर दिव्य अनुभव प्राप्त किया। पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों से पहुंचे सैकड़ों धर्मावलंबियों ने मुख्य मंदिर विमल बिहारी जी के दर्शन किए और महाप्रसाद का आनंद लिया।

मंदिर के सेवाअधिकारी संजय लवानिया ने तीर्थराज विमलकुण्ड का महत्व बताते हुए कहा कि पुरुषोत्तम भगवान कृष्ण को केवल प्रेम के बंधन द्वारा ही बांधा जा सकता है और यह दुर्लभ प्रेम कार्तिक मास में नियमपूर्वक सेवा करने से सहज ही प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि इस भूमि का प्रत्येक कण राधा-कृष्ण की पावन लीलाओं का साक्षी है और यही कारण है कि भारत और विदेश से असंख्य तीर्थयात्री वर्षभर यहां आने का सौभाग्य पाते हैं।

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ब्रजभूमि की अद्भुत महिमा

ब्रज का हर वृक्ष देवतुल्य, हर लता देवांगना, यहाँ की बोली मधुर और बातों में लालित्य है। यहाँ की हर गति नृत्य है और रति भी इस भूमि का त्याग करने में असमर्थ है। सम्पूर्ण ब्रजमंडल का रज-कण, वृक्ष, पर्वत, सरोवर और यमुना जी तक श्रीप्रिया-प्रियतम के दिव्य लीलाओं के साक्षी हैं। यहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बचपन व्यतीत किया, जिसमें गौचारण, माखन चोरी, कालियादमन और अनेक लीलाएँ समाहित हैं।

भक्तों ने किए पावन स्थलों के दर्शन

कामवन में पहुंचे श्रद्धालुओं ने तीर्थराज विमलकुण्ड, मुख्य मंदिर विमल बिहारी जी, गया कुण्ड, चरण पहाड़ी, भोजन थाली, खिसलनी शिला, भामासुर गुफा, महाप्रभु जी की बैठक, श्रीकुण्ड, सेतुबन्ध रामेश्वर, लंका-यशोदा, कामेश्वर महादेव, पंचमुखी महादेव, पांच पांडव मंदिर, वृन्दादेवी, गोविन्ददेव जी, गोपीनाथजी, चौरासीखम्भा, गोकुल चन्द्रमा जी और मदनमोहन जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

सभी भक्त कामवन दर्शन के बाद वृन्दावन प्रस्थान कर गए।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

तीर्थराज विमलकुण्ड का धार्मिक महत्व क्या है?

विमलकुण्ड ब्रज के प्रमुख तीर्थों में से एक है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अनेक लीलाएँ रचीं। यह स्थल राधा-कृष्ण की अनंत कृपा का प्रतीक माना जाता है।

कामवन में कौन-कौन से प्रमुख दर्शन स्थल हैं?

कामवन में विमलकुण्ड, विमल बिहारी मंदिर, पंचमुखी महादेव, चौरासीखम्भा, गोविन्ददेव जी, वृन्दादेवी और मदनमोहन जी प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।

ब्रज चौरासी कोस यात्रा का महत्व क्या है?

ब्रज चौरासी कोस यात्रा में भक्त भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थलियों का दर्शन करते हैं। यह यात्रा मन और आत्मा को दिव्य शांति प्रदान करती है।

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हिंदी भाषियों की लोकप्रिय न्यूज़ वेबसाइट समाचार दर्पण 24.कॉम ने राजस्थान के सभी जिला ब्यूरो में नए संवाददाताओं को जोड़ने के लिए आमंत्रण जारी किया।

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