प्रेमानंद महाराज ने सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक खबरों पर जताई कड़ी नाराज़गी, कहा- “यह भागवत का अपराध है”

पीले रंग के वस्त्र धारण किए हुए, गले में माला पहने हुए प्रेमानंद महाराज मुस्कुरा रहे हैं, और पीले रंग के सुंदर, सुसज्जित आसन पर विराजमान हैं।


ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट

इमेज में उपर एक विज्ञापन है जिसमें दो लोग टेबल पर बैठकर बातचीत कर रहे हैं और एक व्यक्ति खड़ा है, साथ में कॉल नंबर और प्रचार के स्लोगन हैं। नीचे कई सेल डिस्काउंट बोर्ड और दुकान के साइन-बोर्ड दिख रहे हैं।
समाचार दर्पण 24.कॉम की टीम में जुड़ने का आमंत्रण पोस्टर, जिसमें हिमांशु मोदी का फोटो और संपर्क विवरण दिया गया है।
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मथुरा न्यूज़: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैलाई जा रही झूठी और भ्रामक खबरों के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। लगातार फेक वीडियो और भ्रम फैलाने वाली रीलों के कारण महाराज के लाखों भक्तों की भावनाएं आहत हो रही हैं और लोग महाराज जी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।

महाराज ने अपने हालिया संदेश में स्पष्ट कहा कि जो लोग व्यूज और पैसे के लालच में इस तरह की फेक न्यूज़ बनाते हैं, वे न केवल अपने लिए संकट खड़ा कर रहे हैं बल्कि यह सीधे तौर पर “भागवत का अपराध” भी है। उन्होंने कहा कि भक्ति मार्ग में इस प्रकार की उदंडता अस्वीकार्य है और इसका परिणाम दुखद होगा।

“भक्ति मार्ग में झूठ फैलाना अपराध है” — प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज ने अपने भक्तों से संवाद करते हुए कहा कि भक्ति और श्रद्धा के पवित्र मार्ग में झूठ और दिखावा जगह नहीं रखता। उन्होंने कहा — जैसे हजारों भक्त असत्य खबरों से दुखी होते हैं, उसी दुख का फल अंततः झूठ फैलाने वाले को ही भोगना पड़ता है।

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उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि सोशल मीडिया पर झूठे वीडियो बनाने वाले यह भूल न करें कि “व्यूज” पैसे तो दे सकते हैं, परंतु अपराध से मुक्ति नहीं। महाराज ने इसे “भागवत का दंड विधान” बताया और कहा कि जब भक्तों का एकत्रित दुख लौटकर आएगा, तब ये प्लेटफॉर्म और क्रिएटर उसे संभाल नहीं पाएंगे।

YouTube, Facebook, Instagram यूज़र्स को चेतावनी

महाराज ने स्पष्ट संदेश दिया कि YouTube, Facebook और Instagram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर गलत सूचना फैलाने वाले सावधान हो जाएं। उन्होंने कहा कि भक्ति का मार्ग पूरी तरह श्रद्धा और आस्था पर आधारित है, इसमें लोभ या प्रसिद्धि के लिए फेक कंटेंट का कोई स्थान नहीं।

उन्होंने अपने अनुयायियों से अनुरोध किया कि वे सत्यापित स्रोतों से ही जानकारी साझा करें और सोशल मीडिया पर फैल रही मथुरा न्यूज़ या प्रेमानंद महाराज अपडेट्स को बिना पुष्टि शेयर न करें।

“व्यूज और पैसा सब कुछ नहीं” — महाराज का संदेश

महाराज ने कहा कि आज सोशल मीडिया का उपयोग अधिकांश लोग प्रसिद्धि के लिए करते हैं, लेकिन भक्ति संदेशों में दिखावा और झूठ का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा — “व्यूज रुपया दे सकता है लेकिन अपराध से मुक्त नहीं कर सकता।”

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भक्ति का मार्ग शुद्धता और भाव से चलता है। इसीलिए प्रेमानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को आगाह किया कि सिर्फ वायरल होने के लिए किसी की आस्था या धार्मिक भावना से खिलवाड़ करना अत्यंत अनुचित है।

भक्ति की पवित्रता को बचाना सबकी जिम्मेदारी

महाराज ने कहा कि मथुरा और वृंदावन सदियों से भक्ति की भूमि हैं, जहां से भागवत कथा और प्रेम मार्ग की शिक्षा मिलती है। ऐसे में किसी भी प्रकार की भ्रामक खबरें न केवल समाज में भ्रम फैलाती हैं, बल्कि श्रद्धा की नींव पर भी चोट करती हैं।

उन्होंने कहा कि जो लोग इस प्रकार के फेक वीडियो बनाते हैं, वे न केवल अपने लिए कर्मबंधन बना रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के सामने भी गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं।

सच्चाई और श्रद्धा ही सबसे बड़ी रीति

प्रेमानंद महाराज ने अंत में सभी भक्तों से कहा कि वे सत्य, भक्ति और सेवा को ही अपने जीवन का आधार बनाएं। सोशल मीडिया का उपयोग करें, परंतु सकारात्मकता और सत्संग फैलाने के लिए। उन्होंने कहा — “यह मार्ग श्रद्धा का है, इसमें उदंडता नहीं चल सकती।”

मथुरा में हजारों भक्तों ने महाराज के इस संदेश को सुनकर सोशल मीडिया पर #प्रेमानंदमहाराज ट्रेंड कराया और “फेक न्यूज़ फ्री भक्ति अभियान” शुरू करने की घोषणा की। यह कदम भक्त समाज में एक नई जागरूकता की ओर संकेत देता है।

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निष्कर्ष:

प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट संदेश दिया कि श्रद्धा का अपमान किसी रूप में भी स्वीकार्य नहीं है। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को समझना चाहिए कि झूठी खबरें न केवल किसी संत या समाज को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि ईश्वर की दृष्टि में भी वह पाप का कारण बनती हैं। उन्होंने कहा कि भक्ति मार्ग में झूठ का परिणाम सदैव दुखदायक होता है।


सवाल-जवाब (FAQ)

प्रश्न 1: प्रेमानंद महाराज ने सोशल मीडिया पर क्या कहा?

उन्होंने झूठी और भ्रामक खबरें फैलाने वालों को चेतावनी दी और कहा कि यह भागवत का अपराध है, जिसका परिणाम दुखद होगा।

प्रश्न 2: किस प्रकार की खबरों से महाराज ने नाराज़गी जताई?

ऐसे झूठे वीडियो और खबरें जिन्हें देखकर भक्त प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य या स्थिति को लेकर चिंतित होते हैं।

प्रश्न 3: महाराज ने कौन-से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का ज़िक्र किया?

उन्होंने विशेष रूप से YouTube, Facebook और Instagram का नाम लिया और उनके यूज़र्स को सावधान किया।

प्रश्न 4: महाराज का मुख्य संदेश क्या था?

भक्ति मार्ग श्रद्धा का है, न कि दिखावे या झूठ का। व्यूज पैसा दे सकते हैं लेकिन अपराध से मुक्ति नहीं।

प्रश्न 5: क्या भक्तों ने इस पर प्रतिक्रिया दी?

हाँ, भक्तों ने सोशल मीडिया पर #प्रेमानंदमहाराज ट्रेंड करके “फेक न्यूज़ फ्री भक्ति अभियान” की शुरुआत की।

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