आजमगढ़ के मौनी बाबा आश्रम में भव्य श्री राम विवाह समारोह सम्पन्न, जीवन कथा का हुआ लोकार्पण





आजमगढ़ के मौनी बाबा आश्रम में भव्य श्री राम विवाह समारोह सम्पन्न

जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट, आजमगढ़ मंडल

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में स्थित गहजी का मौनी बाबा आश्रम एक बार फिर दिव्यता और अध्यात्म का केंद्र बना, जब यहां अत्यंत धूमधाम, श्रद्धा और वैदिक परंपरा के साथ श्री राम विवाह समारोह सम्पन्न हुआ। पूरे आश्रम परिसर में भक्ति, संगीत, वैदिक मंत्र और जयकारों की गूंज ने वातावरण को प्रभु स्मरण से सराबोर कर दिया।

इस श्री राम विवाह समारोह में सबसे विशेष क्षण वह रहा, जब आश्रम के महंत व दुर्वासा महामण्डलेश्वर श्री श्री 108 श्री शुभम दास जी महाराज ने पंडित सुभाष चंद्र तिवारी ‘कुंदन’ द्वारा रचित श्री मौनी बाबा की जीवन कथा का लोकार्पण किया। यह पल श्रद्धालुओं के लिए अतुलनीय और आध्यात्मिक अनुभूति से भरा हुआ था।

वैदिक विधि से सम्पन्न हुआ श्री राम विवाह समारोह

आश्रम परिसर में देशभर से आए विद्वान ब्राह्मणों ने वैदिक रीति, मंत्रोच्चार और पौराणिक परंपराओं के अनुरूप श्री राम विवाह समारोह को सम्पन्न कराया। पूरे स्थल पर पारंपरिक मंगल ध्वनियां गूंजती रहीं। श्रद्धालुओं ने इस दिव्य आयोजन को अद्भुत आध्यात्मिक उत्सव के रूप में अनुभव किया।

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मौके पर मौजूद भक्तों के बीच प्रभु श्रीराम, माता सीता, मौनी बाबा और देवी-देवताओं के जयघोष वातावरण में गूंजते रहे। कई बार श्री राम विवाह समारोह के पावन प्रसंग पर आधारित भजन-कीर्तन भी प्रस्तुत किए गए, जिसने समूचे आयोजन को और भी विशिष्ट बना दिया।

बाल व्यास कौशल किशोर जी महाराज ने दिया आध्यात्मिक संदेश

आयोजन के दौरान बाल व्यास कौशल किशोर जी महाराज ने श्री राम विवाह समारोह की आध्यात्मिक व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम का विवाह केवल एक लौकिक विवाह नहीं, बल्कि उपासना का विवाह है। उन्होंने प्रकृति और पुरुष के संबंध को समझाते हुए बताया कि युगों-युगों से यह प्रसंग जीवन के आदर्शों का आधार रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि जब श्रीराम की बारात जनकपुर पहुंची, तब मां सीता के आदेश पर रिद्धि-सिद्धि ने बारातियों के लिए दिव्य व्यवस्था कर दी। लेकिन सीता जी ने उसका श्रेय श्री रघुवीर को देते हुए यह अद्भुत संदेश दिया कि पति-पत्नी जीवन-रथ के दो पहिए हैं और उन्हें अपने श्रेष्ठ कर्मों का श्रेय एक-दूसरे को देना चाहिए। यही श्री राम विवाह समारोह का मूल तत्व भी है, जो हर घर-परिवार के लिए प्रेरणास्रोत है।

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जीवन कथा का हुआ लोकार्पण – श्रद्धालुओं में उमंग

आयोजन के दौरान एक और विशेष अध्याय जुड़ा, जब महंत श्री शुभम दास जी महाराज ने पंडित सुभाष चंद्र तिवारी ‘कुंदन’ की कृति – मौनी बाबा की जीवन कथा का लोकार्पण किया। इस लोकार्पण के साथ ही भक्तों ने आश्रम परंपरा, मौनी बाबा के तप, उनके आध्यात्मिक योगदान और क्षेत्र में फैली दिव्य ऊर्जा को और गहराई से जानने का अवसर पाया।

श्रद्धालुओं का कहना था कि श्री राम विवाह समारोह और जीवन कथा लोकार्पण का यह अनूठा संगम वर्षों तक स्मरण रखा जाएगा।

भक्तों का विशाल जनसमूह रहा मौजूद

इस श्री राम विवाह समारोह में पंडित सुभाष चंद्र तिवारी कुन्दन, हाकिम बाबा, जयप्रकाश दास, रामआसरे सिंह, संजय दास जी महाराज, अशोक कुमार तिवारी, लक्ष्मण दुबे, जीवन पांडेय, शिवचंद दास, दीपचंद, रोशन उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। भारी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता ने इस आयोजन को ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान कर दिया।

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पूरे कार्यक्रम के दौरान भक्ति, अनुशासन, आध्यात्मिक ऊर्जा और पारंपरिक संस्कृति का संगम निरंतर दिखाई दिया। श्री राम विवाह समारोह ने न केवल धार्मिक उत्साह जगाया, बल्कि लोगों को आदर्श दाम्पत्य, कर्तव्य और सांस्कृतिक मूल्यों से भी पुनः जोड़ा।


क्लिक करें और पढ़ें — सवाल और जवाब

आजमगढ़ के मौनी बाबा आश्रम में श्री राम विवाह समारोह क्यों विशेष रहा?

यह समारोह वैदिक विधि, भव्य परंपरा, विशाल जनसमूह और जीवन कथा लोकार्पण के कारण अत्यंत विशेष रहा।

जीवन कथा का लोकार्पण किसने किया?

महंत दुर्वासा महामण्डलेश्वर श्री श्री 108 श्री शुभम दास जी महाराज ने जीवन कथा का लोकार्पण किया।

इस समारोह में आध्यात्मिक संदेश किसने दिया?

बाल व्यास कौशल किशोर जी महाराज ने श्री राम विवाह समारोह के आध्यात्मिक पक्ष को समझाया।

श्री राम विवाह समारोह में कौन-कौन प्रमुख उपस्थित रहे?

पंडित सुभाष चंद्र तिवारी कुन्दन, हाकिम बाबा, संजय दास जी महाराज सहित अनेक संत, विद्वान और श्रद्धालु मौजूद रहे।

श्री राम विवाह समारोह का मुख्य संदेश क्या है?

पति-पत्नी को जीवन में एक-दूसरे के सहयोगी बनकर चलना चाहिए—यही राम-सीता विवाह का मूल संदेश है।


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