मदरसा जांच बहराइच : टॉयलेट से 40 नाबालिग बच्चियां बरामद, प्रशासनिक टीम भी रह गई दंग

एक दीवार के सामने खड़ी महिलाओं की भीड़ को दो पुलिस अधिकारी सहायता देते हुए, महिलाएं अपने चेहरे दुपट्टे से ढक रही हैं।

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

 

समाचार दर्पण 24.कॉम की टीम में जुड़ने का आमंत्रण पोस्टर, जिसमें हिमांशु मोदी का फोटो और संपर्क विवरण दिया गया है।
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समाचार दर्पण 24 टीम जॉइनिंग पोस्टर – राजस्थान जिला ब्यूरो आमंत्रण
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मदरसा जांच बहराइच – शुरुआत से ही संदेहास्पद गतिविधियां

मदरसा जांच बहराइच जिले में शासन की विशेष निगरानी के तहत लगातार की जा रही है। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि जिले में संचालित सभी मदरसों की रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट्स और अन्य जरूरी कागजातों की गहन जांच की जाए। इसी क्रम में पयागपुर थाना क्षेत्र के पहलवारा गांव स्थित एक मदरसे में ऐसा दृश्य सामने आया जिसने हर किसी को चौंका दिया।

मदरसा जांच बहराइच में बड़ा खुलासा

बुधवार को हुई इस मदरसा जांच बहराइच में टीम ने देखा कि मदरसे की छत पर बने टॉयलेट में कई नाबालिग बच्चियां कैद कर रखी गई थीं। जैसे ही यह जानकारी जांच टीम को मिली, उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची महिला पुलिस बल ने सभी बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस घटनाक्रम ने न सिर्फ प्रशासन को हिला दिया, बल्कि ग्रामीणों में भी खलबली मचा दी।

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मदरसा जांच बहराइच क्यों हुई संदिग्ध?

दरअसल, मदरसा संचालक की हरकतें पहले से ही संदेहास्पद थीं। जब-जब लेखपाल और प्रशासनिक अधिकारी मदरसे में जांच के लिए पहुंचे, संचालक ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। बार-बार रोकने की यह हरकत लेखपाल को खटक गई। संदेह होने पर लेखपाल ने तत्काल इस बात की सूचना पयागपुर एसडीएम अश्वनी पांडेय को दी।

पुलिस अधिकारी की अगुवाई में महिलाओं की लंबी कतार, सभी ने अपने चेहरे को कपड़ों से ढक रखा है और दीवार के सामने खड़ी हैं।
पुलिस के संरक्षण में महिलाओं का बचाव और उनके साथ सम्वाद की पहल।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

सूचना मिलते ही मदरसा जांच बहराइच के लिए एसडीएम, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और नायाब तहसीलदार मौके पर पहुंचे। टीम ने जैसे ही टॉयलेट का दरवाजा खोला, उनके सामने नाबालिग बच्चियां दिखाई दीं। यह नजारा देखकर प्रशासनिक अधिकारियों के होश उड़ गए। तत्काल सभी बच्चियों को बाहर निकाला गया और सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।

मदरसा जांच बहराइच – बच्चियों की हालत और सवाल

अब तक मिली जानकारी के अनुसार बच्चियों को टॉयलेट में क्यों बंद किया गया था, इसका स्पष्ट कारण सामने नहीं आ पाया है। हालांकि, इस घटना ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या बच्चियों को किसी गलत मंशा से छिपाया जा रहा था? क्या संचालक किसी बड़े गिरोह से जुड़ा हुआ है? इन सवालों के जवाब के लिए पुलिस और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग गहन पड़ताल कर रहे हैं।

मदरसा जांच बहराइच में विभागों की भूमिका

इस पूरी मदरसा जांच बहराइच में अलग-अलग विभाग सक्रिय रूप से शामिल हुए।

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अल्पसंख्यक कल्याण विभाग – मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।

महिला पुलिस बल – बच्चियों को सुरक्षित निकालकर संरक्षण में लिया।

एसडीएम और तहसील प्रशासन – मौके पर जाकर तत्काल कार्रवाई की।

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दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी

अधिकारियों का कहना है कि इस गंभीर घटना में दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। मदरसा संचालक और उससे जुड़े सभी लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बच्चियों के बयान दर्ज कर आगे की जांच बढ़ाई जाएगी।

मदरसा जांच बहराइच – जिले के अन्य मदरसों पर भी नजर

इस घटना के बाद अब जिले में संचालित अन्य मदरसों पर भी नजर और कड़ी कर दी गई है। प्रशासन का मानना है कि अगर पहलवारा गांव के मदरसे में इस तरह का मामला सामने आ सकता है तो अन्य मदरसों में भी अनियमितताएं हो सकती हैं। इसलिए हर मदरसे की गहन जांच की जाएगी।

लोगों में आक्रोश और चिंता

मदरसा जांच बहराइच की यह घटना सामने आने के बाद आमजन में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चियों को कैद करना अमानवीय कृत्य है। वहीं, माता-पिता और स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर बच्चियों को न्याय दिलाया जाए।

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मदरसा जांच बहराइच – शासन का सख्त रुख

राज्य सरकार पहले ही मदरसों की गतिविधियों को लेकर सजग है। समय-समय पर मदरसों में चल रही पढ़ाई, पंजीकरण, वित्तीय लेन-देन और वहां रह रहे बच्चों की स्थिति की जांच की जाती है। अब मदरसा जांच बहराइच में हुई इस बड़ी कार्रवाई के बाद यह साफ हो गया है कि शासन और भी सख्त कदम उठाएगा।

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मदरसा जांच बहराइच में बच्चियों का टॉयलेट से बरामद होना बेहद गंभीर मामला है। यह घटना न सिर्फ प्रशासन के लिए चेतावनी है बल्कि समाज के लिए भी गहरी चिंता का विषय है।

अब देखना यह होगा कि जांच में आगे क्या तथ्य सामने आते हैं और दोषियों को किस हद तक सजा मिलती है। फिलहाल बच्चियां सुरक्षित हैं और सरकार ने आश्वासन दिया है कि ऐसे मामलों में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

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