
सोनू करवरिया की रिपोर्ट
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी : ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालकों के लिए उम्मीद की किरण
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी (बांदा) में गुरुवार को बड़े उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले का आयोजन सब्जी मंडी परिसर में किया गया, जिसमें सैकड़ों पशुपालक अपने मवेशियों के साथ पहुँचे। यह मेला न केवल पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण और नि:शुल्क उपचार के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ, बल्कि इसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पशुधन संरक्षण की दिशा में भी एक नई सोच को जन्म दिया।
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी का शुभारंभ और विशेषताएँ
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी का शुभारंभ मसौनी ग्राम पंचायत प्रधान प्रतिनिधि बृजेश यादव ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया। इसके साथ ही दीप प्रज्ज्वलन और गौ पूजन भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालिंजर तरहटी ग्राम प्रधान दयाराम सोनकर ने की।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, किसान और पशुपालक मौजूद रहे, जिन्होंने पशु चिकित्सकों से मुलाकात कर न केवल अपने पशुओं का इलाज कराया बल्कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त की।
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी : आंकड़ों में उपलब्धि
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी की खास बात यह रही कि इसमें पहुंचे प्रत्येक पशुपालक को चिकित्सा सुविधा मिली। आंकड़ों के अनुसार –
240 गौवंश
350 भैंसें
871 बकरियां
95 भेड़ें
56 खच्चर
का नि:शुल्क उपचार किया गया। इसके अलावा, पशुओं को आवश्यक दवाएं वितरित की गईं और उनके रखरखाव व बेहतर उत्पादन के लिए विशेषज्ञ परामर्श दिया गया।
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी : डॉक्टरों की टीम और उनकी भूमिका
मेले में पशु चिकित्सा विभाग की ओर से कई डॉक्टर सक्रिय रूप से मौजूद रहे। इनमें प्रमुख रूप से –
डॉ. विजय कुमार कमल
डॉ. अभिषेक (पशु चिकित्सक करतल)
डॉ. पुष्पेंद्र (सचल एंबुलेंस 1962)
सहित कई अन्य विशेषज्ञों ने अपनी सेवाएँ दीं। उनके साथ केशव, राजेश गुप्ता, वेद पाण्डेय, विजय, देवेंद्र और पहलाद जैसे सहयोगियों ने भी आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी : पशुपालकों की प्रतिक्रिया
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी में आए पशुपालकों ने इस आयोजन को अत्यंत उपयोगी बताया। उनका कहना था कि इस तरह के मेले ग्रामीणों और किसानों के लिए संजीवनी साबित होते हैं।

कई पशुपालकों ने साझा किया कि शहर से दूर गांवों में पशुओं का समय पर इलाज मिल पाना आसान नहीं होता। ऐसे में यह मेला न केवल दवाओं और उपचार की सुविधा लेकर आया, बल्कि सरकार की योजनाओं की जानकारी देकर भविष्य में पशुपालन को और सशक्त बनाने का मार्ग भी दिखा गया।
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी : ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए वरदान
यह कहना गलत नहीं होगा कि पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक वरदान साबित हुआ है। ग्रामीण भारत की रीढ़ पशुधन ही है और जब पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, तभी किसानों और पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि होगी।
इस मेले ने पशुपालन को आत्मनिर्भरता से जोड़ते हुए पशुपालकों को यह संदेश दिया कि सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर वे अपने पशुधन को और अधिक सुरक्षित एवं उत्पादक बना सकते हैं।
पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी : भविष्य की दिशा
मेले में शामिल डॉक्टरों और अधिकारियों ने भी इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में ऐसे आयोजनों को और बड़े पैमाने पर किया जाएगा। इसके माध्यम से अधिक से अधिक पशुपालकों तक सुविधा पहुँचाई जाएगी और पशुधन संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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पशु आरोग्य मेला कालिंजर तरहटी सिर्फ एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह ग्रामीण समाज में पशुओं के महत्व और उनके स्वास्थ्य की अनिवार्यता को रेखांकित करने वाला कदम था। नि:शुल्क उपचार, दवाओं का वितरण और योजनाओं की जानकारी ने इसे विशेष बना दिया।
इस आयोजन से यह संदेश गया कि यदि पशुधन स्वस्थ रहेगा तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूती से खड़ी रहेगी।
