
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
जूतेबाज माता जी विवाद फिर सुर्खियों में
प्रतापगढ़ की राजनीति और सामाजिक हलकों में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा जूतेबाज माता जी यानी भानवी सिंह को लेकर हो रही है। जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह और परिवार के बीच का विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस बार मोर्चा उनके बेटे कुंवर शिवराज प्रताप सिंह ने खोला है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए मां पर कई गंभीर आरोप लगाए और उन्हें जूतेबाज माता जी कहकर संबोधित किया।
कोर्ट में छीछालेदर और बदसलूकी का आरोप
शिवराज प्रताप सिंह ने कहा कि उनकी मां कई बार कोर्ट में अपनी छीछालेदर करा चुकी हैं। माननीय न्यायाधीशों को तक कई बार उनके वकीलों को फटकार लगानी पड़ी और कहना पड़ा कि,
“अपनी क्लाइंट को चुप कराइये, अदालत में कैसे व्यवहार किया जाता है और कोर्ट में बोलने की तमीज़ सिखाइये।”
उन्होंने आरोप लगाया कि इन घटनाओं से सुधरने की जगह उनकी मां और अधिक कुंठित होती चली गईं।
ननिहाल की संपत्ति पर कब्जे का मामला
बड़े बेटे ने यह भी दावा किया कि जूतेबाज माता जी यानी उनकी मां ननिहाल की पूरी संपत्ति पर अकेले कब्जा करना चाहती हैं। जबकि उनके नाना अपनी चारों बेटियों में संपत्ति समान रूप से बांटना चाहते हैं। इस मुद्दे को लेकर मुकदमे भी चल रहे हैं, लेकिन बेटे का कहना है कि मुकदमों से भी मां का मन नहीं भरता।

आरोप है कि कई बार वे हिंसक होकर अपने ही माता-पिता यानी नाना-नानी पर हमला भी कर चुकी हैं।
दहेज और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप
शिवराज प्रताप सिंह ने लिखा कि उनके माता-पिता की शादी का पूरा खर्चा उनके दादा (राजा भैया के पिता) ने उठाया था। इसके बावजूद उनकी मां ने कोर्ट में दिए अपने लिखित बयान में दादा को “दहेज लोभी” बताया और यह भी कहा कि वे “सम्मानित व्यक्ति नहीं हैं।”
उन्होंने साफ किया कि समय आने पर वे इन लिखित दस्तावेजों को सार्वजनिक करेंगे।
झूठी एफआईआर और परिवार पर वार
बेटे ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी मां ने राजा भैया के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज कराई, उसमें दादी (आजी) को भी दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भले ही यह बयानबाज़ी सनसनी पैदा करे, लेकिन इससे मुकदमे की मेरिट पर कोई असर नहीं पड़ता।
100 करोड़ रुपये और 25 लाख महीना – गुंडा टैक्स का आरोप
शिवराज प्रताप सिंह ने दो टूक कहा कि उनकी मां द्वारा की जा रही मांगें धन उगाही जैसी हैं। उन्होंने लिखा –
“100 करोड़ रुपये एकमुश्त और 25 लाख रुपये प्रति महीना, यह धन उगाही है या गुंडा टैक्स?”
इस बयान ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी और लोगों ने इस विवाद पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं।
वीडियो में जूतों से हमला – महिला सशक्तिकरण पर सवाल
सबसे बड़ा खुलासा बेटे ने साझा किए गए वीडियो के जरिए किया। वीडियो में कथित तौर पर जूतेबाज माता जी यानी भानवी सिंह अपनी वृद्ध और बीमार मां पर जूतों से हमला करती दिख रही हैं।
शिवराज प्रताप सिंह ने तंज कसा –
“सोचिये क्या यही है महिला सशक्तिकरण? मेरी माता जी की भाड़े की ट्रोल सेना हमें ‘दूध का कर्ज़’ याद दिलाने की कोशिश करेगी, लेकिन असलियत यह है कि उन्हें ‘जूतेबाजी’ का अपना कर्ज़ याद रखना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर बहस तेज
इस पूरे प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर #जूतेबाज_माता_जी ट्रेंड करने लगा। लोग अलग-अलग अंदाज में अपनी राय रख रहे हैं। कुछ लोग बेटे का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसे पारिवारिक कलह को सार्वजनिक करने का गलत तरीका बता रहे हैं।
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हालांकि, इस विवाद से यह साफ है कि राजा भैया का परिवार निजी स्तर पर गहरे संकट से गुजर रहा है और अब यह मामला सिर्फ अदालत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजनीति और समाज में भी चर्चा का केंद्र बन गया है।
जूतेबाज माता जी विवाद ने प्रतापगढ़ की राजनीति में एक बार फिर भूचाल ला दिया है। एक ओर परिवार के भीतर संपत्ति, मान-सम्मान और रिश्तों की जंग है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर यह मुद्दा लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला कोर्ट और समाज में किस मोड़ पर पहुंचता है। लेकिन इतना तय है कि जूतेबाज माता जी का यह विवाद आने वाले समय में भी सुर्खियों में रहेगा।
