
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
नपेंगे दबंग भू माफिया, प्रशासन सख्त
उत्तर प्रदेश में नपेंगे दबंग भू माफिया—यह संदेश अब प्रदेश भर में तेजी से फैल रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर प्रशासन सरकारी जमीनों को कब्जामुक्त कराने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रहा है। इसी क्रम में चित्रकूट जिले के मानिकपुर कस्बे से मंदिर और अस्पताल की जमीन पर अवैध कब्जे का बड़ा मामला सामने आया है।
मानिकपुर में मंदिर और अस्पताल की जमीन पर कब्जा
मानिकपुर तहसील मुख्यालय में दबंग भू माफियाओं ने मंदिर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जमीन पर मकान निर्माण कर कब्जा कर लिया। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के बाबू बदरे आलम समेत कई लोगों ने सरकारी जमीन को अपनी निजी संपत्ति की तरह इस्तेमाल किया। अब जब प्रशासन ने पैमाइश कराई, तो मामला साफ उजागर हुआ।
वरिष्ठ पत्रकार ने उठाई आवाज – नपेंगे दबंग भू माफिया
इस पूरे प्रकरण में वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह राणा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने उप जिलाधिकारी मानिकपुर को लिखित शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की। शिकायत के आधार पर सदर लेखपाल अरबाज सिद्दीकी ने 24 सितंबर को मौके पर जाकर पैमाइश की। जांच में मंदिर और अस्पताल की जमीन पर कब्जा साबित हुआ। लेखपाल ने स्पष्ट कहा कि जल्द ही नोटिस जारी होगा और नपेंगे दबंग भू माफिया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और सरकार की सख्ती
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि तालाब, नाले, ग्राम सभा और सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे तत्काल हटाए जाएं। सरकार ने भी साफ निर्देश दिए हैं कि एंटी भू माफिया अभियान के तहत मुकदमा दर्ज कर कब्जा खाली कराया जाए। इसी के तहत मानिकपुर में धारा 67 के तहत नोटिस तैयार किया जा रहा है। दबंगों में डर का माहौल है क्योंकि सबको मालूम है—नपेंगे दबंग भू माफिया।
नगर पंचायत पर उठते सवाल
मानिकपुर नगर पंचायत पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कब्जा करने वालों को मकान नंबर जारी कर दिया गया और कई सुविधाएं भी मुहैया कराई गईं। यह लापरवाही दिखाती है कि बिना प्रशासनिक संरक्षण के इतना बड़ा कब्जा संभव नहीं था। अगर समय रहते कदम उठाया जाता, तो आज यह स्थिति नहीं होती।
तालाबों पर कब्जा – अगली कार्रवाई तय
मानिकपुर में केवल मंदिर और अस्पताल की जमीन ही नहीं, बल्कि तालाबों पर भी दबंग भू माफियाओं ने कब्जा जमा लिया है। प्रशासन ने नोटिस जारी किया, लेकिन दबंग जमीन खाली करने को तैयार नहीं हैं। अब प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि अवैध निर्माण गिराकर यह साबित करे कि सच में नपेंगे दबंग भू माफिया।
जनता की उम्मीद और प्रशासन की चुनौती
जनता को अब उम्मीद है कि प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा। मंदिर और अस्पताल जैसी सार्वजनिक उपयोग की जमीन को दबंग भू माफियाओं से छुड़ाना सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है। सवाल यही है कि क्या सच में अवैध मकान टूटेंगे या फिर मामला सिर्फ कागजों पर ही सीमित रहेगा।
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नपेंगे दबंग भू माफिया—यह नारा अब केवल सरकारी बयानबाजी न रहकर, वास्तविक कार्रवाई में बदलना चाहिए। मानिकपुर जैसे मामलों में अगर कठोर कदम उठाए जाते हैं, तो यह प्रदेश भर के भू माफियाओं के लिए संदेश होगा।
सरकारी जमीन, मंदिर, अस्पताल और तालाबों को बचाने के लिए प्रशासन को और भी सख्ती दिखानी होगी। तभी जनता को यह भरोसा मिलेगा कि दबंगों का राज नहीं चलेगा और वास्तव में नपेंगे दबंग भू माफिया।
