उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों को सार्वजनिक मंच से दी कड़ी चेतावनी। कहा—अब तक समझाया, अब सुदर्शन चलेगा। अफसरों की लापरवाही पर जताई गहरी नाराज़गी। पढ़िए पूरा मामला विस्तार से।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को लेकर योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा का ग़ुस्सा इन दिनों चरम पर है। बुधवार को UPPCL चेयरमैन समेत पूरे राज्य के एक्सईएन स्तर के अधिकारियों के साथ उन्होंने लंबी बैठक की, जहां उन्होंने अफसरों को जमकर फटकार लगाई। इसके अगले ही दिन गुरुवार को एक भरे मंच से उन्होंने बिजली विभाग के लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों को खुली चेतावनी दे डाली।
“कैमरा बनिए, आंख बनिए, कान बनिए”
मंच से बोलते हुए मंत्री ए.के. शर्मा ने जनता से अपील की कि वे विभाग के भ्रष्ट या बदमाश कर्मचारियों की शिकायतें सीधी सरकार तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा—
“जहां कहीं भी हमारे कर्मचारी बदमाशी कर रहे हों, उनसे विनम्रता से व्यवहार करें लेकिन हमें जरूर बताएं कि किस अधिकारी ने गड़बड़ी की है। आप लोग हमारे लिए आंख, कान और कैमरा बनिए, व्यवस्था अपने आप सुधर जाएगी।”
इस बयान के माध्यम से मंत्री ने साफ कर दिया कि अब विभागीय भ्रष्टाचार या लापरवाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
“अब तक समझाया, अब तीर चलेगा”
बात यहीं नहीं थमी। मंच से बोलते हुए ऊर्जा मंत्री ने पौराणिक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए अधिकारियों को दो-टूक अंदाज़ में चेताया। उन्होंने कहा—
“कृष्ण ने कंस और दुर्योधन को बहुत समझाया, लेकिन अंततः सुदर्शन चक्र चलाना पड़ा। रामजी ने भी समुद्र से विनती की थी, लेकिन जब बात नहीं बनी तो तीर छोड़ना पड़ा। मैंने भी तीन साल तक समझाया, अब समय निकल गया है।”
उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि यदि किसी अधिकारी को यह भ्रम है कि मंत्री ट्रांसफर या सस्पेंड नहीं कर सकता, तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है। मंत्री ने कहा—
“अगर मैंने राम जी की तरह तीर छोड़ दिया तो फिर दिल्ली तक, राष्ट्रपति भवन तक कोई भी बचाने वाला नहीं होगा।”
“किसी भी संरक्षण में रहकर जनता को परेशान मत कीजिए”
मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई यह सोच रहा है कि किसी सत्ताधारी या प्रभावशाली व्यक्ति के संरक्षण में रहकर वह बिजली विभाग की लापरवाही या जनता के शोषण को अंजाम देगा और सुरक्षित रहेगा, तो यह उसकी बहुत बड़ी गलतफहमी है। उन्होंने दोहराया—
“हम जनता के लिए अपनी नौकरी छोड़कर आए हैं और जनता के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।”
यह बयान न सिर्फ जनता के लिए एक आश्वासन है बल्कि विभागीय अफसरों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी भी है।
मीटिंग में फटकार: “अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो”
इससे पहले बुधवार को ऊर्जा मंत्री ने राज्य भर के एक्सईएन और UPPCL के चेयरमैन के साथ मीटिंग की थी। मात्र दस मिनट की बात सुनने के बाद मंत्री ने जबाबी हमला करते हुए कहा—
“नीचे जमीनी हकीकत एकदम अलग है। जनता को फेस करिए तब मालूम पड़ेगा। आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो।”
उन्होंने कहा कि वो कई जिलों का दौरा कर चुके हैं, और वहां की जनता बिजली विभाग से बेहद नाराज़ है। मंत्री ने अफसरों को स्पष्ट किया—
“बिजली विभाग कोई बनिए की दुकान नहीं है जो सिर्फ बिल वसूलने के लिए काम करे। यह जनसेवा है और उसी नीयत से काम करना पड़ेगा। मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूं।”
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के इस कड़े रुख से साफ है कि अब उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के अफसरों की मनमानी पर अंकुश लगाने की ठोस कोशिश की जा रही है। यह बयान न सिर्फ अधिकारियों को झकझोरने वाला है, बल्कि जनता को भी यह भरोसा देता है कि सरकार अब व्यवस्था सुधारने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।