फिरोजाबाद के नगला पोपी गांव में मोबाइल निकालने के प्रयास में एक ही परिवार के तीन युवकों की कुएं में दम घुटने से मौत हो गई। हादसे से गांव में मातम पसरा, प्रशासन ने जताया मीथेन गैस की आशंका।
ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
फिरोजाबाद(उत्तर प्रदेश): सोमवार दोपहर थाना शिकोहाबाद क्षेत्र के नगला पोपी गांव में एक हृदयविदारक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। एक पुराने कुएं से मोबाइल निकालने के प्रयास में एक ही परिवार के तीन युवकों की दम घुटने से मौत हो गई। यह हादसा इतना अचानक हुआ कि परिवार और गांववालों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब एक बजे गांव का युवक ध्रुव अपने घर के पास स्थित पुराने कुएं के पास मोबाइल चला रहा था। अचानक उसका फोन फिसलकर सीधे कुएं में जा गिरा। मोबाइल निकालने की मंशा से वह कुएं में उतर गया। काफी समय तक बाहर न निकलने पर उसके चचेरे भाई अजय ने आवाज लगाई, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर वह भी कुएं में उतर गया।
हालात तब और भयावह हो गए जब रिश्ते में चाचा लगने वाले चंद्रवीर उर्फ भोला ने दोनों की स्थिति देखने के लिए खुद कुएं में उतरने की कोशिश की, लेकिन वह भी बाहर नहीं आ सके। देखते ही देखते तीनों युवक कुएं में फंस गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
हड़कंप और रेस्क्यू ऑपरेशन
एक साथ तीन युवकों के कुएं में फंसे होने की खबर से गांव में हड़कंप मच गया। लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और बचाव की कोशिश की, लेकिन जब कोई सफलता नहीं मिली, तो स्थानीय प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई।
जल्द ही अपर जिलाधिकारी विशु राजा, एएसपी ग्रामीण त्रिगुण बिसेन, सीओ शिकोहाबाद प्रवीण कुमार तिवारी तथा दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों ने ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से युवकों को निकालने का प्रयास किया, मगर सिलेंडर में लीकेज होने की वजह से ऑपरेशन में बाधा आई।
मौत की पुष्टि और संभावित कारण
कई घंटों की मशक्कत के बाद जब तीनों युवकों को कुएं से बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रशासन ने प्राथमिक जांच के आधार पर आशंका जताई है कि कुएं में संभवतः मीथेन गैस या अन्य जहरीली गैस की मौजूदगी के चलते दम घुटने से यह हादसा हुआ।
गांव में मातम, परिवार में चीख-पुकार
इस दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। हर कोई स्तब्ध है कि सिर्फ एक मोबाइल फोन के लिए एक ही परिवार के तीन सदस्यों की जान चली गई।
ग्रामीणों के अनुसार यह कुआं परिवार की पुश्तैनी जमीन पर स्थित है और इसकी गहराई करीब 25 फीट है। हालांकि, इससे पहले कभी ऐसा हादसा नहीं हुआ था।
यह हादसा न सिर्फ एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी सीख है कि पुराने और गहरे कुओं या बंद जगहों में बिना सुरक्षा के उतरना कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे पुराने कुओं को चिन्हित कर उन पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।