
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
एक दिन की अधिकारी कार्यक्रम का उद्देश्य
“एक दिन की अधिकारी” कार्यक्रम मिशन शक्ति फेज-5 का एक अनूठा हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं को प्रशासनिक अनुभव देकर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। इस पहल के तहत चित्रकूट जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की छात्राओं को विभिन्न प्रशासनिक पदों पर एक दिन के लिए कार्यभार सौंपा गया। इस तरह से छात्राएं न केवल नेतृत्व क्षमता प्राप्त करती हैं, बल्कि समाज में एक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित होती हैं।
चयनित छात्राओं और उनके पद
इस “एक दिन की अधिकारी” कार्यक्रम में चित्रकूट जिले की कई छात्राओं को उनके विद्यालय और कक्षा के आधार पर विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया। इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं — कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, शिवरामपुर की कु. मनोरमा (कक्षा 08) को प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, चित्रकूट; राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन कम्पोजिट विद्यालय की कु. परी (कक्षा 07) को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, चित्रकूट; कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, मानिकपुर की कु. मोनिका (कक्षा 08) को खण्ड शिक्षा अधिकारी, मानिकपुर; उच्च प्राथमिक विद्यालय, अहिरी, मल की कु. शालू (कक्षा 08) को खण्ड शिक्षा अधिकारी, मऊ; कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, पहाड़ी की कु. काजल (कक्षा 10) को खण्ड शिक्षा अधिकारी, पहाड़ी; कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय, रामनगर की कु. स्वाती (कक्षा 07) को खण्ड शिक्षा अधिकारी, रामनगर; कम्पोजिट विद्यालय, नया बाजार, कर्वी की कु. अंजू (कक्षा 08) को खण्ड शिक्षा अधिकारी, नगर।

इसी प्रकार, वार्डन पद पर—कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, शिवरामपुर की कु. संध्या (कक्षा 08), कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, मानिकपुर की कु. वर्षा (कक्षा 08), कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, पहाड़ी की कु. रंजना (कक्षा 07) और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, मऊ की कु. प्रतिभा (कक्षा 09) को नियुक्त किया गया।
कार्यक्रम के लाभ
एक दिन की अधिकारी बनने से छात्राओं को प्रशासनिक प्रक्रिया, निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व कौशल का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त होता है। इसके अलावा, यह पहल बालिकाओं में आत्मविश्वास और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में सहायक है।
मुख्य लाभ
एक दिन की अधिकारी
एक दिन की अधिकारी पहल का महत्व
“एक दिन की अधिकारी” कार्यक्रम केवल प्रशासनिक अनुभव नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं को समाज में निर्णय लेने और नेतृत्व कार्य करने के लिए तैयार करने का एक मजबूत मंच है। यह पहल दर्शाती है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बालिकाओं को जीवन में लागू करने योग्य नेतृत्व कौशल प्रदान करना है।
