चित्रकूट में एक महिला द्वारा आश्रम के महंत सत्यप्रकाश दास पर दुष्कर्म के आरोप लगाने के बाद प्रशासन, सामाजिक संगठनों और पुलिस पर त्वरित कार्रवाई का दबाव तेजी से बढ़ गया है। पीड़िता ने कोतवाली में दी गई शिकायत में न्याय, सुरक्षा और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की स्पष्ट मांग रखी है।
🔴 मामला कैसे शुरू हुआ?
पीड़िता ने बताया कि वह महीनों पहले आध्यात्मिक शांति की तलाश में उक्त आश्रम पहुंची थीं। महंत ने स्वयं को आध्यात्मिक गुरु बताते हुए उस पर विश्वास जमाया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इसी भरोसे का फायदा उठाकर महंत ने उसे निजी कमरे में बुलाया और दुष्कर्म किया। विरोध करने पर धमकियाँ भी दी गईं।
- महंत सत्यप्रकाश दास की तत्काल गिरफ्तारी
- आश्रम से जुड़े सहयोगियों की भी जांच
- मामले की निष्पक्ष और तेज जांच
- पीड़िता को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए
⚖️ पुलिस की प्रारंभिक कार्रवाई
कोतवाली पुलिस ने शिकायत मिलते ही प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार पीड़िता का बयान दर्ज किया जा रहा है, मेडिकल और मजिस्ट्रेटी बयान की प्रक्रिया आरंभ है तथा आश्रम की गतिविधियों की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। गिरफ्तारी को लेकर आधिकारिक बयान अभी जारी नहीं हुआ है।
🌐 सोशल मीडिया में उबाल
जैसे ही मामला सामने आया, सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रियाएँ आने लगीं। लोग पीड़िता के समर्थन में सामने आए और धार्मिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए।
🔎 आश्रम की मौजूदा स्थिति
आश्रम में फिलहाल खामोशी है। भक्त और सहयोगी बोलने से बच रहे हैं। प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि महंत का प्रभाव राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर मजबूत रहा है, जिसके कारण कई शिकायतें पहले दबा दी गईं।
🧩 आरोपों की सूची
- निजी कमरे में बुलाकर दुष्कर्म का आरोप
- धमकियों के सहारे घटना को दबाने का प्रयास
- पीड़िता के पास कुछ साक्ष्यों का होना
- अन्य साधकों द्वारा भी अनुचित व्यवहार के संकेत
📜 आगे की कानूनी प्रक्रिया
- पीड़िता का मेडिकल परीक्षण
- धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेटी बयान
- आरोपी की गिरफ्तारी/समन
- आश्रम में छापेमारी और साक्ष्य संकलन
- केस डायरी न्यायालय में दाखिल
📣 संगठनों की प्रतिक्रिया
महिला संगठन और सामाजिक समूह पीड़िता के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने आरोपी की गिरफ्तारी और आश्रम की गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
🧭 चित्रकूट की छवि पर असर
धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी चित्रकूट इस विवाद से हिल गई है। नागरिकों का कहना है कि ऐसे आरोप धार्मिक संस्थानों की पवित्रता को प्रभावित करते हैं और इसलिए प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
शिकायत दर्ज होने के बाद अब सबकी नजर पुलिस कार्रवाई पर है। महंत की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। आने वाले दिनों में यह मामला स्पष्ट करेगा कि क्या पीड़िता को न्याय मिल पाएगा और क्या धार्मिक संस्थानों की निगरानी व्यवस्था सुदृढ़ होगी।