
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
डीग: डीग क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण आया है, जब एडवोकेट वेदांत शर्मा को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से पैरवी करने की जिम्मेदारी देते हुए ‘A पैनल काउंसल’ नियुक्त किया है। यह नियुक्ति मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस, डिपार्टमेंट ऑफ लीगल अफेयर्स (ज्यूडिशियल सेक्शन) द्वारा 21 नवंबर 2025 को जारी आदेश संख्या 338 के आधार पर की गई है। यह आदेश राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद प्रभावी हुआ है।
टेबल ‘Y’ में चयन — राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि
नई दिल्ली के शास्त्री भवन से जारी सरकारी आदेश में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पैरवी करने वाले वकीलों की नई सूची में एडवोकेट वेदांत शर्मा को टेबल ‘Y’ में शामिल किया गया है। यह स्थान केवल उन अधिवक्ताओं को दिया जाता है जो लंबे समय से कानूनी क्षेत्र में सक्रिय, अनुभवी और उत्कृष्ट क्षमता वाले हों।
एडवोकेट वेदांत शर्मा अब अगले तीन वर्षों तक या अगले आदेश तक सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के संवैधानिक, प्रशासनिक और अन्य महत्वपूर्ण मामलों में सर्वोच्च पैरवीकार के रूप में भूमिका निभाएँगे।
डीग में खुशी की लहर — युवाओं में नया उत्साह
एडवोकेट वेदांत शर्मा की नियुक्ति से डीग क्षेत्र में उत्साह और प्रसन्नता की लहर है। स्थानीय अधिवक्ता समुदाय, सामाजिक संगठनों और युवाओं ने इसे डीग की बड़ी उपलब्धि बताया। उनका कहना है कि एडवोकेट वेदांत शर्मा का यह सम्मान पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित करने वाला अवसर है और इससे यहाँ के युवाओं को न्यायिक क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
कानूनी क्षेत्र में मजबूत पकड़ — लंबे समय से सक्रिय
एडवोकेट वेदांत शर्मा, डीग के वरिष्ठ सामाजिक नेता सुनील दत्त शर्मा उर्फ लाला ठेकेदार के पुत्र हैं। वे पिछले कई वर्षों से कानूनी क्षेत्र में सक्रिय हैं और विभिन्न जटिल मामलों में अपनी तर्कशक्ति और मजबूत दलीलों के लिए पहचाने जाते हैं।
केंद्र सरकार ने उनकी योग्यता और कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें यह प्रतिष्ठित जिम्मेदारी सौंपी है। एडवोकेट वेदांत शर्मा की नियुक्ति यह दर्शाती है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाला प्रतिभाशाली युवा भी देश के सर्वोच्च न्यायालय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में अब कैसी भूमिका निभाएँगे?
एक A पैनल काउंसल के रूप में एडवोकेट वेदांत शर्मा सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के सभी प्रमुख मामलों में पैरवी करेंगे। इसमें शामिल हैं:
- संवैधानिक मामलों में केंद्र का प्रतिनिधित्व
- प्रशासनिक विवादों और अपीलों में सरकारी पक्ष को मजबूती प्रदान करना
- महत्वपूर्ण नीतिगत मामलों में न्यायालय के समक्ष विस्तृत पक्ष रखना
- सरकारी एजेंसियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में आवश्यक प्रस्तुतियाँ देना
इस प्रकार एडवोकेट वेदांत शर्मा की नई भूमिका न केवल व्यक्तिगत सम्मान है बल्कि डीग जैसे छोटे क्षेत्र की कानूनी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम भी है।
स्थानीय समाज की प्रतिक्रियाएँ
डीग के लोगों ने एडवोकेट वेदांत शर्मा की नियुक्ति को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। स्थानीय वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि यह उपलब्धि डीग के न्यायिक माहौल को नई दिशा देगी। युवाओं ने सोशल मीडिया पर एडवोकेट वेदांत शर्मा को बधाइयाँ दीं और इसे अपने लिए प्रेरणादायक क्षण बताया।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (क्लिक करें)
1. एडवोकेट वेदांत शर्मा कौन हैं?
एडवोकेट वेदांत शर्मा डीग के युवा और अनुभवी वकील हैं जो लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट और अन्य अदालतों में प्रैक्टिस कर रहे हैं।
2. उन्हें किस पद पर नियुक्त किया गया है?
उन्हें सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से A पैनल काउंसल नियुक्त किया गया है।
3. इस नियुक्ति की अवधि कितनी है?
यह नियुक्ति तीन वर्षों के लिए या अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी।
4. आदेश संख्या क्या है?
यह नियुक्ति आदेश संख्या 338 (दिनांक 21 नवंबर 2025) के आधार पर बताई गई है।
यह समाचार सहयोगी हिमांशु मोदी की सूचना के आधार पर लिखा गया है। मंत्रालय आफ ला एंड जस्टिस के सरकारी वैबसाइट पर इस प्रकार की किसी नियुक्ति पत्र या घोषणा समाचार लिखे जाने तक अपडेट नहीं की गई थी ।