
हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों UKD 2027 चुनाव को लेकर हलचल तेज है। उत्तराखंड क्रांति दल ने 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए अपना मास्टर प्लान जारी कर दिया है, जिसमें पार्टी ने घोषणा की है कि वह राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों पर मजबूती के साथ उतरेगी। यह कदम राज्य में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को फिर से जीवित करता है और यह संकेत देता है कि आने वाला चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है।
UKD ने 2027 चुनाव के लिए किया सबसे बड़ा ऐलान
पार्टी के सेंट्रल प्रेसिडेंट सुरेंद्र कुकरेती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि UKD 2027 चुनाव उनके लिए सिर्फ एक राजनीतिक परीक्षा नहीं, बल्कि उत्तराखंड आंदोलन के अधूरे सपनों को पूरा करने का संघर्ष है। उन्होंने कहा कि UKD एक बार फिर राज्य की उस राजनीतिक पहचान को मजबूत करेगा जिसके लिए यह पार्टी बनाई गई थी।
काशी सिंह ऐरी होंगे UKD 2027 चुनाव में मुख्यमंत्री चेहरा
UKD ने 2027 चुनाव में बड़ा दांव खेलते हुए घोषणा की कि इस बार पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री काशी सिंह ऐरी होंगे। कुकरेती का दावा है कि ऐरी का राजनीतिक अनुभव, संघर्षशील इतिहास और जनसमर्थन उन्हें UKD 2027 चुनाव में एक मजबूत चेहरे के रूप में स्थापित करता है।
प्रेस वार्ता में पूर्व MLA पुष्पेंद्र त्रिपाठी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति ने इस घोषणा को और अधिक प्रभावी बना दिया।
नया नारा— “बुजुर्गों का सम्मान, युवाओं की जिम्मेदारी”
UKD 2027 चुनाव का नया नारा युवाओं और बुजुर्गों दोनों को जोड़ने का प्रयास है। कुकरेती ने कहा कि राज्य की नई दिशा तभी तय होगी जब युवाओं और बुजुर्गों दोनों का सामूहिक अनुभव और ऊर्जा साथ आए।
क्यों महत्वपूर्ण है UKD 2027 चुनाव?
उत्तराखंड राज्य आंदोलन जिन मुद्दों के लिए लड़ा गया था, वे आज भी अधूरे हैं—स्थायी राजधानी, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाएं, पलायन रोकना, पहाड़ों का संतुलित विकास। कुकरेती ने कहा कि UKD 2027 चुनाव इन मुद्दों को केंद्र में लाने का निर्णायक समय है।
UKD संगठन का तेजी से विस्तार
कुकरेती के अनुसार, UKD 2027 चुनाव जीतने के लिए पार्टी बूथ स्तर तक अपना नेटवर्क मजबूत कर रही है। उन्होंने दावा किया कि युवाओं का समर्थन इस बार असाधारण है और महिलाएँ भी बड़ी संख्या में UKD से जुड़ रही हैं।
आंदोलन के अधूरे सपनों को पूरा करने की योजना
UKD का कहना है कि उत्तराखंड का गठन बड़े संघर्षों के बाद हुआ, लेकिन आज भी वास्तविक मुद्दे हल नहीं हुए। UKD 2027 चुनाव इन मूल विषयों को नई ऊर्जा देता है और जनता इसे लेकर गंभीरता दिखा रही है।
चुनौती भी, अवसर भी
राज्य में दो राष्ट्रीय पार्टियों के गहरे प्रभाव के बावजूद UKD 2027 चुनाव एक बड़ी चुनौती है। लेकिन कुकरेती का दावा है कि जनता अब विकल्प चाहती है और पहाड़-केन्द्रित राजनीति को महत्व दे रही है।
महिलाओं और युवाओं को बड़ी भूमिका
UKD का प्लान है कि UKD 2027 चुनाव में 33% टिकट महिलाओं को दिए जाएँ। साथ ही युवा कार्यकर्ताओं को संगठन विस्तार में नेतृत्व दिया जाएगा।
लोगों का भरोसा राष्ट्रीय पार्टियों से उठा
कुकरेती के अनुसार, जनता अब समझ चुकी है कि नेशनल पार्टियों के लिए उत्तराखंड प्राथमिकता नहीं है। इसीलिए UKD 2027 चुनाव में जनता एक नई राजनीतिक धारा की ओर देख रही है।
लक्ष्य—70 में 70 सीटों पर प्रभावी उपस्थिति
UKD का मानना है कि यदि लोग परिवर्तन चाहते हैं, तो UKD 2027 चुनाव में यह पार्टी एक मजबूत ताकत के रूप में उभर सकती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, UKD 2027 चुनाव उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। यदि UKD अपने मास्टर प्लान पर सही ढंग से काम करती है, तो राज्य की राजनीति में नया अध्याय शुरू हो सकता है।
क्लिक करें और जवाब पढ़ें (FAQ)
UKD 2027 चुनाव में मुख्यमंत्री चेहरा कौन है?
UKD ने 2027 के लिए काशी सिंह ऐरी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया है।
क्या UKD सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी?
हाँ, UKD ने घोषणा की है कि वह सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
UKD का मुख्य नारा क्या है?
UKD 2027 चुनाव का नारा है— “बुजुर्गों का सम्मान, युवाओं की जिम्मेदारी।”