मायावती चुनावी मोड में : बसपा को दोबारा खड़ा करने में जुटीं, कार्यकर्ताओं को दिया मिशन 2025 का मंत्र


संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

समाचार दर्पण 24.कॉम की टीम में जुड़ने का आमंत्रण पोस्टर, जिसमें हिमांशु मोदी का फोटो और संपर्क विवरण दिया गया है।
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समाचार दर्पण 24 टीम जॉइनिंग पोस्टर – राजस्थान जिला ब्यूरो आमंत्रण
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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती अब पूरी तरह चुनावी मोड में हैं। कांशीराम की पुण्यतिथि पर 9 अक्टूबर को हुई बसपा महारैली के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश समेत देशभर में संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर काम तेज कर दिया है।

रैली के बाद बैठकें, जोश के साथ मिशन 2025

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में आकाश आनंद ने संगठन के लिए नए जोश और दिशा का संकल्प दोहराया। मायावती ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा — “उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में जिस जोश और उत्साह से 9 अक्टूबर की रैली सफल हुई, वही भावना अब हर राज्य में फैलनी चाहिए।”

उन्होंने जोर दिया कि यह जोश बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के समानता आधारित समाज के सपने को साकार करने की दिशा में निर्णायक कदम है।

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गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी पर निशाना

मायावती ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, महिला असुरक्षा, जातिवाद और साम्प्रदायिक हिंसा चरम पर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकारें संविधान के जनकल्याणकारी उद्देश्यों से भटक गई हैं और राजनीतिक स्वार्थों में उलझी हैं। इसका सबसे अधिक नुकसान दलित, पिछड़े और बहुजन वर्ग को झेलना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा — “जब तक सत्ता की मास्टर चाबी बहुजन समाज के हाथों में नहीं आती, तब तक शोषण और अपमान से मुक्ति संभव नहीं है।”

‘बसपा सरकारों ने दी थी सामाजिक न्याय की मिसाल’

मायावती ने अपनी चार बार की सरकार के दौरान किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि बसपा शासनकाल में कानून का राज और सामाजिक परिवर्तन स्थापित हुआ था। उन्होंने कहा कि बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो संविधान की मानवतावादी सोच पर चलती है और जनता के सहयोग से आगे बढ़ती है।

मायावती ने कहा — “बसपा लेने वाली नहीं, देने वाली पार्टी है।”

जातिवादी घटनाओं पर चिंता, लोकतंत्र पर खतरा

मायावती ने हाल की घटनाओं, जैसे हरियाणा के आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या और कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश से जुड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा — “जब जिम्मेदार संस्थाएं भी चुप रहती हैं, तो यह लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करता है।”

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15 जनवरी को आर्थिक सहयोग अभियान जारी रखने की अपील

मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा कि 15 जनवरी, उनके जन्मदिन पर, आर्थिक सहयोग अभियान को जारी रखें। उन्होंने कहा कि बसपा का लक्ष्य केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि समाज को आत्मनिर्भर बनाना है।

“जब तक बहुजन समाज तन, मन और धन से एकजुट नहीं होगा, तब तक हमारा मिशन अधूरा रहेगा।”

राज्यवार समीक्षा से संगठन में नई ऊर्जा

19 अक्टूबर की बैठक में मायावती ने बाकी राज्यों के नेताओं को बुलाकर संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारी पहले ही 16 अक्टूबर को अलग बैठक में अपनी रिपोर्ट दे चुके थे।

‘बसपा में नई जान फूंकने की जरूरत’ — मायावती

मायावती ने कहा कि 9 अक्टूबर की महारैली ने साबित किया कि बसपा अब भी जमीनी ताकत रखती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर कांशीराम और अंबेडकर के विचारों को फैलाएं और बसपा को फिर से सत्ता में लाने के लिए कमर कस लें।

चुनावी एजेंडा 2025: सामाजिक न्याय और आर्थिक स्वाभिमान

बैठक में मायावती ने अपने चुनावी एजेंडे की झलक भी दिखाई। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में बसपा का नारा होगा — “सत्ता हमारे हाथों में, सम्मान सबके लिए।”

उन्होंने वादा किया कि बसपा की सरकार आई तो कानून का राज, भ्रष्टाचार पर रोक और गुड गवर्नेंस फिर से स्थापित किए जाएंगे।

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निष्कर्ष: बसपा मैदान में उतरने को तैयार

मायावती की लगातार बैठकों और सक्रियता से यह साफ हो गया है कि मिशन 2025 के लिए बसपा पूरी तरह तैयार है। उनकी रणनीति है — बहुजन समाज को एकजुट करना, आर्थिक स्वावलंबन बढ़ाना और सत्ता की मास्टर चाबी फिर से हासिल करना।

सवाल-जवाब (FAQ)

मायावती का मिशन 2025 क्या है?

मायावती का मिशन 2025 बहुजन समाज पार्टी को फिर से सत्ता में लाने और सामाजिक न्याय व आर्थिक स्वाभिमान को मजबूत करने का अभियान है।

आकाश आनंद की भूमिका क्या है?

आकाश आनंद बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक हैं और संगठन में नई ऊर्जा भरने का काम कर रहे हैं। वे मायावती के साथ सक्रिय रूप से आगे की रणनीति बना रहे हैं।

बसपा रैली 9 अक्टूबर को क्यों अहम मानी जा रही है?

यह रैली बसपा को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है, जिसमें भारी जनसमर्थन ने मायावती के अभियान को नई गति दी है।

मायावती का मुख्य चुनावी नारा क्या होगा?

“सत्ता हमारे हाथों में, सम्मान सबके लिए।” यही बसपा का मिशन 2025 का सूत्र वाक्य होगा।

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