
अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
कीचड़ नर्तन से उठा प्रशासनिक तंत्र
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सोमवार को एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने पूरे प्रशासन को हिला दिया। भाजपा नेता अरुण कुमार सिंह ने सड़क की दुर्दशा को लेकर कीचड़ नर्तन किया। उन्होंने खस्ताहाल लार बाईपास रोड पर घंटों तक कीचड़ में लेटकर प्रदर्शन किया। उनका यह कदम प्रशासन का ध्यान खींचने में पूरी तरह सफल रहा।
पूरी तरह टूट चुकी लार बाईपास रोड
देवरिया की लार बाईपास रोड अब पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग हर साल इस सड़क की मरम्मत तो करता है, लेकिन कुछ ही महीनों में यह सड़क दोबारा टूट जाती है। दशहरा जैसे बड़े त्योहारों पर मूर्तियों के विसर्जन और जुलूस के लिए यही बाईपास सबसे बेहतर मार्ग है। लेकिन इस बार सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ भरे होने से राहगीरों की परेशानियां कई गुना बढ़ गईं। ऐसे में भाजपा नेता ने कीचड़ नर्तन कर जनता की तकलीफ को सबके सामने उजागर किया।
अधिकारियों की अनदेखी से भड़के भाजपा नेता
अरुण कुमार सिंह ने कई बार अधिकारियों को सड़क सुधार के लिए शिकायत दी थी। लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जब हालात बदतर हो गए तो उन्होंने विरोध का रास्ता चुना। सोमवार को वह अकेले ही कीचड़ भरी सड़क पर लेट गए और जनता के हक में घंटों तक धरने पर बैठे रहे। इस दौरान स्थानीय लोग भी जुटे और नारेबाजी करने लगे।

उनका यह कीचड़ नर्तन प्रशासन पर गहरा दबाव बनाने वाला साबित हुआ।
प्रशासन सकते में, तुरंत हुई कार्रवाई
जब यह सूचना प्रशासन तक पहुँची तो अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में प्रशासनिक टीम और पीडब्ल्यूडी के अफसर मौके पर पहुँचे। काफी समझाने-बुझाने के बाद अरुण कुमार सिंह ने अपना प्रदर्शन खत्म किया। लेकिन इससे पहले उन्होंने साफ कर दिया कि अगर सड़क की मरम्मत नहीं हुई तो वह दोबारा प्रदर्शन करेंगे।
इसे भी पढें👉 I Love Muhammad विवाद : कानपुर से उठी चिंगारी अब पूरे देश में, महाराजगंज और उन्नाव में भी तनाव
अरुण सिंह के सड़क से उठते ही पीडब्ल्यूडी ने तत्काल रिपेयरिंग कार्य शुरू करा दिया। यानी उनका यह कीचड़ नर्तन सीधा प्रशासन की नींद उड़ाने वाला साबित हुआ।
अरुण कुमार सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि
अरुण कुमार सिंह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े थे। संगठन के समाप्त होने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा। देवरिया क्षेत्र में उनकी गिनती योगी के करीबी नेताओं में होती है। इस वजह से उनका यह कीचड़ नर्तन न केवल प्रशासन बल्कि राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है।
अखिलेश यादव का तंज
इस घटना पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी टिप्पणी की। उन्होंने वीडियो साझा करते हुए कहा –
“भाजपाई ही अपनी सरकार के भ्रष्टाचार और सड़क न बनने का विरोध कर रहे हैं। कीचड़ होकर भी यहाँ विकास का कमल नहीं खिला पाए, इसीलिए हताश होकर ‘कीचड़ नर्तन’ कर रहे हैं। ‘डबल इंजन’ कोई खोल ले गया क्या?”
अखिलेश का यह बयान साफ दर्शाता है कि विपक्ष भी इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार के रूप में भुना रहा है।
कीचड़ नर्तन का संदेश
यह कीचड़ नर्तन केवल एक सड़क की मरम्मत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनप्रतिनिधियों और जनता की आवाज़ का प्रतीक बन गया। आम जनता वर्षों से टूटी सड़कों और प्रशासनिक लापरवाही का सामना कर रही है। लेकिन जब खुद सत्ताधारी पार्टी का नेता सड़क पर उतरकर कीचड़ में लेट जाता है, तो यह सरकार और तंत्र दोनों के लिए बड़ा सबक है।
विकास बनाम कीचड़ नर्तन
उत्तर प्रदेश सरकार अक्सर अपने विकास कार्यों का बखान करती है। लेकिन देवरिया जैसे जिलों में जर्जर सड़कों की हालत देखकर सवाल उठना लाज़मी है। भाजपा नेता द्वारा किया गया यह कीचड़ नर्तन उसी खोखले विकास मॉडल पर चोट करता है।
देवरिया की टूटी सड़क पर किया गया यह कीचड़ नर्तन प्रशासन और राजनीति दोनों के लिए आईना है। जहां एक ओर नेता की जुझारू पहल से सड़क की मरम्मत शुरू हुई, वहीं दूसरी ओर विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया। यह घटना दिखाती है कि जनता के मुद्दों को हल्के में लेना प्रशासन के लिए कितना भारी पड़ सकता है।
