बलिया रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने साबरमती-दरभंगा एक्सप्रेस के कोच में संदिग्ध यात्री के बैग से 1.80 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। पैसों का स्रोत स्पष्ट न होने पर आयकर विभाग को सौंपी गई जांच।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
बलिया (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बलिया रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को उस समय सनसनी फैल गई जब एक नियमित तलाशी के दौरान जीआरपी (Government Railway Police) ने एक रेल यात्री के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद की। साबरमती-दरभंगा एक्सप्रेस के ए-2 कोच में सफर कर रहे एक यात्री के बैग से कुल 1.80 करोड़ रुपये नकद मिले, जिसे देखते ही रेलवे स्टेशन पर हड़कंप मच गया।
संदिग्ध गतिविधियों से हुआ शक
सब कुछ सामान्य प्रतीत हो रहा था, लेकिन थानाध्यक्ष विवेकानंद के नेतृत्व में की जा रही रूटीन चेकिंग के दौरान एक यात्री की गतिविधियां संदिग्ध जान पड़ीं। जब जीआरपी की टीम ने उस व्यक्ति को रोका और उसके बैग की तलाशी ली, तो दो स्लेटी रंग के ट्रॉली बैगों में गड्डियों में बंधे हुए नोटों का अंबार मिला। यह नजारा देख मौके पर मौजूद अधिकारी भी हैरान रह गए।
यात्री की पहचान और बेतुके जवाब
पूछताछ में उस यात्री की पहचान बिहार के सारण जिले के निवासी ओमप्रकाश चौधरी के रूप में हुई। जब उससे इतनी बड़ी रकम के स्रोत के बारे में पूछा गया, तो पहले उसने कहा कि यह पैसा ट्रक खरीदने के लिए लाया गया है। लेकिन थोड़ी ही देर में अपना बयान बदलते हुए उसने यह भी दावा कर दिया कि यह रकम जमीन बेचने से मिली है। उसकी बार-बार बदलती बातों ने पुलिस की शंका को और पुख्ता कर दिया।
कागजात न मिलने पर गहराया संदेह
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि ओमप्रकाश के पास इस नकदी से जुड़े कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। न ही कोई बैंक रसीद, न ही रजिस्ट्री या अन्य कोई प्रमाण। इससे यह प्रतीत हुआ कि रकम अवैध तरीके से ले जाई जा रही थी। जीआरपी की टीम ने मामला गंभीर देखते हुए तुरंत आयकर विभाग को सूचना दी।
आयकर विभाग की जांच शुरू
मौके पर पहुंची वाराणसी स्थित आयकर विभाग की जांच टीम ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है। अब यह जांच की जा रही है कि यह धनराशि कहां से लाई गई, इसका स्रोत क्या है और इसे किस उद्देश्य से ले जाया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, ओमप्रकाश झांसी से चलकर छपरा जा रहा था और उसके पास इतनी बड़ी नकदी का कोई ठोस कारण नहीं था।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई नियमित जांच के दौरान हुई, जिसका उद्देश्य केवल संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना था। परंतु इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि अपराधी किसी भी साधारण चेकिंग से भी पकड़े जा सकते हैं, बशर्ते सतर्कता बनी रहे।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल ओमप्रकाश को हिरासत में लिया गया है और आयकर विभाग द्वारा पूछताछ जारी है। इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जांच के निष्कर्षों के आधार पर की जाएगी। यदि यह साबित होता है कि यह धन काले धन के रूप में संचित किया गया है, तो उसे आयकर कानून के तहत सख्त सजा का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष के तौर पर, यह घटना उत्तर प्रदेश में बढ़ते वित्तीय अपराधों की एक झलक प्रस्तुत करती है। साथ ही यह भी रेखांकित करती है कि रेलवे सुरक्षा बल की सतर्कता और समय रहते की गई कार्रवाई से बड़े पैमाने पर अवैध वित्तीय लेनदेन को रोका जा सकता है।