संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट जिले के लोढ़वारा में सार्वजनिक नाले व ग्राम सभा की जमीन पर दबंग भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा कर पेट्रोल पंप और प्लॉटिंग का निर्माण किया गया है। प्रशासनिक चुप्पी और स्थानीय विरोध के बावजूद अब तक कोई सख्त कार्यवाही नहीं हुई है।
लोढ़वारा में नाले की जमीन पर बना पेट्रोल पंप, प्रशासन मौन
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक निष्क्रियता की एक और मिसाल सामने आई है। जिला मुख्यालय से सटे लोढ़वारा गांव—जो अब नगर पालिका परिषद कर्वी के विस्तारित क्षेत्र में आता है—वहां सार्वजनिक नाले, बंधान और भीटा की ज़मीन पर दबंग भू-माफियाओं द्वारा खुलेआम कब्जा किया गया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस नाले की ज़मीन पर पेट्रोल पंप का निर्माण भी कर दिया गया है, और प्रशासन अब तक केवल तमाशबीन बना हुआ है।
पूर्व शिकायतों के बावजूद प्रशासन मौन, भू-माफिया बेलगाम
ग्राम पंचायत द्वारा इस अवैध कब्जे की शिकायत उपजिलाधिकारी सदर और तहसीलदार कर्वी से पहले ही की जा चुकी थी, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता ने भू-माफियाओं के हौसले और बुलंद कर दिए। नतीजतन, गाटा संख्या 1371 से लेकर 1378 तक की जमीन पर अवैध निर्माण कार्य न सिर्फ जारी रहा, बल्कि सार्वजनिक ज़मीन की प्लॉटिंग कर उसे बेचा भी जा रहा है।
नाले पर बना पेट्रोल पंप: नियमों की धज्जियां उड़ाईं
स्थानीय लोगों के अनुसार, ‘साई राम पेट्रोलियम’ नाम से संचालित इस पेट्रोल पंप की डीलर रीतू सिंह हैं। बताया जाता है कि उनके पति अनिल सिंह पंचायती राज विभाग में उप निदेशक पद पर कार्यरत हैं। सत्ता और पद की ताकत के बल पर न सिर्फ नाले की ज़मीन पर कब्जा किया गया, बल्कि पूरी प्रशासनिक मशीनरी को इस गैरकानूनी कार्य के सामने घुटने टेकने को मजबूर कर दिया गया।
स्थानीय प्रधान प्रतिनिधि की भूमिका पर भी सवाल
लोढ़वारा की वर्तमान ग्राम प्रधान शकुंतला देवी के पुत्र सत्येन्द्र द्वारा इन भू-माफियाओं को खुला समर्थन मिलने की बात भी सामने आई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रधान प्रतिनिधि द्वारा संरक्षित माफिया, ग्राम सभा की सार्वजनिक जमीनों की प्लॉटिंग कर रहे हैं और मोटी कमाई कर रहे हैं।
बारिश के बाद बना जलप्रलय, जनता ने किया सड़क जाम
हाल ही में हुई बारिश ने इस अवैध कब्जे की भयावहता को उजागर कर दिया। नाले की जमीन पर कब्जे के कारण जल निकासी अवरुद्ध हो गई और पानी घरों के अंदर घुस गया। परेशान और आक्रोशित नागरिकों ने कर्वी-पहाड़ी संपर्क मार्ग को जाम कर दिया। जब मामला प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचा तो जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर लोगों को कार्यवाही का आश्वासन दिया, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
मुख्यमंत्री के निर्देशों की उड़ रही धज्जियां
यह विडंबना ही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक ओर सार्वजनिक जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही के निर्देश दे चुके हैं, वहीं चित्रकूट में उन्हीं के आदेशों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। प्रशासन की यह निष्क्रियता और भू-माफियाओं की बढ़ती हिम्मत एक चिंताजनक संकेत है।
अब सवाल यह है कि…
वर्तमान परिस्थिति में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक भू-माफियाओं को सरकारी संरक्षण प्राप्त होता रहेगा? और कब प्रशासन ग्राम सभा की संपत्ति को बचाने के लिए सख्त कदम उठाएगा? यदि यह हालात बने रहे, तो अगली बारिश में फिर से लोगों के घरों में पानी घुस जाएगा, और उनका जीवन संकट में पड़ जाएगा।
एक ओर सरकार स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन की बात करती है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी स्तर पर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जब प्रशासन खुद ही मूक दर्शक बन जाए और सत्ता के रसूख के आगे झुक जाए, तब आम जनता कहां जाए? अब ज़रूरत है कि शासन स्तर पर इस मामले का संज्ञान लिया जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही हो।