
इंदरजीत कौर की रिपोर्ट
Almora Explosive Recovery ने उत्तराखंड की सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह अलर्ट मोड पर ला दिया है। दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए दर्दनाक फिदायीन हमले के बाद जब देशभर में हाई अलर्ट जारी था, ठीक उसी दौरान अल्मोड़ा जिले के सल्ट ब्लॉक से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होना कई गंभीर सवाल खड़े करता है। दिल्ली कार ब्लास्ट में करीब 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक के घायल होने की घटना ने देश को दहला दिया था। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही थीं।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में कई आतंकी मॉड्यूल के सक्रिय होने की आशंका पहले ही जताई जा चुकी है। ऐसे में Almora Explosive Recovery के रूप में सामने आए इस विस्फोटक जखीरे ने सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। पहाड़ी क्षेत्र में इतनी भारी मात्रा में जिलेटिन छड़ों का पहुंचना सुरक्षा तंत्र पर बड़ा सवाल है।
स्कूल में खेलते बच्चों को कैसे मिला विस्फोटक?
शुक्रवार दोपहर सल्ट ब्लॉक के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डभरा में बच्चे मैदान में खेल रहे थे। खेल के दौरान उनकी नजर झाड़ियों में रखे कुछ संदिग्ध सामान पर पड़ी। जिज्ञासा के चलते बच्चों ने जब पास जाकर देखा तो वहां प्लास्टिक बैग में विस्फोटक जैसे पदार्थ रखे थे। बच्चों ने तत्काल इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को दी। इसके बाद प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई।
थोड़ी ही देर में पुलिस, बम निरोधक दस्ता, एसओजी टीम और खुफिया विभाग मौके पर पहुंच गए। इलाके को तुरंत सील कर दिया गया और विस्फोटकों को सुरक्षित तरीके से कब्जे में लिया गया। Almora Explosive Recovery की सूचना पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई।
जिलेटिन की 161 छड़ें — क्या था असली मकसद?
अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र से कुल 161 जिलेटिन छड़ें बरामद की गईं, जिनका वजन 20 किलो से भी अधिक बताया जा रहा है। शुरुआत में यह अफवाह फैल गई कि यहां आरडीएक्स मिला है, लेकिन वैज्ञानिक परीक्षण में स्पष्ट हुआ कि यह जिलेटिन है। विशेषज्ञों के अनुसार जिलेटिन का विस्फोट इतना शक्तिशाली होता है कि यह बड़े-बड़े पत्थरों और चट्टानों को आसानी से तोड़ सकता है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि हाई अलर्ट के बीच पहाड़ी क्षेत्र में इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक आखिर कैसे पहुंचा। क्या यह किसी अवैध खनन गिरोह का हिस्सा था? क्या इसे किसी आपराधिक गतिविधि के लिए छुपाकर रखा गया था? या फिर इसका कोई आतंकवादी कनेक्शन है? यही वजह है कि Almora Explosive Recovery को बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।
क्या दिल्ली ब्लास्ट और अल्मोड़ा बरामदगी का कोई लिंक है?
दिल्ली ब्लास्ट के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही हाई अलर्ट पर थीं। ऐसे में अल्मोड़ा जैसे शांत पर्वतीय क्षेत्र में इतनी भारी विस्फोटक खेप मिलना किसी बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या Almora Explosive Recovery और दिल्ली फिदायीन हमले में कोई कड़ी है।
जानकारों का मानना है कि आतंकी संगठन अक्सर पहाड़ी इलाकों का इस्तेमाल छिपने और विस्फोटक जमा करने के लिए करते रहे हैं। इसे देखते हुए यह बरामदगी और भी संवेदनशील हो जाती है।
एसएसपी देवेंद्र पींचा मौके पर, जांच कई एंगल से शुरू
घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी देवेंद्र पींचा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया और विस्फोटक को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के निर्देश दिए। एसएसपी ने साफ कहा कि Almora Explosive Recovery बेहद गंभीर मामला है और इसे किसी भी तरह हल्के में नहीं लिया जाएगा।
पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच कई एंगल से शुरू कर दी गई है। फ़ॉरेंसिक टीम भी मौके से नमूने लेकर जांच में जुट गई है।
विस्फोटक को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू
विस्फोटक को सुरक्षित तरीके से नष्ट करने के लिए पुलिस ने भिकियासैंण कोर्ट में अनुमति के लिए आवेदन कर दिया है। बम निरोधक टीम के अनुसार जिलेटिन छड़ों को जल्द से जल्द नष्ट करना आवश्यक है ताकि किसी अनहोनी की संभावना समाप्त हो सके।
इधर, गांव में इस घटना को लेकर दहशत का माहौल है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि पहाड़ जैसे शांत इलाके में इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक रखना क्या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था?
आने वाले दिनों में हो सकता है बड़ा खुलासा
पुलिस, एटीएस और आईबी की टीमें Almora Explosive Recovery से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच कर रही हैं। आशंका है कि आने वाले दिनों में इस मामले में बड़ा खुलासा हो सकता है कि यह विस्फोटक आखिर किसके लिए और किस उद्देश्य से यहां रखा गया था।
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अल्मोड़ा में विस्फोटक कहाँ मिला?
विस्फोटक सल्ट ब्लॉक के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डभरा के पास झाड़ियों में मिला।
Almora Explosive Recovery को गंभीर क्यों माना जा रहा है?
क्योंकि 161 जिलेटिन छड़ें स्कूल परिसर के पास मिलीं। यह किसी बड़े नेटवर्क या साजिश की ओर संकेत कर सकता है।
क्या इसका दिल्ली ब्लास्ट से संबंध है?
जांच जारी है। सुरक्षा एजेंसियां किसी कड़ी की संभावना को नकार नहीं रहीं।
बरामद जिलेटिन का क्या किया जाएगा?
कोर्ट की अनुमति के बाद बम निरोधक दस्ता इसे नियंत्रित तरीके से नष्ट करेगा।