हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
देहरादून के ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून ने शहर को हिला कर रख दिया था। इस ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून में 11 नवंबर 2024 की रात एक तेज रफ्तार इनोवा कार और कंटेनर की टक्कर में छह युवाओं की मौत हुई थी और एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ था। ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून की भयावहता ऐसी थी कि सड़क पर शव के टुकड़े तक बिखरे मिले।
चार्जशीट और जांच का नया मोड़
इस ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून मामले में कैंट पुलिस ने करीब एक साल बाद 500 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की है, जिसमें 60 गवाहों के बयान शामिल किए गए हैं। पुलिस ने चार्जशीट में कंटेनर चालक रामकुमार, मालिक नरेश गौतम और वाहन किराये पर लेने वाले अभिषेक चौधरी को आरोपी बनाया है।
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पीड़ितों और घायल की स्थिति
ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून में गुनीत, कुणाल कुकरेजा, ऋषभ जैन, नव्या गोयल, अतुल अग्रवाल और कामाक्षी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हुई थी जबकि सिद्धेश अग्रवाल गंभीर रूप से घायल होकर जीवित बचे। पुलिस ने बताया कि सिद्धेश के बयान अब तक दर्ज नहीं हो पाए थे और यही एक वजह रही कि चार्जशीट दाखिल करने में देरी हुई।
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स्थानिक दृश्य और सीसीटीवी बंद
घटना स्थल पर उस रात लगे कैमरे बंद मिले। जांच में यह भी सामने आया कि कार राजपुर रोड से घंटाघर होते हुए जीएमएस रोड और फिर ओएनजीसी चौक तक पहुंची थी — यह क्रम ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून के रूट की पहचान के लिए अहम रहा।
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किसे बनाया गया आरोपी, कितने गवाह?
पुलिस ने ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून में कंटेनर चालक को 13 दिन बाद गिरफ्तार किया था; चार्जशीट में कुल 60 लोगों को गवाह बनाया गया है। अब अदालत में दायर चार्जशीट के बाद ट्रायल की रूपरेखा पर भी काम शुरू होगा।
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पारिवारिक आक्रोश और कानूनी उम्मीदें
घटना के एक साल बाद भी ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून की पीड़ा परिजनों के चेहरों पर साफ दिखाई देती है। कुछ परिजन पुलिस कार्रवाई की ढिलाई पर सवाल उठा चुके हैं और चाह रहे हैं कि ट्रायल में सच्चाई उभरे।
समाज, सड़क सुरक्षा और नीतिगत सबक
ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून ने तेज रफ्तार, निगरानी की कमी और सड़क सुरक्षा नियमों के पालन की अनदेखी जैसी समस्याओं को फिर से सार्वजनिक बहस में ला दिया है। नगर और पुलिस प्रशासन से उम्मीद है कि ओएनजीसी चौक पर निगरानी बढ़ाई जाएगी और सख्त नियम लागू होंगे ताकि किसी भी ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून जैसी त्रासदी से बचा जा सके।
यह खबर स्थानीय पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट और स्थानीय मीडिया रिपोर्टिंग पर आधारित है। ट्रायल की तारीख और आगे की कानूनी कार्यवाही के बारे में जैसे ही नई जानकारी आएगी, उसे सार्वजनिक किया जाएगा।
ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून ने न सिर्फ मृत परिवारों की ज़िंदगियाँ छीन लीं बल्कि शहर में सड़क सुरक्षा की देनदारी पर भी सवाल खड़े कर दिए। ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून की गूँज अभी भी कोर्ट-कचहरी और सड़कों पर सुनाई देती है। स्थानीय नागरिकों ने बार-बार कहा कि ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून जैसे घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम और कठोर निगरानी जरूरी है।
जांच और सुनवाई के दौरान ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून पर जनता की नजर बनी रहेगी; रिव्यू में ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून के सबूतों की पुनः जाँच भी हो सकती है। ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून को लेकर दायर शिकायतों का भी गंभीरता से परीक्षण अपेक्षित है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (क्लिक करें — जवाब दिखाई देगा)
ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून कब हुआ?
ओएनजीसी चौक हादसा देहरादून 11 नवंबर 2024 की रात हुआ था।
चार्जशीट कितने पन्नों की है और कितने गवाह बनाए गए?
चार्जशीट 500 पन्नों की है और इसमें 60 गवाह बनाए गए हैं।
किसे आरोपी बनाया गया है?
चार्जशीट में कंटेनर चालक रामकुमार, मालिक नरेश गौतम और वाहन किराये पर लेने वाले अभिषेक चौधरी को आरोपी बनाया गया है।
स्रोत (मुख्य रिपोर्ट्स): स्थानीय समाचार कवरेज और पुलिस बयान।