
ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट
दीपोत्सव: यमुना मैया में 2100 दीपकों का सामूहिक दीपदान
स्थान: गढ़ाया · तारीख: 22 अक्टूबर 2025
गढ़ाया गाँव में इस वर्ष की दीपावली पर एक भव्य और भावनात्मक कार्यक्रम आयोजित किया गया — गुरु गर्गाचार्य समिति के तत्वावधान में यमुना मैया में 2100 दीपकों का सामूहिक दीपदान रखा गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय सांस्कृतिक विरासत और मंदिर-परंपराओं के साथ-साथ बृज चौरासी कोस परिक्रमा पथ में गढ़ाया को सम्मिलित करने की न्यायोचित माँग को जन-समर्थन देना था।
कार्यक्रम का स्वरूप और भागीदारी
शाम होते ही ग्रामीणों, खासकर महिलायों और किशोरियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। दीपक जब यमुना के पानी पर तैरते दिखे तो पूरा दृश्य रातभर जुगनुओं जैसा जगमगाता रहा — लोगों ने इसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टियों से यादगार बताया।
प्रमुख सहभागी और आयोजन के आयोजक
- गाँव प्रधान: भोला चौधरी
- पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष: अनूप चौधरी
- समाजी एवं आयोजक सदस्य: ठा केके सिंह, सुरेश चौहान, पंडित रूपचंद शर्मा, भारत गोयल, रामवीर सिंह, पारस ठाकुर (BJP मंडल अध्यक्ष) और अन्य
- स्थानीय युवा और ग्रामीण महिलायें — दीपदान में सक्रिय भूमिका
क्यों है यह आयोजन महत्वपूर्ण?
पहला: सांस्कृतिक संरक्षण — गढ़ाया का गुरु गर्गाचार्य आश्रम यहाँ की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग रहा है।
दूसरा: नागरिक-आन्दोलन — समिति ने वर्षों से बृज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग में गढ़ाया को शामिल करने की माँग उठाई है; यह दीपदान उसी आंदोलन का औपचारिक व सार्वजनिक प्रदर्शन भी माना जा रहा है।
तीसरा: सामुदायिक एकता — इस तरह के आयोजन स्थानीय एकता और धार्मिक/आध्यात्मिक भावनाओं को मजबूत करते हैं, जो स्थानीय विकास कार्यों के लिये सहायक हो सकते हैं।
घटनाक्रम — संक्षेप में
- शाम 6:30 बजे: आश्रम से दीपदान यात्रा आरम्भ।
- शाम 7:30 बजे: यमुना तट पर 2100 दीपकों का सामूहिक प्रज्वलन।
- रात भर: तैरते दीपक और पूजा-अर्चना; स्थानीय भजन-कीर्तन भी।
- समापन: समिति ने शांति वाक्य के साथ कार्यक्रम समेटा और बृज चौरासी कोस में शामिल करने की मांग को दोहराया।
क्या आगे होगा — समिति की अगली रणनीति
समिति का कहना है कि वे दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ प्रशासन और संबंधित विभागों से संपर्क जारी रखेंगे। इसे एक सांस्कृतिक व ऐतिहासिक मामला बताया जा रहा है — इसलिए, आगे पक्का करने के लिये समिति लोक-समर्थन, मीडिया कवरेज और प्रशासनिक पत्राचार दोनों पर जोर दे रही है।
संक्षेप में, गढ़ाया का यह दीपदान केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं था — बल्कि यह एक सांस्कृतिक पुनर्स्थापना और ऐतिहासिक पहचान की मांग भी था। यमुना पर तैरते 2100 दीपक न केवल रात को रोशन कर गए, बल्कि गाँव की आवाज़ को भी एक स्पष्ट प्रकाश की तरह दूर तक पहुँचाया।
प्रमुख प्रश्न (क्लिक करें — जवाब खुल जाएगा)
1. यह आयोजन किसने आयोजित किया?
यह कार्यक्रम गुरु गर्गाचार्य समिति द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें गाँव प्रधान भोला चौधरी व पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष अनूप चौधरी सहित कई समाजसेवी व स्थानीय नेता शामिल थे।
2. दीपदान में कितने दीपक शामिल थे और वे कहाँ रखे गए?
कुल 2100 दीपक यमुना मैया के पानी पर तैरते हुए रखे गए और वे रातभर जगमगाते रहे।
3. गुरु गर्गाचार्य समिति क्या मांग कर रही है?
समिति की मुख्य माँग यह है कि ऐतिहासिक व सांस्कृतिक आधारों के साथ गढ़ाया को बृज चौरासी कोस परिक्रमा पथ में आधिकारिक रूप से शामिल किया जाए।
4. क्या आयोजन सुरक्षित रूप से संपन्न हुआ?
हाँ — आयोजन स्थानीय सुरक्षा व व्यवस्थाओं के साथ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
रिपोर्ट: ठाकुर के के सिंह | सत्यापन: गुरु गर्गाचार्य समिति प्रतिनिधि। संपादन;समाचार दर्पण