
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
समाचार सार — दिवाली की रौनक ने इस बार उत्तर प्रदेश में बिजली खपत का नया राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया। त्योहारी 24 घंटे में पूरे प्रदेश में कुल 149 करोड़ यूनिट (1,490 मिलियन यूनिट) बिजली की खपत दर्ज की गई — जो देश के किसी भी राज्य के लिए सर्वाधिक रही।
क्यों बढ़ी खपत? — त्योहारी रौनक और शहरी माँग
त्योहारों के कारण घरों में रोशनी, सजावट और घरेलू उपयोग के बढ़ जाने से शहरी इलाकों में बिजली की माँग चरम सीमा पर पहुँच गई। खासकर लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज जैसे महानगरों में रोशनी और डेकोरेशन के साथ-साथ औसत घरेलू उपभोग में भी इजाफा हुआ। परिणामस्वरूप, दिन के समय औसतन 17,000–18,000 मेगावाट और पीक पर लगभग 21,000 मेगावाट के आसपास शिखर माँग देखी गई।
सप्लाई मैनेजमेंट — कैसे रखा गया ग्रिड संतुलन
ऊर्जा विभाग और UPPCL ने न सिर्फ मॉनिटरिंग कक्षों को सक्रिय किया, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रिड-मैनेजमेंट रणनीतियों के संयोजन से सप्लाई को निर्बाध रखने की कोशिश की। इसके साथ ही कुछ बंद पड़ी इकाइयों को फिर से चालू कर उत्पादन बढ़ाया गया ताकि ट्रांसमिशन लोड बेजोड़ न हो और उपभोक्ताओं को कटौती का सामना न करना पड़े।
सोनभद्र और बड़ी परियोजनाओं का योगदान
प्रदेश की आपूर्ति आवश्यकता को पूरा करने में सोनभद्र और आसपास की थर्मल परियोजनाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई — कई प्लांटों को सीमा तक उत्पादन पर चलाया गया। प्रमुख परियोजनाओं के उत्पादन आँकड़े नीचे सारणीबद्ध हैं (स्रोत रिपोर्टिंग के अनुसार):
परियोजना | क्षमता (मेगावाट) | उत्पादन (मेगावाट) |
---|---|---|
अनपरा A | 1,630 | 1,364 |
अनपरा B | 1,000 | 900 |
अनपरा D | 1,000 | 931 |
ओबरा C | 1,320 | 1,200 |
ओबरा B | 1,000 | 522 |
लैंको (निजी) | 1,200 | 722 |
रिहंद (NTPC) | 3,000 | 2,978 |
सिंगरौली STPS | 2,000 | 1,978 |
पिछली दिवाली से तुलना और आगे की राह
पिछले वर्ष दिवाली पर अधिकतम मांग लगभग 23,000 मेगावाट तक दर्ज की गई थी; इस बार पीक लगभग 21,000 मेगावाट के आसपास रही। मौसम में बदलाव और त्योहारों की श्रृंखला (दिवाली — छठ) को देखते हुए ऊर्जा विभाग ने चेतावनी दी है कि मांग उच्च बनी रह सकती है, इसलिए ग्रिड-स्टेबिलिटी और आपातकालीन रिज़र्व पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
क्या यह सतत् वृद्धि है? — विशेषज्ञ दृष्टिकोण
विशेषज्ञों के अनुसार, नगरों में बढ़ती रोशनी, नए कनेक्शनों का विस्तार और घरेलू उपकरणों (एसी/हीटर/लाइटिंग) के उपयोग में वृद्धि का संयोजन यह संकेत देता है कि त्योहारी अवधि के अलावा भी पीक-डिमांड के नए पैटर्न उभर रहे हैं। इसलिए दीर्घकालिक योजना में नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रिड-अपग्रेड और मांग-प्रबंधन (DSM) पॉलिसियों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: क्या 149 करोड़ यूनिट का आंकड़ा सही है?
हाँ — विभिन्न राज्य समाचार एजेंसियों और UPPCL रिपोर्टों के अनुसार दिवाली के 24 घंटे में कुल 149 करोड़ यूनिट (1,490 मिलियन यूनिट) की खपत दर्ज की गई।
Q2: क्या बिजली कटौती का खतरा था?
ऊर्जा विभाग ने सप्लाई बनाए रखने के लिए आपातकालीन मैनेजमेंट और कुछ बंद इकाइयों को चालू कर दिया; इसलिए बड़े पैमाने पर कटौती की सूचना रिपोर्ट में नहीं मिली, हालांकि स्थानीय-स्तर पर प्रेषण/ट्रांसमिशन समस्याएँ अस्थायी रूप से आ सकती थीं।
Q3: अगले त्यौहारों के दौरान बोर्ड ने क्या तैयारी की है?
UPPCL और ऊर्जा विभाग ने मॉनिटरिंग बढ़ाई, रेन्यूएबल सोर्सेज का संयोजन लगाया और ग्रिड रिज़र्व बनाकर आगे की मांग को मैनेज करने की तैयारी की है।
रिपोर्टर: चुन्नीलाल प्रधान — ऊर्जा विभाग स्रोतों और पावर प्लांट आँकड़ों के आधार पर।