
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
कामवन नाम की पुनः स्थापना की मांग तेज़
कामवन, जिसे वर्तमान में कामां कहा जाता है, अपने पौराणिक और धार्मिक महत्व के कारण हमेशा से विशेष पहचान रखता है। शारदीय नवरात्रि के शुभारंभ पर आयोजित 69वीं जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में यह मुद्दा एक बार फिर से प्रमुखता से उठा। इस प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि के रूप में पधारे कामवन विधायक नोक्षम चौधरी को जायंट्स ग्रुप ऑफ कामवन के पदाधिकारियों ने एक मांग पत्र सौंपा। इस पत्र में स्पष्ट किया गया कि आम जनता चाहती है कि कामां का नाम बदलकर उसका मूल और पौराणिक नाम कामवन पुनः स्थापित किया जाए।
विधायक नोक्षम चौधरी का आश्वासन
कामवन विधायक नोक्षम चौधरी ने इस मांग पत्र पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे स्वयं भी इस पक्ष में हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे विधानसभा में इस विषय को पहले ही उठा चुके हैं। विधायक ने जनता को आश्वस्त किया कि वे मुख्यमंत्री भजनलाल जी से भी इस विषय में बात करेंगे।
उनके शब्दों में:
“कामवन का दिव्य और पौराणिक नाम लौटना अत्यंत आवश्यक है। मेरी भावना है कि चाहे और कुछ हो या न हो, कामां का नाम अवश्य कामवन हो जाना चाहिए। इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही जल्द की जाएगी।”
कामवन का पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व
कामवन का नाम केवल एक भूगोलिक पहचान नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा हुआ है। स्थानीय लोग मानते हैं कि यह क्षेत्र धार्मिक आस्था, पौराणिक कथाओं और संस्कृति का प्रतीक है।
इसके अलावा, कामवन का नाम कृष्णभक्ति और वृज क्षेत्र की पहचान से भी जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि स्थानीय जनमानस इसे केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण के रूप में देखता है।
जायंट्स ग्रुप ऑफ कामवन की पहल
इस अवसर पर जायंट्स ग्रुप ऑफ कामवन के पदाधिकारी हरिकुम्हेरिया, उमाशंकर शर्मा, खेमराज खंडेलवाल, राधाशरण शर्मा, डॉ. संजय शर्मा और गोविंद खंडेलवाल उपस्थित रहे। उन्होंने विधायक को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यह मांग जनता की गहरी भावनाओं से जुड़ी हुई है।

उनका मानना है कि कामां का नाम बदलकर कामवन करना केवल स्थानीय जनता की भावनाओं का सम्मान ही नहीं होगा, बल्कि क्षेत्र की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को भी वैश्विक स्तर पर पुनर्जीवित करेगा।
कामवन नाम परिवर्तन का राजनीतिक पहलू
यह मांग केवल धार्मिक और सांस्कृतिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। विधायक नोक्षम चौधरी ने इसे विधानसभा में उठाकर स्पष्ट कर दिया है कि वे इस दिशा में गंभीर हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री भजनलाल जी का इस क्षेत्र से गहरा लगाव होना भी इस मुद्दे को और मजबूत करता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि कामां का नाम बदलकर कामवन किया जाता है, तो यह स्थानीय जनता के विश्वास को और मजबूत करेगा और क्षेत्रीय पहचान को नया आयाम देगा।
कामवन की जनता की भावनाएँ
कामवन क्षेत्र की जनता लंबे समय से इस नाम परिवर्तन की मांग कर रही है। उनका कहना है कि कामां नाम उनकी धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान को सही रूप से नहीं दर्शाता। इसके विपरीत, कामवन नाम सुनते ही उनकी पौराणिक और सांस्कृतिक जड़ों का बोध होता है।
स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह केवल एक औपचारिक बदलाव नहीं होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह उनके क्षेत्र की गौरवशाली पहचान को संजोने का माध्यम बनेगा।
कामवन नाम परिवर्तन का भविष्य
वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि कामवन नाम की पुनः स्थापना की संभावना बहुत अधिक है। विधायक के समर्थन और मुख्यमंत्री से जुड़ी भावनाओं के चलते यह मुद्दा और भी प्रबल हो गया है।
आने वाले समय में यदि यह निर्णय लिया जाता है, तो यह केवल नाम का बदलाव नहीं होगा बल्कि कामवन क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और पौराणिक पहचान का पुनर्जागरण होगा।
कामवन की पहचान केवल एक भूगोलिक नाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धार्मिक, पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहर से गहराई से जुड़ा है। विधायक नोक्षम चौधरी के आश्वासन और जनता की भावनाओं को देखते हुए यह कहना उचित होगा कि कामां का नाम बदलकर कामवन करने की दिशा में ठोस कदम जल्द उठाए जाएंगे।
कामवन नाम का पुनः प्रचलन न केवल जनता की भावनाओं का सम्मान होगा बल्कि यह क्षेत्र की धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान को भी वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा।
