बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा का विशाल धरना प्रदर्शन: मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया

बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता और ग्रामीण चित्रकूट में 4 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए, मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपते हुए।

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

समाचार दर्पण 24.कॉम की टीम में जुड़ने का आमंत्रण पोस्टर, जिसमें हिमांशु मोदी का फोटो और संपर्क विवरण दिया गया है।
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समाचार दर्पण 24 टीम जॉइनिंग पोस्टर – राजस्थान जिला ब्यूरो आमंत्रण
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बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा ने एक बार फिर जनता की आवाज को बुलंद किया है। चित्रकूट जनपद के पाठा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सोमवार, 22 सितंबर को विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस धरने का नेतृत्व एडवोकेट प्रखर पटेल और समाजसेवी मुकेश कुमार ने किया। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए और सभी ने मिलकर अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की।

धरना प्रदर्शन के बाद बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा ने जिलाधिकारी चित्रकूट के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में चार प्रमुख मांगें रखी गईं जो सीधे तौर पर ग्रामीण जीवन और विकास से जुड़ी हुई हैं।

बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा की चार प्रमुख मांगें

1️⃣ विद्युत समस्या का समाधान – चित्रकूट और पूरे पाठा क्षेत्र में लगातार बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के बिना न तो शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू हो पा रही हैं और न ही छोटे उद्योग।

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2️⃣ जल जीवन मिशन को पूरा करना – बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा की दूसरी प्रमुख मांग पाठा क्षेत्र में चल रहे जल जीवन मिशन को जल्द से जल्द पूरा करने की है। लोगों का कहना है कि पानी की किल्लत से ग्रामीण जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है और बिना पानी के विकास की कल्पना भी अधूरी है।

3️⃣ देवांगना घाटी में रोशनी की व्यवस्था – तीसरी मांग देवांगना घाटी में लगी खराब लाइटों को दुरुस्त कराने की है। ग्रामीणों का कहना है कि अंधेरे में आवाजाही करना बेहद कठिन हो जाता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

4️⃣ कर्वी से पाठा तक सरकारी संसाधनों की व्यवस्था – चौथी मांग यह है कि कर्वी मुख्यालय से पाठा क्षेत्र तक सरकारी संसाधनों जैसे परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य योजनाएं प्रभावी ढंग से संचालित की जाएं।

धरना स्थल पर उमड़ा जनसैलाब

इस धरना प्रदर्शन में एडवोकेट प्रखर पटेल, समाजसेवी मुकेश कुमार, मुकेश सिंह, संदीप पटेल, विपिन, ललित, राज पटेल, अंकित, मुकेश कुमार सिंह, राकेश, नीरज, चन्द्र शेखर, अर्जुन, अर्पित, आनंद, एडवोकेट अनुरुद्ध पटेल, विक्रम, अरुण, सचिन, अंकित सिंह, अनुपम समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।

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भीड़ देखकर साफ था कि यह आंदोलन केवल कुछ व्यक्तियों का नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता का है।

बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा ने क्यों चुना यह रास्ता?

बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा का कहना है कि क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में ग्रामीणों की आवाज बुलंद करने और मुख्यमंत्री तक संदेश पहुंचाने के लिए धरना प्रदर्शन ही अंतिम विकल्प रह गया।

बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता और ग्रामीण चित्रकूट में 4 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए, मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपते हुए।
चित्रकूट में बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा का विशाल धरना प्रदर्शन, जहां ग्रामीणों ने बिजली, पानी, रोशनी और सरकारी संसाधनों की मांग उठाई।

इसके अलावा, ग्रामीणों ने यह भी कहा कि बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा केवल धरना देने के लिए नहीं बल्कि स्थायी समाधान के लिए संघर्षरत है। उनका विश्वास है कि अगर सरकार इन मांगों पर ध्यान देती है तो चित्रकूट और पूरा पाठा क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकता है।

जनहित से जुड़ी मांगें और उनका असर

धरने में रखी गई चारों मांगें सीधे तौर पर ग्रामीणों के जीवन से जुड़ी हुई हैं।

बिजली और पानी की समस्या हल होने से शिक्षा, कृषि और उद्योग में सुधार होगा।

रोशनी की व्यवस्था दुरुस्त होने से ग्रामीणों की सुरक्षा बढ़ेगी।

सरकारी संसाधनों की उपलब्धता से स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

इस प्रकार, बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के आंदोलन को केवल धरना नहीं बल्कि विकास की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा सकता है।

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क्या कहता है बुन्देलखण्ड का जनमानस?

धरने में शामिल ग्रामीणों का कहना था कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका विश्वास है कि मुख्यमंत्री तक यह आवाज पहुंचेगी और जल्द ही पाठा क्षेत्र को राहत मिलेगी।

वहीं, समाजसेवी मुकेश कुमार ने कहा कि बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा हमेशा से क्षेत्र की आवाज बनकर खड़ा रहा है। इस बार भी आंदोलन तभी थमेगा जब सरकार से लिखित आश्वासन मिलेगा।

भविष्य की दिशा

धरने के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि यदि सरकार जल्द कदम नहीं उठाती तो आने वाले दिनों में बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा और भी बड़े स्तर पर आंदोलन कर सकता है।

बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा का यह विशाल धरना प्रदर्शन न केवल जनता की समस्याओं को उजागर करता है बल्कि प्रशासन और सरकार के लिए चेतावनी भी है कि अब ग्रामीण चुप बैठने वाले नहीं हैं। उनकी चार सूत्रीय मांगें पूरी तरह जनहित से जुड़ी हैं और यदि इन्हें पूरा किया जाता है तो चित्रकूट और पाठा क्षेत्र में विकास की नई रोशनी देखी जा सकती है।

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