उत्तर प्रदेश में तराई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद जैसे जिलों में बाढ़ की आशंका। प्रशासन सतर्क, राहत टीमें स्टैंडबाय पर।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में मानसून फिर हुआ सक्रिय, तराई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। बीते कुछ दिनों से बारिश की गति धीमी होने के बाद अब प्रदेश के पश्चिमी और तराई क्षेत्रों में बादल गरजने के साथ मूसलधार बारिश हो रही है। खासकर सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और मुरादाबाद जैसे जिलों में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे साफ है कि इन क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
लगातार बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
जहां एक ओर बारिश गर्मी से राहत लेकर आती है, वहीं दूसरी ओर इसका अत्यधिक प्रकोप अब संकट बनने लगा है। पश्चिमी यूपी के कई जिलों में पिछले 24 घंटे में मूसलधार बारिश हुई है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव, फसल क्षति, और सड़क अव्यवस्था जैसी परेशानियां सामने आ रही हैं।
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह के अनुसार, “सोमवार को तराई क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।”
इस चेतावनी के मद्देनज़र प्रशासन सतर्क हो गया है और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें पूरी तरह तैयार रखी गई हैं।
किन-किन जिलों में है चेतावनी?
भारी बारिश (ऑरेंज अलर्ट):
सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद
गरज-चमक और वज्रपात की चेतावनी:
प्रयागराज, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, सोनभद्र, मिर्जापुर
गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, बलरामपुर
मेरठ, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, अलीगढ़, मथुरा, फिरोजाबाद
शाहजहांपुर, पीलीभीत, बरेली, रामपुर, अमरोहा, संभल, बदायूं
झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, औरैया, इटावा, आगरा
सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, कासगंज, एटा आदि
बाढ़ जैसे हालात बनने लगे
तेज बारिश के कारण गंगा, यमुना, घाघरा और शारदा जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। विशेषकर लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती और बलरामपुर जैसे जिलों में स्थिति ज्यादा चिंताजनक हो गई है। यहां नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। प्रशासन ने इन इलाकों में नावों, राहत सामग्री और अस्थायी शिविरों की व्यवस्था कर ली है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
सरकार की ओर से सभी जिलाधिकारियों, तहसीलदारों और आपदा प्रबंधन विभाग को उच्च सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों की 24×7 निगरानी के लिए टीमों का गठन किया गया है। जलभराव वाले इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, वहीं राहत शिविरों की स्थापना भी तेज़ी से की जा रही है।
खेतों में तबाही, किसान बेहाल
इधर, लगातार हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर जिन इलाकों में धान की रोपाई हाल ही में की गई थी, वहां अत्यधिक जलभराव से पौधे सड़ने लगे हैं। कुछ स्थानों पर तो फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। कृषि विभाग ने सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि किसानों को मुआवजा दिलाया जा सके।
स्कूल बंद करने पर विचार
कई जिलों में प्रशासन ने विद्यालयों को अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार किया है। ऐसे क्षेत्रों में जहां पानी भर चुका है या रास्ते बंद हो गए हैं, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में अवकाश की घोषणा की जा सकती है। इस बाबत संबंधित बीएसए और डीआईओएस को अलर्ट कर दिया गया है।
लोगों से की गई अपील
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि बिना आवश्यक कारण के घर से बाहर न निकलें। खुले स्थानों, पेड़ के नीचे या जलस्रोतों के पास खड़े न हों, क्योंकि आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। किसी भी आपात स्थिति में 112 या जिला नियंत्रण कक्ष से तत्काल संपर्क करें।
जागरूकता अभियान भी शुरू
संभावित बाढ़ और वज्रपात को देखते हुए प्रशासन ने जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। मुनादी, मोबाइल मैसेज और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सुरक्षित रहने के उपाय बताए जा रहे हैं।
फिलहाल उत्तर प्रदेश के कई जिले मौसम की मार झेल रहे हैं। प्रशासन की सक्रियता के बावजूद यदि लोग खुद सजग नहीं होंगे, तो जान-माल की हानि से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में ज़रूरत है कि लोग अफवाहों से बचें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सावधानी बरतें।