
अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के हरदोई गैस रिसाव मामले ने पूरे जिले को दहला दिया है। शुक्रवार सुबह लायंस पब्लिक स्कूल में अचानक स्कूल में गैस लीक होने से बच्चों में भगदड़ मच गई। कुछ ही मिनटों में 16 बच्चे इसकी चपेट में आ गए, जिनमें कई बेहोश होकर गिर पड़े। हरदोई स्कूल हादसा तेजी से सोशल मीडिया और स्थानीय प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
शुरुआती जानकारी के अनुसार, गैस का रिसाव स्कूल की दूसरी मंजिल स्थित लैब से हुआ। जैसे ही बच्चों ने तेज गंध महसूस की, वे घबराकर क्लास से बाहर भागे। कई बच्चों को खांसी, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। यह हरदोई गैस रिसाव की अब तक की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक बताई जा रही है।
स्कूल में गैस लीक होते ही मची अफरा-तफरी, 16 बच्चे हुए बेहोश
घटना सुबह लगभग 10 बजे हुई। 9वीं और 12वीं की कक्षाओं में पढ़ रहे छात्रों ने अचानक गंध महसूस की। इसके बाद स्कूल में गैस लीक होते ही कई बच्चे बेहोश हो गए। बताया जा रहा है कि 12वीं के चार बच्चे सबसे पहले बेहोश हुए, जिसके बाद पहली मंजिल के कई अन्य बच्चों की भी तबीयत बिगड़ने लगी।
बच्चों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुँचाने के लिए Lions Public School Gas Leak मामले में शिक्षकों और सीनियर छात्रों ने मिलकर बच्चों को गोद में उठाया और स्कूल की वैन से अस्पताल भेजा। अस्पताल में अचानक बड़ी संख्या में बच्चों के पहुँचने से अफरा-तफरी मच गई।
टीचर्स ने बताया – बच्चों को सांस लेने में दिक्कत, खांसी और उल्टी की शिकायत
स्कूल कोऑर्डिनेटर अपूर्वा भदौरिया ने बताया कि जब वे 12वीं की क्लास ले रही थीं, तभी एक छात्र अभिनव ने आकर कहा कि “मैम, क्लास में दिक्कत हो रही है, मुझे खांसी आ रही है।” जब उन्होंने जाकर क्लास देखी तो 9वीं के बच्चे घबराकर बाहर भाग रहे थे।
उन्होंने तत्काल सभी क्लासेस को खाली कराकर ग्राउंड में इकट्ठा कराया। कई बच्चों को गंभीर खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
हरदोई गैस रिसाव की वजह से एक बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे KGMU, लखनऊ रेफर किया गया है।
पैरेंट्स के गंभीर आरोप – “स्कूल के पीछे लाश जलाई जाती है”
घटना के बाद गुस्साए अभिभावक स्कूल पहुंचे और हरदोई स्कूल हादसा को लेकर स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। कई अभिभावकों ने यह भी दावा किया कि स्कूल के पीछे अक्सर “लाश जलाई जाती है,” जिससे बच्चों को दिक्कत होती है। यह आरोप जांच के दायरे में हैं।
कुछ अभिभावकों ने कहा:
“बच्चे बेहोश हो रहे हैं, लेकिन स्कूल को खाली नहीं कराया जा रहा था।”
“मेरी बेटी की तबीयत खराब हो गई है, बच्चों को सांस लेने में परेशानी है।”
Lions Public School Gas Leak के बाद पैरेंट्स का विरोध बढ़ता जा रहा है और प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि स्कूल के आसपास ऐसी गतिविधियों की जांच क्यों नहीं हुई।
DM–SP मौके पर पहुँचे, लैब के केमिकल से गैस रिसाव की आशंका
घटना की जानकारी मिलते ही DM अनुनय झा, SP अशोक कुमार मीणा और पुलिस बल मौके पर पहुँचा। अधिकारियों ने हरदोई गैस रिसाव की पूरी घटना की जांच शुरू की।
शुरुआती जांच में यह सामने आया कि गैस का रिसाव स्कूल की लैब में रखे किसी केमिकल या गैस सिलेंडर से हुआ है। टीम ने लैब को सील कर दिया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
DM ने कहा—
“16 बच्चे प्रभावित हुए हैं। 15 की स्थिति सामान्य है, एक बच्ची को गंभीर हालत में KGMU रेफर किया गया। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
स्कूल प्रबंधन पर भी उठे सवाल
हरदोई स्कूल हादसा के बाद यह भी सामने आया कि स्कूल के मालिक एचन सिंह की मौत हो चुकी है और उनकी पत्नी स्कूल संभाल रही हैं। स्कूल में करीब 1000 छात्र पढ़ते हैं और तीन मंजिला भवन की दूसरी मंजिल पर लैब है।
अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में सेफ्टी उपकरण नहीं हैं और लैब के केमिकल का सही रखरखाव नहीं किया जाता। यह स्कूल में गैस लीक होने की एक बड़ी वजह हो सकती है।
हरदोई गैस रिसाव क्यों हुआ? जांच जारी
फिलहाल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की कई टीमें लगाई गई हैं। हर संभव एंगल से यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि आखिर Lions Public School Gas Leak का वास्तविक कारण क्या था।
एक बात स्पष्ट है—यह गंभीर लापरवाही का मामला है, जिसमें सख्त कार्रवाई तय है।
हरदोई गैस रिसाव ने जिले में स्कूल सुरक्षा को लेकर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
👉 क्लिक कर पढ़ें सवाल–जवाब (FAQ)
1. हरदोई गैस रिसाव की घटना कब हुई?
यह घटना सुबह करीब 10 बजे लायंस पब्लिक स्कूल में हुई।
2. इस गैस लीक में कितने बच्चे प्रभावित हुए?
कुल 16 बच्चे प्रभावित हुए, जिनमें एक की हालत गंभीर है।
3. हरदोई स्कूल हादसा क्यों हुआ?
शुरुआती जांच में लैब केमिकल या गैस सिलेंडर से रिसाव की आशंका जताई गई है।
4. क्या स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई होगी?
DM ने जांच के आदेश दिए हैं और दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई तय है।
5. क्या यह घटना दोबारा हो सकती है?
यदि स्कूलों में सेफ्टी नियमों का पालन नहीं हुआ तो ऐसी घटनाएँ दोबारा भी हो सकती हैं।
रिपोर्ट- अनुराग गुप्ता, ©समाचार दर्पण।






