3 लाख लोगों से 3500 करोड़ की ठगी: राजस्थान पुलिस ने फर्जी XPO निवेश नेटवर्क का भंडाफोड़, 5 आरोपी गिरफ्तार

हिमांशु मोदी की रिपोर्ट

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भरतपुर (राजस्थान)। राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने देशभर के लाखों निवेशकों को ठगने वाले एक बड़े XPO फर्जी निवेश नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यह नेटवर्क बीते कुछ वर्षों में करीब 3 लाख से अधिक लोगों से 3500 करोड़ रुपये लूट चुका था। पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल कार्रवाई में नेटवर्क से जुड़े 5 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

जांच टीम ने आरोपियों के कब्जे से 40 लाख रुपये नकद, सोने के जेवरात, 3 करोड़ रुपये मूल्य के 5 लग्ज़री वाहन और लगभग 40 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है। यह कार्रवाई राजस्थान में अब तक की सबसे बड़ी फर्जी निवेश ठगी का खुलासा मानी जा रही है।

XPO नेटवर्क: फॉरेक्स और क्रिप्टो में निवेश का झांसा देकर हजारों करोड़ की ठगी

अनुसंधान में खुलासा हुआ कि XPO निवेश कंपनी खुद को विदेशी बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी और फॉरेक्स ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा कमाने का दावा करती थी। लेकिन भारत में यह न तो SEBI, न RBI, न MCA और न किसी अन्य सक्षम प्राधिकरण से पंजीकृत थी।

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यह प्लेटफॉर्म लोगों को कम समय में अधिक मुनाफे, बोनस, रेफरल स्कीम और निवेश पर कई गुना रिटर्न देने का लालच देकर पोंजी स्कीम की तरह पैसा बटोर रहा था। अधिकारियों के अनुसार, यह नेटवर्क पूरी तरह फर्जी था और इसका असली उद्देश्य बस लोगों से करोड़ों की ठगी करना ही था।

फर्जी XPO निवेश नेटवर्क का संचालन जयपुर से, रूस होने का दावा झूठा

पुलिस की जांच में सामने आया कि XPO वेबसाइट खुद को 2016 से रूस से संचालित होना बताती थी। लेकिन हकीकत में यह नवंबर 2022 से राजस्थान के जयपुर शहर से संचालित हो रही थी।

इस पूरी ठगी का मुख्य संचालन संदीप सिगर पुत्र भागीरथ मल और रजत शर्मा पुत्र श्रीराम शास्त्री द्वारा किया जा रहा था। दोनों ही इस फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म के डिजाइन, प्रचार और धन संग्रह की रणनीति तैयार करते थे।

47 लाख यूज़र्स का दावा निकला झूठा, असल में सिर्फ 4.7 लाख

XPO वेबसाइट 47 लाख से अधिक वैश्विक उपयोगकर्ताओं और 4.3 बिलियन डॉलर के फंड प्रबंधन का दावा करती थी। लेकिन तकनीकी जांच में पता चला कि वास्तविक संख्या सिर्फ 4.7 लाख यूज़र्स की थी।

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वहीं वास्तविक जमा पूंजी मात्र 350 मिलियन डॉलर यानी लगभग 3100 करोड़ रुपये ही मिली। यानी वेबसाइट पर दिखाया गया आंकड़ा वास्तविकता से कई गुना अधिक था, ताकि निवेशकों को प्रभावित किया जा सके।

Dizicx नाम का दूसरा फर्जी प्लेटफॉर्म भी चला रहे थे आरोपी

पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि यही गिरोह Dizicx नाम की एक और फर्जी निवेश वेबसाइट चला रहा था। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 9000 से अधिक लोगों से 58 मिलियन डॉलर यानी करीब 500 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

दोनों प्लेटफॉर्म क्रिप्टो और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर निवेशकों को लुभाते थे और पहले छोटे लाभ देकर भरोसा जीतते थे। बाद में बड़े पैमाने पर जमा रकम लेकर भाग जाते थे।

गिरफ्तार आरोपी और उनके नेटवर्क का पूरा विवरण

पुलिस ने जिन 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:

  • अतुल कुमार पुत्र देवेंद्र कुमार, 38 वर्ष, निवासी सांगानेर जयपुर
  • मुकुल कुमार पुत्र देवेंद्र कुमार, 38 वर्ष, निवासी सांगानेर जयपुर
  • कृष्ण कुमार पुत्र मुकेश चंद, 27 वर्ष, निवासी शिवदासपुर जयपुर
  • राकेश कुमार शर्मा पुत्र अशोक कुमार, निवासी भुसावर, भरतपुर
  • उमरावमल पुत्र दूल्हाराम रैगर, 40 वर्ष, निवासी मानसरोवर जयपुर

पुलिस का कहना है कि नेटवर्क में और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं तथा धन के प्रवाह और डिजिटल लेनदेन की जांच जारी है।

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XPO ठगी केस: देशभर के निवेशकों को बड़ी चेतावनी

पुलिस अधिकारियों ने लोगों को सचेत करते हुए कहा है कि किसी भी निवेश प्लेटफॉर्म पर पैसा लगाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह SEBI या RBI से अधिकृत है या नहीं।

अज्ञात या विदेशी प्लेटफॉर्म पर भारी मुनाफे का झांसा देकर पैसा लगवाने की कोशिश अक्सर ठगी का संकेत होती है। XPO और Dizicx जैसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि ऑनलाइन निवेश जगत में सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।


📌 क्लिक करें और जवाब देखें (FAQ)

XPO निवेश नेटवर्क क्या है?

XPO एक फर्जी ऑनलाइन निवेश प्लेटफॉर्म था जो क्रिप्टो और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से मोटी रकम लेता था। यह भारत में किसी भी वैधानिक संस्था से पंजीकृत नहीं था।

XPO नेटवर्क ने कितनी ठगी की?

इस नेटवर्क ने लगभग 3 लाख लोगों से 3500 करोड़ रुपये की ठगी की।

कितने आरोपी गिरफ्तार किए गए?

पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Dizicx क्या है?

Dizicx एक दूसरा फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म था, जहां से लगभग 9000 लोगों से 500 करोड़ रुपये ठगे गए।

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