यूपी में ‘दीया विवाद’ पर सियासत गरमाई: आजम खान और अखिलेश यादव के बयानों ने बढ़ाया सियासी तापमान

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

Red and Blue Geometric Patterns Medical Facebook Post_20251110_094656_0000
previous arrow
next arrow

उत्तर प्रदेश में दीया विवाद पर सियासत दिनबदिन तेज होती जा रही है। अयोध्या दीपोत्सव से पहले ही यह मुद्दा राजनीतिक बयानबाजियों का केंद्र बन गया है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान का दीया विवाद को लेकर दिया गया बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने कहा — “जो लोग दीया जला सकते हैं, वे कुछ भी जला सकते हैं।”

आजम खान का बयान बना चर्चा का विषय

एक निजी चैनल से बातचीत में आजम खान ने कहा कि दीपावली का पर्व रोशनी और भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कहा कि “दीये जलते नहीं, बल्कि रोशन होते हैं। उनका मकसद उजाला देना और ठंडक फैलाना होता है, न कि नफरत का धुआं पैदा करना।” इस बयान ने दीया विवाद को नया मोड़ दे दिया है और यूपी की राजनीतिक सरगर्मी चरम पर पहुंच गई है।

इसे भी पढें  दीपावली पर सफाई कर्मियों की मनमानी, दारू और मीट पार्टी में मस्त, प्रशासन में हड़कंप

अखिलेश यादव का बयान और विवाद की शुरुआत

अखिलेश यादव ने हाल ही में अयोध्या दीपोत्सव पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा था कि “जब दुनिया के शहर क्रिसमस पर महीनों तक जगमगाते हैं, तब हम सिर्फ कुछ दिनों के लिए दीये जलाकर इतना खर्च क्यों करते हैं? हमें उनसे सीखनी चाहिए।” उनके इस बयान को दीया विवाद का शुरुआती कारण माना जा रहा है। बयान के बाद सपा और भाजपा के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई।

बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने अखिलेश को दी नसीहत

दीया विवाद पर अब भाजपा नेता भी खुलकर मैदान में उतर आए हैं। भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि “लगता है अखिलेश यादव को अब राहुल गांधी जैसे सलाहकार मिल गए हैं। उन्हें इससे बचना चाहिए।” इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर #दीया_विवाद और #अखिलेश_यादव ट्रेंड करने लगे।


यूपी में दीया विवाद बना भावनात्मक मुद्दा

उत्तर प्रदेश में दीया विवाद सिर्फ सियासी बयानबाजी नहीं बल्कि एक भावनात्मक मुद्दा बन गया है। जहां भाजपा इसे “संस्कृति और परंपरा की रक्षा” से जोड़ रही है, वहीं सपा इसे “जनहित के खर्चे” पर सवाल बता रही है। खास बात यह है कि दीया विवाद को लेकर जनता भी दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है। एक वर्ग इसे धार्मिक भावना से जोड़ रहा है, जबकि दूसरा वर्ग इसे राजकोषीय खर्च का मुद्दा मानता है।

इसे भी पढें  Premanand Maharaj : शराबी को प्रणाम करने की प्रेरक कहानी — जीवन न टूटने का मिला अनोखा संदेश

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ आजम खान का वीडियो

दीया विवाद के बीच आजम खान का बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाखों बार शेयर किया जा चुका है। कुछ लोग उनके शब्दों को “रचनात्मक व्यंग्य” बता रहे हैं, तो कुछ इसे “राजनीतिक आग” भड़काने वाला बयान कह रहे हैं। ट्विटर (X), फेसबुक और यूट्यूब पर #दीया_विवाद शीर्ष ट्रेंड में बना हुआ है।

अयोध्या दीपोत्सव को लेकर तैयारी जारी

विवादों के बावजूद अयोध्या दीपोत्सव की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस बार विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए लाखों दीये जलाए जाएंगे। वहीं विपक्ष इसे आर्थिक फिजूलखर्ची बताकर सवाल उठा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषक क्या कह रहे हैं?

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दीया विवाद जैसे मुद्दे उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल के इर्द-गिर्द ही उभरते हैं। यह विवाद न केवल भावनाओं को प्रभावित करता है बल्कि दलों की राजनीतिक रणनीतियों को भी बदल देता है। उनका कहना है कि “दीया विवाद” 2026 के स्थानीय निकाय चुनावों तक चर्चा में बना रहेगा।

इसे भी पढें  नफरती धमाके में उड़ गई यूपी , हिमाचल और इन राज्यों के बेगुनाहों की जानें, समूचे यूपी में हाई अलर्ट

निष्कर्ष: दीया से रोशनी या सियासी आग?

दीया विवाद अब केवल धार्मिक या सांस्कृतिक चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि यह यूपी की राजनीति का सशक्त प्रतीक बन चुका है। आजम खान और अखिलेश यादव के बयानों ने भाजपा और सपा के बीच वैचारिक खींचतान को नए स्तर पर पहुंचा दिया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा साबित हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

दीया विवाद क्या है?

दीया विवाद उत्तर प्रदेश की उस राजनीतिक बहस को कहा जा रहा है जिसमें दीपावली और अयोध्या दीपोत्सव के खर्च पर सवाल और प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं।

आजम खान ने क्या कहा?

आजम खान ने कहा — “जो लोग दीया जला सकते हैं, वे कुछ भी जला सकते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि दीये रोशनी और ठंडक का प्रतीक होते हैं।

अखिलेश यादव का बयान क्या था?

अखिलेश यादव ने अयोध्या दीपोत्सव पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमें इतना खर्च करने के बजाय क्रिसमस से सीख लेनी चाहिए।

बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया क्या रही?

बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह ने अखिलेश यादव की तुलना राहुल गांधी से की और कहा कि उन्हें गलत सलाहकारों से बचना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top