
ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट
1. त्यौहार, मिठाई और वर्क का बढ़ता चलन
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों जैसे दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज में मिठाइयाँ हर घर की परंपरा होती हैं। इन मिठाइयों पर लगाई गई चांदी की वर्क दिखने में भले ही खूबसूरत लगती हो, लेकिन हर चमकती परत असली चांदी नहीं होती। कई बार मिठाई विक्रेता सस्ता विकल्प अपनाकर एल्यूमिनियम वर्क का इस्तेमाल करते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
2. चांदी वर्क के नाम पर छिपा खतरा
चांदी की वर्क असल में शुद्ध चांदी की बेहद पतली परत होती है जो सामान्य तौर पर सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन एल्यूमिनियम वर्क सस्ते दाम पर उपलब्ध होने के कारण इसका उपयोग तेजी से बढ़ा है।
- असली चांदी जैविक रूप से निष्क्रिय होती है, शरीर में नहीं घुलती।
- एल्यूमिनियम शरीर में जमा होकर यकृत, आंत, हड्डियों, और मस्तिष्क को नुकसान पहुँचा सकती है।
- रिपोर्ट्स के अनुसार 10% वर्क में एल्यूमिनियम पाया गया है।
3. मिठाई में मिलावट — दोहरी समस्या
3.1 नकली मावा का प्रसार
त्योहारों के मौसम में मिठाइयों की भारी मांग होती है, जिससे कई विक्रेता नकली मावा तैयार करते हैं। दूध की जगह सस्ता पाउडर, चीनी और मिलावटी घटकों से तैयार यह मावा स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
3.2 एल्यूमिनियम वर्क का इस्तेमाल
- सस्ती और आसानी से उपलब्ध एल्यूमिनियम वर्क का अन्यायपूर्ण प्रयोग बढ़ गया है।
- आम उपभोक्ता के लिए असली-नकली वर्क में फर्क करना कठिन होता है।
- वर्क को रगड़ने पर यदि हाथ पर धूसर निशान बने तो यह नकली हो सकती है।
4. स्वास्थ्य पर असर
एल्यूमिनियम वर्क व नकली मावा दोनों ही लंबे समय में शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- लिवर, किडनी और हड्डियों की कार्यक्षमता पर असर।
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव।
- कुछ नमूनों में सीसा, क्रोमियम और कैडमियम जैसी जहरीली धातुएँ भी पाई गई हैं।
5. कैसे पहचानें असली वर्क और शुद्ध मावा
5.1 वर्क की पहचान के आसान तरीके
- वर्क हटाकर देखें – हाथ पर सफेद या धूसर निशान बने तो यह नकली एल्यूमिनियम वर्क हो सकती है।
- आग में जलाने पर असली चांदी धातु बॉल में बदल जाती है, जबकि एल्यूमिनियम राख छोड़ती है।
- असली चांदी वर्क बेहद महीन और आसानी से टूटने वाली होती है।
5.2 मावा या खोवा की पहचान
- बहुत कम कीमत में बिकने वाला “शुद्ध मावा” संदिग्ध हो सकता है।
- भरोसेमंद दुकानदार और साफ-सुथरे वातावरण में तैयार मिठाइयाँ ही लें।
- दुकान का नाम, ब्रांड और ग्राहकों की समीक्षा अवश्य जांचें।
6. त्यौहार में बढ़ी जिम्मेदारी
दीपावली और भाईदूज के अवसर पर मिठाइयों की चमक-दमक मनमोहक होती है, लेकिन असली स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी जागरूकता पर निर्भर करती है। वर्क व मावा की जांच करके ही मिठाई खरीदें।
- वर्क की असलियत पर विक्रेता से सीधे प्रश्न करें।
- बहुत सस्ते दरों पर बिकने वाली मिठाई से सावधान रहें।
- नामचीन दुकानों और पुराने ब्रांड्स पर भरोसा करें।

7. उपभोक्ताओं के लिए जरूरी टिप्स
- वर्क बहुत पतली और प्राकृतिक चमक वाली होनी चाहिए।
- वर्क को रगड़ने पर धूसर निशान बने तो यह नकली हो सकती है।
- मावा का स्रोत पूछें और पैकेजिंग ध्यान से देखें।
- गर्भवती महिलाएँ, बच्चे एवं वृद्ध मिठाई सीमित मात्रा में खाएँ।
- भरोसेमंद और प्रमाणित मिठाई विक्रेताओं से ही खरीदारी करें।
अंतिम संदेश: त्योहारों की मिठास तभी सच्ची होती है जब वह शुद्धता में भी मीठी हो। “चांदी की वर्क” वाली मिठाई की चमक भले लुभावनी हो, लेकिन जागरूकता ही सच्ची सुरक्षा है।
सवाल जवाब (FAQ)
क्या चांदी की वर्क खाना सुरक्षित है?
जी हाँ, असली चांदी की वर्क सीमित मात्रा में सुरक्षित होती है क्योंकि यह शरीर में घुलती नहीं।
एल्यूमिनियम वर्क खाने से क्या नुकसान हो सकता है?
एल्यूमिनियम शरीर में जमा होकर लीवर, आंतों और हड्डियों को नुकसान पहुँचा सकती है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से हानिकारक है।
असली और नकली वर्क में फर्क कैसे करें?
वर्क को हाथ से रगड़ें, अगर सफेद निशान बने तो यह नकली है। असली चांदी की वर्क में प्राकृतिक चमक और महीन बनावट होती है।
नकली मावा कैसे पहचानें?
सस्ते दाम, भुरभुरा बनावट, और कृत्रिम गंध मिलने पर समझें कि मावा असली नहीं है।
त्योहारों की मिठास बनी रहे — पर स्वास्थ्य के साथ!