
राष्ट्रीय संवाद ब्यूरो की रिपोर्ट
भारत में दीपावली केवल रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक विविधता और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है। इस वर्ष 2025 की दीपावली ने पूरे देश को नई ऊर्जा और पर्यावरण-संवेदनशील उत्सव की दिशा में आगे बढ़ाया है। नीचे देखें राज्यवार अद्यतन झलकियाँ—
🔸 उत्तर प्रदेश
अयोध्या में 24 लाख से अधिक दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड कायम हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दरबार में आरती की और सरयू तट पर दीपदान हुआ। वाराणसी में गंगा आरती के साथ घाटों पर दीपमालाएं जगमगाईं, जबकि लखनऊ में गोमती तट और हजरतगंज की लाइटिंग ने त्योहार की रौनक बढ़ाई।
🔸 बिहार
पटना और गया में पारंपरिक दीयों और लक्ष्मी-गणेश पूजा के साथ श्रद्धा का माहौल रहा। मिथिला क्षेत्र में माटी के दीयों और मखाना दीपों की सजावट खास रही। रेलवे स्टेशनों पर “ग्रीन दिवाली” थीम अपनाई गई। सीतामढ़ी में दीपदान मेले में हजारों श्रद्धालु उमड़े।
🔸 महाराष्ट्र
मुंबई में गिरगांव चौपाटी और मरीन ड्राइव पर दीपोत्सव की चमक फैली। बॉलिवुड हस्तियों ने सोशल मीडिया पर “ईको-फ्रेंडली दिवाली” का संदेश दिया। पुणे और नागपुर में समाजसेवी संगठनों ने सामूहिक पूजा और भंडारे आयोजित किए।
🔸 गुजरात
अहमदाबाद और सूरत में अन्नकूट दर्शन, रंगोली प्रतियोगिता और दीपदान उत्सव हुए। सोने-चांदी की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हुई। गांधीनगर के सरकारी भवनों को एलईडी लाइट्स से सुसज्जित किया गया।
🔸 पंजाब
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में लाखों दीपों से सरोवर का दृश्य अलौकिक दिखाई दिया। गुरु पर्व और दीपावली एक साथ मनाई गई। लुधियाना और जालंधर में पटाखों की जगह दीपदान और कैंडल लाइटिंग से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

🔸 राजस्थान
जयपुर की हवेलियों और बाजारों में पारंपरिक रोशनी की बहार रही। मुख्यमंत्री आवास में लोकनृत्य और दीप प्रदर्शनी आयोजित हुई। उदयपुर की झीलों पर तैरते दीपों ने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध किया।
🔸 पश्चिम बंगाल
यहाँ काली पूजा के रूप में दीपावली मनाई गई। कोलकाता के कालीघाट और दक्षिणेश्वर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। पंडालों में कलात्मक रोशनी और थीम आधारित मूर्तियाँ विशेष आकर्षण बनीं।
🔸 तमिलनाडु
राज्य में दीपावली को “नरक चतुर्दशी” पर मनाया गया। चेन्नई, मदुरै और कोयंबटूर में पारंपरिक तेल स्नान और मिठाई वितरण की परंपरा निभाई गई। सरकार ने आतिशबाज़ी सीमित रखने की अपील की, जिसका व्यापक असर देखा गया।
🔸 कर्नाटक
बेंगलुरु और मैसूर में दीपोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। आईटी कंपनियों ने दफ्तरों को पारंपरिक साज-सज्जा से सजाया। “ग्रीन फायरवर्क्स” की पहल को नागरिकों ने सराहा।
🔸 मध्य प्रदेश
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में हजारों दीयों से परिसर जगमगा उठा। भोपाल तालाब किनारे दीपदान महोत्सव आयोजित हुआ। इंदौर में मिठाई और सजावटी वस्तुओं की बिक्री में 25% बढ़ोतरी हुई।
📊 सारांश
भारत की दीपावली 2025 एक “पर्यावरण-संवेदनशील उत्सव” के रूप में उभरी है। हर राज्य में परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम दिखा। धार्मिक आस्था के साथ “ग्रीन दिवाली” का संदेश इस बार पूरे भारत में प्रतिध्वनित हुआ।
(यह रिपोर्ट देश के विभिन्न राज्यों से प्राप्त अद्यतन जानकारियों के आधार पर तैयार की गई है।)
💬 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1️⃣ इस साल अयोध्या में कितने दीप जलाए गए?
अयोध्या में कुल 24 लाख से अधिक दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया गया।
2️⃣ दीपावली 2025 की खासियत क्या रही?
इस साल “ग्रीन दिवाली” और “पर्यावरण जागरूकता” मुख्य थीम रही, जिसमें ज्यादातर राज्यों ने आतिशबाज़ी पर नियंत्रण रखा।
3️⃣ किन राज्यों में धार्मिक पर्यटन बढ़ा?
उत्तर प्रदेश (अयोध्या, वाराणसी), मध्य प्रदेश (उज्जैन) और पंजाब (अमृतसर) में धार्मिक पर्यटन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई।
🪔 भारत दीपों की भूमि है — जहाँ हर रोशनी एक नई आशा जगाती है। 🪔