
अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
गोंडा (उत्तर प्रदेश), 20 अक्टूबर 2025: भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और कैसरगंज के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दीपावली पर उठे दीया विवाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव खुद सनातनी हैं, मगर उन्हें ग़लत सलाहकार गुमराह कर रहे हैं।
दीया विवाद क्या है?
दीपावली से पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि दीपोत्सव और दीया जलाना “फिजूलखर्ची” है और हिंदू समाज को क्रिसमस से सीख लेनी चाहिए। इस बयान पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे सनातन परंपरा का अपमान बताया।
अब इस दीया विवाद पर भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह का बयान सामने आया है, जिससे राजनीति का पारा और चढ़ गया है।
“अखिलेश खुद सनातनी हैं” — बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव कृष्ण भगवान का मंदिर बनवा रहे हैं, इसलिए यह कहना कि दीपोत्सव फिजूलखर्ची है, सही नहीं। उन्होंने कहा —
“अखिलेश जी खुद सनातनी हैं। उनके एक-दो बयान से सनातन परंपरा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लगता है कि उनके सलाहकार वही लोग हैं, जिन्होंने राहुल गांधी को सनातन समाज से दूर कर दिया था।”

उन्होंने कहा कि त्योहार और परंपराएं बदलने की चीज़ नहीं होतीं, ये भारत की सांस्कृतिक आत्मा हैं।
त्योहारों को कोई नहीं बदल सकता
पूर्व सांसद ने कहा — “रोज़ा-इफ्तार पूरे देश में होता है, क्या उसे बंद किया जा सकता है? उसी तरह होली और दीपावली को भी कोई नहीं रोक सकता। ये परंपराएं आज की नहीं, आदिकाल की हैं। ऐसे बयानों से जनभावना को ठेस पहुँचती है।”
दीया विवाद पर यह बयान जनता के धार्मिक जुड़ाव और राजनीतिक दिशा दोनों को प्रभावित कर रहा है।
“सनातन को किसी सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं”
बिहार के प्रशांत किशोर का माथे से तिलक मिटाने वाला वीडियो वायरल होने पर बृजभूषण सिंह ने कहा —
“जो सनातन है, वो सनातन है। किसी के सर्टिफिकेट देने से कुछ नहीं होता। उन्होंने तिलक क्यों मिटाया, इसका जवाब वही दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा आत्मविश्वास से भरी हुई है और यह किसी बाहरी प्रमाण की मोहताज नहीं।
पटाखे और पराली विवाद पर टिप्पणी
दिल्ली में पटाखे जलाने की अनुमति और वायु प्रदूषण बढ़ने के सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा — “पटाखा तो एक बहाना है, असली समस्या पराली जलाने की है। जब तक किसान स्तर पर पराली जलाने पर रोक और वैकल्पिक उपाय नहीं होंगे, प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर हर जिले में जिम्मेदारी तय करनी चाहिए ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।
सोशल मीडिया पर दीया विवाद का असर
#दीया_विवाद, #बृजभूषण_शरण_सिंह, #अखिलेश_यादव जैसे हैशटैग ट्विटर (X) और फेसबुक पर ट्रेंड कर रहे हैं। समर्थक इसे सांस्कृतिक आत्मसम्मान का मुद्दा बता रहे हैं, जबकि विरोधी इसे चुनावी रणनीति के रूप में देख रहे हैं।
निष्कर्ष — परंपरा से टकराना राजनीति नहीं, भूल है
दीया विवाद पर उठी सियासी बहस के बीच बृजभूषण शरण सिंह का बयान संतुलन का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि परंपरा और धर्म पर राजनीति करने से समाज में विभाजन बढ़ता है।
उनका यह कहना कि “जनभावना से टकराना ठीक नहीं” राजनीति के लिए भी चेतावनी है और संस्कृति के सम्मान का संदेश भी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. दीया विवाद क्या है?
दीया विवाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के उस बयान से जुड़ा है जिसमें उन्होंने दीपोत्सव को “फिजूलखर्ची” कहा था। भाजपा नेताओं ने इसे सनातन परंपरा का अपमान बताया।
2. बृजभूषण शरण सिंह ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव खुद सनातनी हैं और उनके कुछ सलाहकार उन्हें गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने जनता की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की।
3. क्या पटाखों से प्रदूषण बढ़ता है?
बृजभूषण सिंह के अनुसार, प्रदूषण की मुख्य वजह पटाखे नहीं बल्कि पराली जलाना है। इसे रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठाने चाहिए।
4. क्या यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा है?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह बयान सांस्कृतिक भावनाओं को साधने और विपक्षी दलों पर नैतिक बढ़त लेने की कोशिश हो सकता है।
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रिपोर्ट: अब्दुल मोबीन सिद्दीकी | स्थान: गोंडा (उत्तर प्रदेश)