
अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
आंसुओं के साथ मनाई दीपावली — सोशल मीडिया पर इन दिनों वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज का एक भावुक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे बताते हैं कि कैसे उन्होंने अपनी दीपावली रौशनी नहीं, बल्कि आंसुओं के साथ और भक्ति के दीप से मनाई। श्री राधा केली कुंज आश्रम के चैनल “भजन मार्ग” पर यह प्रवचन साझा किया गया है जिसने लाखों श्रद्धालुओं के मन को स्पर्श किया है।
संत प्रेमानंद जी महाराज का भावनात्मक प्रवचन
वीडियो में संत प्रेमानंद महाराज कहते हुए नजर आते हैं कि — “तुम दीपावली का उत्सव देख रहे हो, पर जानते हो हमारी दीपावली कैसी होती थी? भूखी!” वे बताते हैं कि जब वे भिक्षा मांगने निकलते थे तो कई बार कहा जाता था, “आज रोटी नहीं बनी, त्योहार है।” उस पल उनके लिए दीपावली नहीं, बल्कि विरक्ति और भक्ति की परीक्षा होती थी।
शाम के समय जब चारों ओर दीपक जलते थे, मिठाइयों की खुशबू फैलती थी, तब वे अपने श्रीजी (राधा-कृष्ण) को गोद में लेकर रोते थे और कहते — “हे प्रभु, ये आंसू ही आपकी दीपावली हैं।” इस स्मरण ने हर भक्त के दिल को भावुक कर दिया है।
भक्ति की दीपावली का अनोखा अर्थ
प्रेमानंद महाराज ने कहा — “दीपक वही सच्चा होता है जो भक्ति से जलता है, उसकी बाती प्रेम की होती है और उसकी आरती साधु संगति होती है।” इस संदेश ने आंसुओं के साथ मनाई दीपावली को केवल एक भावनात्मक प्रसंग नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन बना दिया है।
यह प्रवचन लोगों को यह समझाने में सफल हुआ है कि दीपावली केवल बाहरी रौशनी का पर्व नहीं बल्कि अंतरात्मा की ज्योति जलाने का अवसर है।
श्री राधा केली कुंज आश्रम में उमड़ी भक्तों की भीड़
वृंदावन के श्री राधा केली कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन और प्रवचन सुनने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पिछले रविवार रात को भी आश्रम के बाहर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। भक्त कहते हैं कि महाराज के प्रवचन सुनने से मन में शांति और प्रेम की भावना जागती है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ “आंसुओं के साथ मनाई दीपावली”
यह वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड कर रहा है। हैशटैग #आंसुओंकेसाथमनाईदीपावली और #प्रेमानंदमहाराज हजारों बार शेयर किए जा चुके हैं। लोगों ने लिखा कि “सच्ची दीपावली वही है जो प्रेम और भक्ति की ज्योति से मनाई जाए।”
कई श्रद्धालु इस बात से प्रेरित हो रहे हैं कि वे इस बार दीपावली केवल अपने लिए नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए मनाएंगे। आंसुओं के साथ मनाई दीपावली अब भक्ति और करुणा का प्रतीक बन चुकी है।
दीपावली का नया संदेश: प्रेम ही सच्ची रोशनी
संत प्रेमानंद महाराज का संदेश है कि असली दीपावली तब होती है जब भीतर का अंधकार मिटे। गरीबों की सेवा करना, दुखी मनुष्यों में प्रेम का दीप जलाना — यही भक्ति की दीया है। वे कहते हैं, “ईश्वर को मिष्टान्न नहीं चाहिए, उन्हें चाहिए तुम्हारा सच्चा हृदय।”
उनके प्रवचन में भक्ति, त्याग, करुणा और साधु संगति का संगम देखने को मिलता है। यही कारण है कि वृंदावन से लेकर दिल्ली, लखनऊ और पंजाब तक भक्त इस प्रेरक कथा को साझा कर रहे हैं।
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सवाल-जवाब : आंसुओं के साथ मनाई दीपावली
संत प्रेमानंद जी महाराज कौन हैं?
संत प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के प्रसिद्ध संत हैं जो श्री राधा केली कुंज आश्रम में रहते हैं। वे अपने प्रेरणादायक प्रवचनों और राधा-कृष्ण भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।
‘आंसुओं के साथ मनाई दीपावली’ का क्या अर्थ है?
इस शब्द का अर्थ है भक्ति और असली त्याग की दीपावली — जब व्यक्ति ईश्वर के प्रेम में डूबकर अपने आंतरिक भाव से दीप जलाता है, भले ही बाहरी साधन न हों।
यह वीडियो इतना वायरल क्यों हुआ?
क्योंकि इसमें संत प्रेमानंद महाराज ने अपने जीवन का सच्चा अनुभव साझा किया है। उनकी सादगी और भावनात्मक शब्दों ने करोड़ों लोगों के दिल को छू लिया।
श्री राधा केली कुंज आश्रम कहाँ स्थित है?
यह आश्रम उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में स्थित है, जो राधा-कृष्ण भक्ति का प्रमुख केंद्र माना जाता है।